“जल ही जीवन हैं” | Water is Life Essay
Water is Life Essay
भगवान ने जब इस दुनिया को बनाया तो उसके साथ में सबसे चमत्कारिक चीज बनायीं। उस अमूल्य चीज को सभी जानते है मगर जानते हुए भी उसपर ध्यान नहीं देते। क्यों की उस चीज की कीमत हम इंसानों को आज तक मालूम नहीं पड़ी।
“जल ही जीवन हैं” – Water is Life Essay in Hindi
पानी कुदरत का हम इंसानों को दिया हुआ बहुत ही बड़ा तोहफा है। पानी वो ऐसी चीज है जिसे सब देखते है, इस्तेमाल करते है लेकिन उसका महत्व नहीं जानते और कुछ लोग पानी का महत्व जानते भी होंगे तो वो बहुत ही कम है।
कोई भी बिना सोचे समझे पानी का विवेकहीन तरीके से इस्तेमाल करता है। इस जल का हर जगह पर इस्तेमाल किया जाता है। कोई भी काम हो पानी के बिना किया ही नहीं जा सकता। सुबह से लेकर रात तक कितने तो भी कामो में पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
जैसे हमें पता है की पृथ्वी हो या फिर अन्य कोई ग्रह हमें जिन्दा रहने के लिए पानी बहुत ही जरुरी है। पानी हमें हमेशा स्वस्थ और फिट रखता है साथ ही शरीर में पानी होने के कारण हमारा शरीर अच्छे से काम कर सकता है। पानी केवल इन्सान के लिए ही नहीं बल्की पृथ्वी पर के सभी प्राणी और वनस्पति के लिए भी बहुत जरुरी है।
केवल पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहा पानी और इन्सान मौजूद है। इसीलिए हमें पानी का महत्व समझाना चाहिए और पानी की बचत करनी चाहिए।
पृथ्वी पर 71% जल है लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है की पृथ्वी पर पिने का पानी बहुत ही कम है इसीलिए हमें उसे बचाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। अगर हम अच्छी आदते डाल ले तो पानी को बड़ी आसानी के साथ बचाया जा सकता है।
दिन भर के सभी कामो के लिए जल की आवश्यकता
पानी का इस्तेमाल पिने के लिए, कपडे धोने के लिए और भोजन बनाने के लिए किया जाता है। ज्यादा पानी पिने से हमारा दिल अच्छे से काम करता है और हमें दिल की बीमारी का कोई खतरा नहीं होता।
हमारे शरीर में अगर ज्यादा पानी हो तो हमारा दिमाग बड़े अच्छे काम कर सकता है और साथ ही हम कोई भी काम पूरी एकाग्रता के साथ कर सकते है। दिमाग तक अगर सबसे ज्यादा ऑक्सीजन को पहुचना हो तो वो काम केवल पानी की मदत से ही किया जाता है।
पानी को बचाने के मार्ग – The way to save water
पानी को किस तरह से बड़ी आसानी से बचाया जा सकता है, इसके कई रास्ते निचे बताये गए है।घर का एक सदस्य दिन में करीब 240 लीटर का इस्तेमाल करता है। चार लोगो का एक परिवार दिन में करीब 960 लिटर पानी और एक साल में करीब 3,50,400 लीटर पानी का इस्तेमाल करता है।
मगर इसमेसे केवल 3% पानी का इस्तेमाल पिने के लिए और खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और बाकी का 97% पानी का इस्तेमाल पौधों के लिए, टॉयलेट, नहाने के लिए, लांड्री और शोवेरिंग में किया जाता है। पानी बचाने के कुछ आसन तरीके निचे दिए है।
सभी ने खुद की जिम्मेदारी को समझते हुए पानी का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए और पानी की बचत करनी चाहिए।
जिस पानी का इस्तेमाल हम बाग, टॉयलेट, और साफ़सफाई के लिए करते है, उसमे से अगर थोड़ासा पानी बचाया जाए तो बहुत कुछ पानी बचाया जा सकता है।
बारिश से मिलने वाले पानी को हम टॉयलेट धोने के लिए, लांड्री, बाग के पौधे को पानी देने के लिए और शोवेरिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
टॉयलेट और शावर का इस्तेमाल करते वक्त भी हम जल की बचत कर सकते है।
वाशिंग मशीन में कपडे तभी धोने चाहिए जब बहुत सारे कपडे इकट्टा हो गए हो तो। इससे करीब हम हर महीने 4500 लीटर पानी और बिजली की भी बचत कर सकते है।
शोवेर की जगह अगर बकेट का इस्तेमाल नहाने के लिए किया जाए तो करीब हर दिन 150-200 लीटर पानी बचाया जा सकता है।
काम ना होने पर सभी नलो को ठीक से बंद कर देना चाहिए जिससे हर महीने में 200 लीटर से भी अधिक जल की बचत की जा सकती है।
होली खेलते वक्त पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
जीन लोगो को पानी की एक बूंद पाने के लिए कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है, इस बात का हमें अहसास होना चाहिए।
जब हम हाथ या किसी फ़ल को धोते है तो हमने उन्हें नल के निचे धोने की बजाय एक मग में पानी लेकर धोना चाहिए।
हमने ऐसे पेड़ लगाने चाहिए जिन्हें कम पानी की जरुरत हो।
हमने हमारे घर के लोग, बच्चे, दोस्त, पडोसी और साथ में काम करनेवाले लोगो को पानी को बचाने के बारे में बताना चाहिए।
हमने छोटे बच्चो को बताना चाहिए की जरुरत ना होने पर नल को बंद किया जाए और लॉन के हिसाब से ही स्प्रिंकलर बिठाने चाहिए।
जहापर पानी के पाईप फूटे है उन्हें जल्दी से ठीक करा लेना चाहिए या फिर उन्हें बदल देना चाहिए।
जिस गति से लोग पानी का इस्तेमाल कर रहे उसी तरहसे पानी बढ़ नहीं सकता, इसीलिए हमें हमारी धरती, परिवार और समाज को बचाना है तो जल को बचाना ही होगा।
पानी के बिना कोई भी जिन्दा नहीं रह सकता इसीलिए हम सबसे पानी को बचाकर रखना चाहिए।
पानी का इस्तेमाल पिने के लिए किया जाता है। खाना बनाने में भी इसकी जरुरत होती है। पानी के सिवा खाना बनाया ही नहीं जा सकता। हमें हर रोज नहाना पड़ता है उसके लिए भी पानी की जरुरत होती है। अगर बारिश नहीं हुई तो किसान भी खेत में फसल नहीं लगा सकते।
अगर खेतो में फसल नहीं तो लोगो को अनाज भी नहीं मिल सकता। जल की इतनी अहमियत होने के बाद भी हम लोग इसका बड़ी लापरवाही से इस्तेमाल करते है। इसे समय पर ही रोकना होगा नहीं तो इसके परिणाम भी हमें ही भुगतने होंगे।
- Save Water Slogans
- Essay on Water Pollution
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6 thoughts on ““जल ही जीवन हैं” | Water is Life Essay”
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Very nice Proud of u
we are order that you are making anuched on my favourite toy
please 200 words mai de do eassay.
kya bat haa akdam acchai jankari diye haa
इस पोस्ट को पढ़ने के लिए शुक्रिया दीपक जी, हम आगे भी इस तरह के पोस्ट अपडेट करते रहेंगे। कृपया हमारी वेबसाइट से जुड़े रहिए।
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जल ही जीवन है - Water is Life - Hindi Nibandh - Essay in Hindi
जल ही जीवन है (Water is Life)
जल ही जीवन है, प्रस्तावना.
जल, हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक तत्व है। यह जीवन के हर पहलू में एक अभिन्न भूमिका निभाता है। जल के बिना न तो मानव जीवन संभव है और न ही प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र का संचालन। पृथ्वी पर लगभग 71% भाग जल से ढका हुआ है, लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा समुद्रों और महासागरों में नमक युक्त होता है। इस निबंध में, हम जल के महत्व, जल संकट, और इसके समाधान पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
जल का महत्व
जीवन के लिए अनिवार्यता : जल जीवन का आधार है। मानव शरीर में लगभग 60% पानी होता है, और इसके बिना शारीरिक क्रियाएं ठीक से नहीं हो सकतीं। जल शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, और कोशिकाओं के पोषण में मदद करता है।
खेती और खाद्य सुरक्षा : जल कृषि के लिए आवश्यक है। फसलें पानी पर निर्भर होती हैं, और कृषि कार्यों के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है। जल के बिना, खाद्य सुरक्षा का कोई प्रश्न ही नहीं है।
औद्योगिक उपयोग : जल औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए भी आवश्यक है। यह विभिन्न उद्योगों में कूलिंग, परिवहन, और उत्पादन प्रक्रियाओं में इस्तेमाल होता है।
पर्यावरणीय संतुलन : जल पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित रखने में मदद करता है। नदियाँ, झीलें, और समुद्र जीवन के विविध रूपों के लिए आवास प्रदान करते हैं और पारिस्थितिक तंत्र को स्थिर बनाते हैं।
पेयजल की आवश्यकता : पीने के लिए साफ और शुद्ध जल की आवश्यकता होती है। मानव स्वास्थ्य के लिए शुद्ध जल का सेवन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जल संकट के कारण
जल की अत्यधिक खपत : तेजी से बढ़ती जनसंख्या और विकास के कारण जल की अत्यधिक खपत हो रही है। अधिक पानी का उपयोग कृषि, उद्योग, और घरेलू कार्यों में किया जा रहा है।
जल प्रदूषण : औद्योगिक अपशिष्ट, रसायन, और घरेलू कचरे के कारण जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। यह न केवल जल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देता है।
अत्यधिक दोहन : जल स्रोतों का अत्यधिक दोहन, जैसे कि भूमिगत जल का असीम उपयोग, जल संकट को बढ़ाता है।
जलवायु परिवर्तन : जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश की मात्रा और पैटर्न बदल रहे हैं। यह जल संकट को और गंभीर बना देता है।
वनों की कटाई : वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण वर्षा के पानी का संचयन प्रभावित हो रहा है, जिससे जल की उपलब्धता कम हो रही है।
जल संकट के समाधान
जल संरक्षण : जल संरक्षण का महत्वपूर्ण कदम है। घरों और उद्योगों में जल की खपत कम करने के उपाय अपनाए जाने चाहिए। उदाहरण के लिए, लीकिंग पाइप्स की मरम्मत और जल-बचत उपकरणों का उपयोग।
पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग : जल पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग के उपायों को अपनाना चाहिए। नलियों के पानी को रिसाइकिल कर उपयोग में लाना, और ग्रे वाटर को पुनः प्रयोग में लाना इसके अच्छे उदाहरण हैं।
वृक्षारोपण : वृक्षारोपण जल संकट के समाधान में मदद कर सकता है। पेड़ बारिश के पानी को संचित करने में मदद करते हैं और जलवायु को स्थिर बनाते हैं।
शिक्षा और जागरूकता : लोगों को जल संरक्षण और उसके महत्व के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए ताकि लोग जल की बचत की आदतें अपनाएं।
सरकारी नीतियाँ और उपाय : सरकार को जल प्रबंधन के लिए ठोस नीतियाँ और योजनाएँ बनानी चाहिए। जल स्रोतों की सुरक्षा, जल की उचित कीमत, और प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े नियमों की आवश्यकता है।
समुदाय की भागीदारी : जल संरक्षण के प्रयासों में समुदाय की भागीदारी महत्वपूर्ण है। स्थानीय स्तर पर जल संरक्षण अभियानों को प्रोत्साहित करना चाहिए और जनसमूह को सक्रिय रूप से शामिल करना चाहिए।
निष्कर्ष
जल जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज के समय में जल संकट एक गंभीर समस्या बन चुका है, जिसे तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। जल संरक्षण के उपायों को अपनाकर, हम इस अमूल्य संसाधन का सही उपयोग सुनिश्चित कर सकते हैं। व्यक्तिगत, सामुदायिक और सरकारी स्तर पर किए गए प्रयास जल संकट को कम कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की उपलब्धता को सुनिश्चित कर सकते हैं। जल ही जीवन है, और इसे बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
जल ही जीवन है - Water is Life - Hindi Nibandh - Essay in English
Water is life - in english, introduction.
Water is one of the most crucial and indispensable elements for the existence of life on Earth. It encompasses everything from rivers and lakes to seas and oceans, providing essential resources like clean air, water, and food. Despite covering approximately 71% of the Earth's surface, most of this water is saline, found in oceans and seas. In this essay, we will discuss the significance of water, the water crisis, and potential solutions.
Importance of Water
Essential for Life : Water is fundamental to life. Approximately 60% of the human body is composed of water, and it is vital for various physiological functions. Water regulates body temperature, removes toxins, and aids in cellular nourishment.
Agriculture and Food Security : Water is essential for agriculture. Crops rely on water, and irrigation is necessary for agricultural activities. Without adequate water, food security would be compromised.
Industrial Use : Water is crucial for industrial processes. It is used for cooling, transporting, and producing various goods in industries.
Environmental Balance : Water helps maintain ecological balance. Rivers, lakes, and oceans provide habitats for diverse forms of life and contribute to a stable ecosystem.
Potable Water Needs : Access to clean and pure drinking water is essential for health. Safe drinking water is a prerequisite for preventing waterborne diseases and maintaining overall well-being.
Causes of Water Crisis
Excessive Water Consumption : Rapid population growth and development have led to excessive water consumption. High water usage in agriculture, industry, and domestic activities has put pressure on water resources.
Water Pollution : Industrial waste, chemicals, and domestic sewage are contaminating water sources. This pollution not only affects water quality but also has adverse health impacts.
Overexploitation : Overexploitation of water resources, such as excessive groundwater extraction, exacerbates the water crisis.
Climate Change : Climate change is altering precipitation patterns and the amount of rainfall, intensifying the water crisis.
Deforestation : Deforestation affects water retention and disrupts the natural water cycle, leading to decreased water availability.
Solutions to the Water Crisis
Water Conservation : Water conservation is a critical step. Reducing water consumption in households and industries, repairing leaks, and using water-efficient fixtures can help.
Recycling and Reuse : Implementing water recycling and reuse practices is essential. Reusing greywater and recycling water in industries can reduce the strain on freshwater sources.
Afforestation : Planting trees can help combat the water crisis. Forests help retain rainfall and stabilize the climate, thus contributing to water conservation.
Education and Awareness : Raising awareness about water conservation is crucial. Educational programs in schools and communities can promote water-saving practices.
Government Policies and Measures : Governments should formulate and enforce robust water management policies. This includes protecting water sources, regulating water pricing, and implementing pollution control measures.
Community Participation : Community involvement in water conservation efforts is vital. Local initiatives and public engagement in water-saving practices can lead to more effective outcomes.
Water is not just a resource but a fundamental element of life. The current water crisis is a pressing issue that requires immediate attention. By adopting effective water conservation measures and fostering collective responsibility, we can mitigate the crisis and ensure water availability for future generations. Water conservation is a shared responsibility, and with concerted efforts at individual, community, and governmental levels, we can work towards a sustainable and water-secure future.
प्रस्तुतकर्ता hindi kahaniya
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जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi
Dear Students, He Welcomes You Are Looking About Water is Life Essay in Hindi. यहाँ जल ही जीवन है पर निबंध Water is Life Essay in Hindi Language Or Jal Hi Jeevan Hai Par Nibandh In 100, 150, 200, 250, 300, 400 And 500 Words Short Long Essay For Class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10th Class Kids.
जल ही जीवन है – निबंध 1
प्रस्तावना – जल का एक नाम जीवन भी हैं. वैज्ञानिक भी कहते हैं कि पृथ्वी पर जीवन का आरम्भ जल से ही हुआ. अतः जल जीवन का आधार हैं. जल के बिना प्राणियों का अस्तित्व सम्भव नहीं हैं. जल मनुष्य के लिए प्रकृति का अमूल्य उपहार हैं.
जल संकट (water crisis) – संसार में जल का भयंकर अभाव होने की संभावना हैं. इसका कारण निरंतर बढ़ रही जनसंख्या हैं. मनुष्यों तथा पशुओ की वृद्धि के साथ ही पानी की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही हैं.
दूसरी ओर प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण पहाड़ो तथा ग्लेशियरों की बर्फ तेजी से पिघल रही हैं और अत्यधिक दोहन के कारण भूजल का भंडार भी घट रहा हैं. ऐसी दशा में पानी की मांग बढ़ेगी ही. यह माना जा रहा हैं कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा.
जल संरक्षण का तात्पर्य – जल संरक्षण का तात्पर्य हैं जल का अपव्यय रोकना और वर्षा के समय व्यर्थ बह जाने वाले जल को भविष्य के लिए सुरक्षित करके रखना. बताया जाता हैं कि धरती का तीन चौथाई भाग जल से ढका हुआ हैं, किन्तु पीने योग्य या उपयोगी जल की मात्रा बहुत सिमित हैं.
हम प्रायः धरती के भीतर स्थित जल को उपयोग में लाते हैं. कुएँ, हैण्डपम्प, नलकूप, सबमर्सिबिल पम्प आदि से यह जल प्राप्त होता हैं. धरती के ऊपर नदी, तालाब, झील, झरनों आदि का जल उपयोग में आता हैं किन्तु प्रदूषण के चलते जलाशयअनुपयोगी होते जा रहे हैं.
धरती के भीतर स्थित जल की अंधाधुंध खिचाई के कारण जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा हैं. यह भविष्य में घोर संकट का संकेत हैं. अतः जल का संरक्षण करना अनिवार्य हो गया हैं.
जल संरक्षण कि आवश्यकता व उपाय – देशभर में धरती के अंदर का जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा हैं. भू गर्भ के जल का संतुलन वर्षा के जल से ही होता हैं. जो भारत में अत्यंत कम होता हैं. अतः धरती को पानी वापिस नहीं मिल पाता. अब जल संरक्षण की चेतना जागृत हो रही हैं.
लोग परम्परागत रीतियों से जल का भंडारण कर रहे हैं. सरकार भी इस दिशा में प्रयास कर रही हैं. खेती में जल की बर्बादी रोकने के लिए सिंचाई की फव्वारा पद्धति, पाइप लाइन से आपूर्ति, हौज पद्धति, खेत में ही तालाब बनाने आदि को अपनाया जा रहा हैं. मैग्सेस पुरस्कार प्राप्त श्री राजेन्द्र सिंह का तरुण भारत संघ तथा अन्य समाजसेवी संगठन भी सहयोग कर रहे हैं.
जल संरक्षण के अन्य उपाय – उपर्युक्त उपायों के अतिरिक्त जल संरक्षण के अन्य उपायों को अपनाया जाना भी परम आवश्यक हैं. शीतल पेय बनाने वाली कम्पनियों तथा बोतल बंद जल बेचने वाले संस्थानों पर नियंत्रण किया जाना चाहिए.
वर्षा के जल को संग्रह करके रखने के लिए पुराने तालाब, पोखर आदि का संरक्षण आवश्यक हैं. उनको पाटकर उनका भवन निर्माण तथा अन्य कार्यों के लिए उपयोग रोका जाना आवश्यक हैं.
नये तालाब अधिक से अधिक बनाये जाने चाहिए. नगरों में पानी का अपव्यय बहुत हो रहा हैं. अतः जल के अपव्यय पर कठोर नियंत्रण होना चाहिए.
उपसंहार – धरती के अंदर जल स्तर का गिरते जाना आने वाले जल संकट की चेतावनी हैं. भूमंडल का वातावरण गर्म हो रहा हैं इससे नदियों के जन्म स्थल ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं.
कहीं ऐसा न हो कि हमारी प्रसिद्ध नदियों का नाम मात्र शेष रह जाए अतः हम सभी का दायित्व है कि तन, मन और धन से जल संरक्षण को सफल बनाएं.
जल ही जीवन है – निबंध 2
इस पृथ्वी पर रहने वाले अधिकांश प्राणियों का जीवन जल पर निर्भर है। अतः पानी के बिना उनके जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। एक मनुष्य का औसतन शरीर 70% जल से बना हुआ है। लेकिन फिर भी हम जल के महत्व को हमेशा ही नजरअंदाज करते हैं और जल को बर्बाद करते हैं। जल का संरक्षण आज मानव समाज के अत्यंत आवश्यक हो चुका है।
जहां कई सारे शहरों में जल की अपार सुविधा है तो वहीं कई शहर व गावों में जल की कमी देखने को मिलती है। मुंबई जैसे पापुलेटेड सिटी में जल की इतनी कमी है कि लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है। लेकिन वही बंगाल और बिहार जैसे जगहों पर जहां जल की सुविधाएं हैंवहां लोग जल की बर्बादी करते हैं।
आने वाले समय में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना पैदा हो रही है, जहां हमारे वंशज जल के लिए तड़पेंगे। बहुत से शहरों में तो अभी से ही यह स्थिति देखने को मिलती है।
जल को बर्बाद करने के साथ-साथ लोग भारी मात्रा में जल प्रदूषित भी करते हैं। जिसके कारण जलीय प्राणियों को भी अपने जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
हम सभी लोगों का यह कर्तव्य है कि हम जल को साफ रखें ताकि हमें जल की कमी कभी महसूस ना हो साथ ही साथ जलीय जंतु को भी कोई हानि ना हो।
जल ही जीवन है – निबंध 3
जल प्रकृति के सबसे खास उपहारों में से एक है! इस धरती पर जीवित रहने के लिए वायु की जितनी आवश्यकता होती है। उतनी ही आवश्यकता जल की भी है।
जल के बिना इस धरती पर कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता है। चाहे जलीय प्राणी हो या फिर स्थलीय प्राणी मनुष्य हो या पेड़ पौधे जल के बिना जीवित रहना नामुमकिन है। इसीलिए तो जल को जीवन की संज्ञा दी गई है।
जल का महत्व व उसकी प्राप्ति
इस धरती पर रहने वाले हर प्राणी को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता है। जल विशेषतया हमें नल, कुएं, तालाब, झील, समुद्र आदि से प्राप्त होता है। हालांकि समुंद्र जल में नमक की मात्रा अधिक होने के कारण उस जल का उपयोग पीने के लिए नहीं किया जाता है।
इतना ही नहीं समुद्र के जल को पीने योग्य बनाना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए झील, तालाब और कुएं के जल को ही पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
जल के महत्व को समझना है तो आप उस जगह पर जा कर देखिए जहां सूखा पड़ा है! जिस जगह पर जल की कमी होती है उस जगह पर मिट्टी सूख जाती है जिसके कारण फसल उगाना भी नामुमकिन हो जाता है जिसके कारण लोगों को आर्थिक नुकसान भी होता है।
कृषि प्रधान होने के कारण हमारे देश के हर कोने में खेती की जाती है लेकिन इसके बावजूद कई स्थानों पर जल की बहुत ही समस्या है। इस समस्या से परेशान होकर किसान कई बार आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं।
जल के महत्व को समझना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। वरना आने वाले समय में शायद हम भी जल की कमी के कारण अपने जीवन में संघर्ष करने पर मजबूर हो जाएंगे।
जल ही जीवन है – निबंध 4
आपने यह तो जरूर सुना होगा कि “जल है तो कल है” चाहे आप दुनिया के किसी भी हिस्से में क्यों ना चले जाए! जल की आपूर्ति के बिना आप जीवित ही नहीं रह सकते हैं।
जल स्रोतों में कमी और जल प्रदूषण
जिस तरह से इंसान प्रगति की ओर बढ़ रहा है। वैसे वैसे शुद्ध जल से प्राप्ति के स्त्रोत भी धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। अब तो ऐसा हो गया है जैसे हमें अशुद्ध जल पीने की ही आदत हो गई है। और इसका सबसे बड़ा कारण जल की कमी है।
जल को बर्बाद करने के साथ-साथ लोग इसे अंधाधुंध प्रदूषित कर रहे हैं! चाहे बात जानवरों के नहाने की हो या फिर फैक्ट्री के कचरे को नदी में बहाने की हो। लोग जल को हर तरह से गंदा कर रहे हैं! जल प्रदूषण के कारण वैसे तो लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन फिर भी लोग अपनी आदत नहीं सुधार रहे हैं।
जल प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारी
जल प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है जैसे लूज मोशन, डायरिया, डिसेंट्री आदि। यह सभी परेशानियां ऐसी हैं जिनका इलाज अगर सही समय पर ना किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती हैं।
अगर कोई प्रदूषित जल का सेवन करता है तो उसे आंख में जलन, सांस लेने में तकलीफ, टीबी, गले में इंफेक्शन, साइनस, अस्थमा एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
जल प्रदूषण को रोकने के उपाय
जल प्रदूषण को रोकने और जल की बर्बादी को कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लोग इस बारे में सतर्क भी हो रहे हैं। लोगों को जल प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के लिए अलग-अलग एनजीओ/संस्थाओं के द्वारा कई अभियान चलाए जाते हैं।
इन अभियानों में लोगों को जल का महत्व समझाया जाता है। इतना ही नहीं लोगों को यह भी बताया जाता है कि वह किस तरह जल की बर्बादी को रोक सकते हैं और जल संरक्षण करने में सरकार की सहायता कर सकते हैं।
सरकार भी देश की समस्या को लेकर नई नई योजनाएं जैसे जल संरक्षण योजना, जल जीवन योजना लागू कर रही है। ताकि जल की कमी होने से रोका जा सके।
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जल ही जीवन है निबंध – Water Is Life Essay In Hindi
जल ही जीवन है निबंध – (essay on water is life in hindi), विश्व में गहराता जलसंकट – deep water scarcity in the world.
- प्रस्तावना,
- जल का महत्त्व,
- जलाभाव का परिणाम,
- जल की उपलब्धता,
- भावी जल संकट,
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
जल ही जीवन है निबंध – Jal Hee Jeevan Hai Nibandh
प्रस्तावना– वेदों में कहा गया है–’आप एव ससर्जादौ’ अर्थात् परमात्मा ने सबसे पहले जल की सृष्टि की। पुराणों में विष्णु के प्रथम अवतार वाराह द्वारा जलमग्न पृथ्वी का उद्धार किए जाने का वर्णन मिलता है। प्रलय अर्थात् सृष्टि का अन्त होने पर समस्त धरती जलमग्न हो जाती है।
इन बातों को हम मिथक कह सकते हैं, किन्तु विज्ञान के अनुसार जल जीवन या जीव–सृष्टि की प्रथम शर्त है। चन्द्रमा या मंगल पर जीवन की खोज में जुटे वैज्ञानिकों की आशा का बिन्दु भी, वहाँ कहीं न कहीं जल की उपस्थिति पर ही टिका है। शब्दकोश भी जल और जीवन को पर्यायवाची बताता है।
जल का महत्त्व– सम्पूर्ण सौरमण्डल में आज तक ज्ञात ग्रहों में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहाँ जल का अपार भण्डार है। जल के बिना जीवन की कल्पना ही असम्भव है। जल ने ही पृथ्वी पर चर–अचर जीव जगत् को सम्भव बनाया है। जीवाणु लेकर स्थूलतम जीव हाथी तक और शैवाल से लेकर गगनचुम्बी वृक्षों तक सभी का जीवनाधार जल ही है। मानव शरीर में भी सर्वाधिक मात्रा जल की ही है।
जल की कमी हो जाने पर जीवन के लाले पड़ जाते हैं और कृत्रिम उपायों से शरीर में उसकी पूर्ति करनी पड़ती है। हमारे भोजन, वस्त्र, भवन, स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संतुलन सभी के लिए जल का कोई विकल्प नहीं है। हमारी सुख–सुविधा, आमोद–प्रमोद और मनोरंजन भी जल से जुड़ा हुआ है। घरों में कपड़े धोने, भोजन बनाने, स्नान करने और गर्मी से बचने को कूलर चलाने में जल ही सहायक होता है।
जलाशयों में तैरकर और नौकाविहार करके हम आनन्दित होते हैं। हमारी गृह–वाटिकाओं में जल चाहिए। पार्कों और वनांचलों की हरियाली जल पर ही टिकी है। जल के बिना कृषि की कल्पना ही नहीं की जा सकती। जीवन के अस्तित्व और पोषण से जुड़ी किसी भी वस्तु को देख लीजिए, किसी न किसी स्तर पर उसे जल के योगदान की आवश्यकता अवश्य होती है।
जलाभाव का परिणाम– कल्पना कीजिए कि पृथ्वी कभी जल–विहीन हो जाय तो क्या दृश्य उपस्थित होगा ? सारा जीव जगत् तड़प–तड़प कर दम तोड़ेगा। यह मनोरम हरीतिमा, ये इठलाती नदियाँ, झर–झर करते निर्झर, लहराते सागर, रिमझिम बरसते मेघ, ये चहल–पहल, दौड़ते वाहन, नृत्य–संगीत के आयोजन, ये मारामारी, सब कुछ नामशेष हो जाएँगे।
जल की उपलब्धता– प्रकृति ने जीवनाधार जल की प्रभूत मात्रा मानव जाति को उपलब्ध कराई है। पृथ्वी का लगभग तीन–चौथाई भाग जलावृत है। इसमें मानवोपयोगी जल की मात्रा भी कम नहीं है। नदियों, सरोवरों, झीलों आदि के रूप में पेयजल उपलब्ध है।
भावी जल–संकट–आज प्रकृति के इस निःशुल्क उपहार पर संकट के बादल मँडरा रहे हैं। नगरों और महानगरों के अबाध विस्तार ने तथा औद्योगीकरण के उन्माद ने भूगर्भीय जल के मनमाने दोहन और अपव्यय को प्रोत्साहित किया है। भारत के अनेक प्रदेश, जिनमें राजस्थान भी सम्मिलित है, जल स्तर के निरंतर गिरने से संकटग्रस्त हैं। जल की उपलब्धता निरंतर कम होती जा रही है।
इस संकट के लिए मनुष्य ही प्रधान रूप से उत्तरदायी है। अति औद्योगीकरण से बढ़ रहे भूमण्डलीय ताप (ग्लोबल वार्मिंग) से, ध्रुवीय हिम तथा ग्लेशियरों के शीघ्रता से पिघलने की आशंका व्यक्त की जा रही है। वैज्ञानिक घोषणा कर रहे हैं कि अगली तीन–चार दशाब्दियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र आदि का केवल नाम ही शेष रह जाएगा। हिम तथा ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का जल–स्तर बढ़ जाएगा तथा समुद्र तट पर बसे शहर खत्म हो जायेंगे।
उपसंहार– ‘जल है तो जीवन है’ इस सच को राजस्थान से अधिक और कौन जानता है। जल जैसी बहुमूल्य वस्तु के प्रति हमारा उपेक्षापूर्ण रवैया कितना घातक हो सकता है, यह उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है। अतः अभी से जल–प्रबंधन के प्रति जागरूक होना हमारे लिए जीवित रहने की शर्त बन गया है।
अतः परम्परागत एवं आधुनिक तकनीकों से जल के संरक्षण और भंडारण का कार्य युद्ध–स्तर पर होना चाहिए। जनता और प्रशासन दोनों के उद्योग और सहयोग से ही इस भावी संकट से पार पाना सम्भव है।
जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi
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जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi
जल हमें प्रकृति के द्वारा दिया गया एक महत्वपूर्ण संसाधन है लेकिन अन्य संसाधनो की तरह यह भी सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। वैसे तो हमारे पृथ्वी का 70 प्रतिशत हिस्सा जल है लेकिन मनुष्य के पीने लायक जल केवल 1 प्रतिशत ही है बाकि का जल नदियों, तालाबों और पहाड़ो में बर्फ के रूप में जमा हुआ है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है क्योंकि जल के अभाव में व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है इसलिए जल ही जीवन है और यह केवल सीमित मात्रा में मौजूद है और यदि हम उसका भी दुरूपयोग करते रहेंगे तो एक समय ऐसा आऐगा जब हमारे पास पीने के लिए भी पानी नहीं होगा।
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जल का महत्व ( Importance of Water )- जल मनुष्य के लिए बहुपयोगी है। जल का प्रयोग पीने, खाना बनाने, कपड़े धोने, बर्तन धोने, साफ सफाई आदि के कार्यों के लिए किया जाता है। पानी का प्रयोग खेतों की सिंचाई के लिए भी किया जाता है। जल केवल मानव जाति के लिए ही आवश्यक नहीं है बल्कि पशु पक्षियों और वनस्पतियों का जीवन भी जल पर ही निर्भर करता है। जल के बिना मनुष्य कोई भी कार्य नहीं कर सकता है।
जल का दुरूपयोग और उसके दुष्परिणाम – मनुष्य निरंतर अपनी कल क्रियाओं से जल को दुषित करता जा रहा है जिससे कि जल प्रदुषित हो जाता है और दुषित जल के प्रयोग से हैजा और कलोरा जैसी बिमारियाँ उत्पन्न होती है। जल को यूहीं बहता हुआ छोड़ने से जल की कमी हो जाती है जिससे कि भूमि बंजर होती जा रही है और पेड़ पौधों का सही पालन पोषण नहीं हो पा रहा है। जल के अनावश्यक प्रयोग के कारण भूमिगत जल का स्तर गिरता ही जा रहा है। यदि इस तरह पानी का दुरूपयोग होता रहा तो इसका परिणाम बहुत ही विनाशकारी होगा।
जल सरंक्षण – जल ही जीवन है इसलिए इसका सरंक्षण और इसकी सुरक्षा बहुत ही आवश्यक है। वर्षा के जल को घर की छत पर टैंक बनाकर उसमें सरंक्षित किया जा सकता है जिसको कपड़े धोने और साफ सफाई के कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है। हम नलों को बहता हुआ न छोड़कर और टूटे हुए पानी के पाइपों दी मरम्मत करवाकर भी पानी को सरंक्षित कर सकते हैं।
निष्कर्ष- कहा जाता है कि जल है तो कल है और यह बिल्कुल सच है क्योंकि जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है। इसलिए जल का सरंक्षण एक वैश्विक मुद्दा है और हम सबको मिलकर जल को स्वच्छ और सरंक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए।
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जल ही जीवन है पर निबंध
By विकास सिंह
विषय-सूचि
जल ही जीवन है पर छोटा निबंध, save water save life essay in hindi (200 शब्द)
सभी जीवों के लिए पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए वायु के बाद पानी दूसरा सबसे जरूरी पदार्थ है। पीने के रूप में उपयोग किए जाने वाले पानी के अलावा, इसके विभिन्न उपयोग भी हैं जैसे कि धुलाई, खाना बनाना, सफाई करना आदि। पानी न केवल जीवित प्राणी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पौधे या पेड़ों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह कीमती तत्व कृषि क्षेत्र के लिए और विभिन्न उद्योगों के लिए भी आवश्यक है।
जल का महत्व:
जीवन की शुरुआत से ही पानी इतना महत्वपूर्ण है कि सभी प्रमुख सभ्यता दुनिया में नदी के पास होती है। भारत में प्रमुख शहरों को विकसित करने में नदियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि नदी के माध्यम से परिवहन बहुत आसान है। आजकल वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन के बारे में बात कर रहे हैं क्योंकि उन्हें हवा में कुछ जमे हुए पानी के कण और नमी मिली थी।
वैज्ञानिक अभी भी जीवन की खोज कर रहे हैं, लेकिन मुख्य बिंदु यह है कि पानी की उपलब्धता के कारण हम जीवन की कल्पना कर सकते हैं अन्यथा जीवन की कोई संभावना नहीं है, इसलिए हम यह भी कह सकते हैं की जल ही जीवन है।
पृथ्वी के पारिस्थितिक संतुलन के लिए पानी महत्वपूर्ण है यानी समुद्र से पानी वाष्पित होता है और वायु को जल वाष्प के रूप में जोड़ता है और बादल में बदल जाता है। जब बादल समुद्र से सादे क्षेत्र में स्थानांतरित हो जाता है, और ठंडा हो जाता है, तो यह बारिश में परिवर्तित हो जाता है और नदी और भूजल को फिर से भर देता है।
जल ही जीवन है पर निबंध, water is life essay in hindi (300 शब्द)
प्रस्तावना:
’पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए पानी बचाओ’, यह नियम अब हम सभी के लिए प्रमुख आवश्यकता बन गया है। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर रहने के लिए पानी उतना ही आवश्यक है, लेकिन सबसे बुरी बात यह है कि दिन पर दिन ताजा पानी कम होता जा रहा है।
पानी की कमी के कारण दुनिया में सूखे, विभिन्न बीमारियों, पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसे कई प्राकृतिक संकट पैदा हो रहे हैं, फिर भी दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा पानी की बचत के महत्व को नहीं समझ रहा है।
जल संरक्षण का महत्व:
प्रकृति का चक्र पूरी तरह से पानी पर निर्भर करता है। जब तक पानी का वाष्पीकरण और हवा में मिश्रण नहीं होगा तब तक पृथ्वी पर बारिश नहीं होगी, जिससे क्षतिग्रस्त फसलें और सभी जगह सूखे की सबसे खराब स्थिति हो सकती है। प्रत्येक जीवित प्राणी चाहे वे मानव हों, पशु हों या पौधों को यहाँ जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
न केवल पानी पीने के लिए आवश्यक है बल्कि यह घरेलू उपयोग के लिए भी आवश्यक है जैसे धुलाई, सफाई, मोपिंग, खाना बनाना और यहां तक कि बिजली संयंत्र सहित कृषि और औद्योगिक उपयोग के लिए भी यह ज़रूरी है।
भारत के कई क्षेत्रों में पानी की मात्रा इतनी कम है कि ताजा पानी बिलकुल नहीं है। उन स्थानों पर लोगों को अपने दैनिक उपयोग के लिए पीने योग्य पानी प्राप्त करने के लिए या तो बहुत अधिक शुल्क देना पड़ता है या सैकड़ों मील दूर जाना पड़ता है। जल सभी जीवित प्राणियों के लिए इतना महत्वपूर्ण घटक है कि अगर हम अभी भी इसे संरक्षित करने का उपाय नहीं खोजते हैं, तो पृथ्वी पर अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
शहरीकरण के लिए पानी का उपयोग:
शहरी क्षेत्र आमतौर पर नदी के किनारे पाए जाते हैं। प्रत्येक उद्योग को विभिन्न प्रकार के निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता होती है, जहाँ पानी का उपयोग किसी उत्पाद के निर्माण, प्रसंस्करण, धोने, पतला करने, ठंडा करने या परिवहन के लिए किया जाता है। पानी का एक प्रमुख उपयोग बिजली उत्पादन में बिजली उत्पादन के लिए है।
निष्कर्ष:
पृथ्वी पर जल एक असीम प्राकृतिक संसाधन है जो पुन: चक्रण द्वारा बनता है लेकिन ताजा और पीने योग्य पानी हमारी प्रमुख आवश्यकता है जिसे हमारे सुरक्षित स्वस्थ जीवन के लिए बचाया जाना चाहिए। पानी को बचाने के प्रयास के बिना, एक दिन पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होगा।
जल ही जीवन है पर निबंध, water is life essay in hindi (400 शब्द)
जल सभी जीवित प्राणियों के लिए पृथ्वी पर अनमोल पदार्थ है। कोई भी बिना पानी के जीने की सोच भी नहीं सकता। यह कहना कठिन है, लेकिन यह तथ्य यह है कि पीने योग्य पानी दिन-प्रतिदिन पूरी दुनिया में कम हो रहा है, यहां तक कि पृथ्वी भी 71% पानी से ढकी हुई है। पानी बचाओ जीवन बचाओ ’के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न देश विभिन्न कार्यक्रम और कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।
सामाजिक जागरूकता के लिए विभिन्न कदम:
वर्तमान समय में हर जगह लोग जल संसाधनों की कमी, भूजल स्तर में कमी, दुनिया के कई हिस्सों में सूखे और वर्षा जल संचयन आदि के बारे में बात कर रहे हैं। जल संसाधनों की कमी अब दुनिया के लिए एक वैश्विक समस्या बन गई है और प्रमुख तथ्य है। यह तब हो रहा है जब पृथ्वी लगभग 71% पानी से ढकी हुई है। वास्तव में उपयोगी पानी केवल 3.5% उपलब्ध है, अन्य महासागर का पानी है जिसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
ऐसे किसी भी मुद्दे का सामना करना और हल करना सभी के लिए सामाजिक जागरूकता है। पूरी दुनिया अब पानी की कमी के ऐसे वैश्विक मुद्दे को सुलझाने के लिए एकजुट है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) 22 मार्च को “विश्व जल दिवस” के रूप में मनाता है ताकि ताजे पानी के महत्व और ताजे जल संसाधनों के प्रबंधन का समर्थन किया जा सके। भारत सरकार (GOI) लोगों में सामाजिक जागरूकता पैदा करके जल संसाधनों के संवर्द्धन, संरक्षण और कुशल प्रबंधन के लिए कई कदम उठा रही है।
भारत सरकार और राज्य सरकार ने “गंगा और अन्य नदियों” का कायाकल्प करने के लिए “पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय” के लिए समर्पित मंत्री जैसे लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कई विभाग तैयार किए हैं। केंद्रीय भूजल बोर्ड भूजल विकास के नियमन और वर्षा जल संचयन और कृत्रिम पुनर्भरण को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठा रहा है।
आध्यात्मिक नेता “सद्गुरु जग्गी वासुदेव” ने “रैली फॉर रिवर्स” अभियान द्वारा जागरूकता पैदा की है। इस अभियान में, उन्होंने नदी के किनारों पर कम से कम एक किलोमीटर पेड़ के कवर को बनाए रखते हुए भारत की नदियों का कायाकल्प करने का सबसे सरल समाधान दिया। जंगल के पेड़ या तो सरकारी भूमि पर लगाए जा सकते हैं या खेत की भूमि पर लाए गए कृषि आधारित पेड़ हो सकते हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि हमारी नदियों को नम मिट्टी द्वारा पूरे वर्ष भर खिलाया जाए। इससे बाढ़, सूखा और मिट्टी की हानि भी कम होगी जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होगी।
सभी को हमारे जीवन में पानी के महत्व और पानी की कमी के दौरान आने वाली समस्या को समझना चाहिए। सरकार और एनजीओ पानी के महत्व के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं और कैसे दैनिक जीवन में पानी की बचत करते हैं। पानी कीमती है और हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।
जल ही जीवन है पर निबंध, save water save life essay in hindi (500 शब्द)
ग्लोबल वार्मिंग की सबसे बड़ी समस्या निस्संदेह पृथ्वी पर एक विशाल जल ह्रास है जो मुख्य रूप से पूरे ग्रह पर पानी के दुरुपयोग के कारण है। आज के समय में “जल बचाओ पृथ्वी बचाओ” के सूत्र को समझने की अत्यधिक आवश्यकता है। शुद्ध पानी सभी आवश्यकताओं का प्रमुख स्रोत है, जो एक स्वस्थ जीवन जीने के तरीके से जीवित होना चाहता है।
जल संरक्षण के उपाय क्या हैं?
पृथ्वी पर सूखे की सबसे खराब स्थिति को रोकने के लिए पानी का बेहतर और कम उपयोग हमारी आवश्यकता है। इस निबंध में, हम इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि सौंदर्य हरियाली के वातावरण और पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण रूप से जीवन को बचाने के लिए पानी का संरक्षण कैसे किया जाए। अगर हम इस पर गंभीरता से सोचते हैं तो हमने पाया कि यह बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। पहले हमें अपने दैनिक जीवन से शुरुआत करने की जरूरत है।
हमारी नई पीढ़ी को “पृथ्वी बचाओ धरती बचाओ” के सूत्र को समझने की अत्यधिक आवश्यकता है। हम इसे अपने जीवन के हर सेकंड में सहेज सकते हैं। एक छोटा कदम पानी की बचत में सैकड़ों गैलन जोड़ सकता है। यहाँ कुछ बिंदु हैं जिन्हें हमें अपने दैनिक जीवन में ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
नियमित गतिविधियों के दौरान थोड़ी सावधानी बरतें जैसे कि ब्रश करते समय नल बंद करना, हाथ धोना और शेविंग करने से प्रति माह भारी मात्रा में लगभग 160 गैलन पानी बच सकता है। शॉवर लेने के बजाय बाल्टी का उपयोग भी पानी बचाने के संबंध में जरूरतमंदों को करेगा।
दोपहर के बजाय सुबह और शाम के समय में पौधों को पानी देना हमेशा पानी को बचाने के लिए बेहतर उपाय है, हालांकि वसंत के मौसम में पेड़ लगाना भी समाधान में जोड़ा जा सकता है। बिना देरी किए अनावश्यक पानी की कमी को रोकने के लिए घर में सभी रिसाव को ठीक करना आवश्यक है।
बाल्टी का उपयोग करने के बजाय, पानी की बचत के मामले में कार को पाइप से धोना हमेशा खराब विकल्प होता है। वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर का उपयोग हमेशा पानी से बचाने में मदद करता है जब वे पूरी तरह से लोड होते हैं। अपने घर में पानी के पुनर्चक्रण की सही प्रक्रिया को लागू करें हमेशा पानी के संरक्षण के संदर्भ में एक सही निर्णय साबित होता है।
पानी का संरक्षण कुछ ऐसा है जो प्रकृति और हमारे भविष्य को सुरक्षित बनाता है। हम सभी जानते हैं कि दिन-प्रतिदिन पृथ्वी पर पानी का स्तर गिरता जा रहा है और इसके कारण हमारी प्रकृति बुरी तरह से पीड़ित है। पानी को संरक्षित करने और हमारी भावी पीढ़ी के स्वस्थ जीवन के लिए इसकी शुद्धता बनाए रखने के लिए सीखना और लागू करना बेहतर होना चाहिए।
ग्रह पर उपलब्ध पानी की वर्तमान स्थिति को देखने के बाद, पानी की एक-एक बूंद को अब सहेजने की जरूरत है। जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी का 71% क्षेत्र पानी से ढका हुआ है, लेकिन यह तथ्य की पानी का केवल 3.5% हिस्सा बचा है, जो जीवित रहने के लिए उपयोगी है, इस प्रकार, हमें अपनी भावी पीढ़ी की खातिर पानी के महत्व को समझना आवश्यक है प्राकृतिक संसाधनों का चक्र विशेष रूप से पृथ्वी का नीला भाग है जो ‘जल’ है।
जल ही जीवन है पर निबंध, save water save life essay in hindi (600 शब्द)
पृथ्वी पर प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों में से एक पानी है जो मानव, पशु, पौधे आदि सभी जीवों के लिए पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण पदार्थ है। पानी हमारी दैनिक जरूरतों के लिए आवश्यक है यहां तक कि हम पानी के बिना जीवित रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
हमें प्रत्येक चीज़ के लिए पानी की आवश्यकता होती है जैसे कि खाना पीना, खाना पकाना, स्नान करना, सफाई करना आदि जहाँ पानी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक होता है, कृषि, विनिर्माण कंपनियों, विभिन्न प्रकार के रासायनिक उद्योगों, बिजली संयंत्रों और कई अन्य क्षेत्रों में भी इसकी अधिक आवश्यकता होती है। दुर्भाग्य से पृथ्वी पर पानी की कमी आजकल पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है।
पानी बचाओ जीवन बचाओ दुनिया बचाओ:
पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी की प्रमुख आवश्यकता है। जीवन को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए सभी जीवित लोगों को पानी की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, पानी की खपत भी बढ़ रही है और शहरीकरण के कारण पेड़ नियमित रूप से घटते जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण, विभिन्न क्षेत्रों में सूखा, क्षतिग्रस्त फसल और ग्लोबल वार्मिंग की सबसे खराब स्थिति है।
इस प्रकार यह जीवन को बचाने और दुनिया को बचाने के लिए पानी को बचाने के लिए सभी को आदतें बनाने का उचित समय है।
पानी की कमी:
हमने हमेशा दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी के बारे में समाचार सुना है। यहाँ हम परिभाषित करते हैं कि पानी की कमी क्या है। यह पूरे विश्व में ताजे जल संसाधनों की भारी कमी या अनुपस्थिति है। डेटा के अनुसार वैश्विक आबादी का लगभग एक तिहाई 2 अरब लोग एक साल में 1 महीने के लिए पानी की कमी की स्थिति में रह रहे हैं, हम यह भी कह सकते हैं कि पूरी दुनिया में आधे अरब लोग पूरे साल पानी के संकट का सामना करते हैं।
अब यह घोषित किया गया है कि, दक्षिण अफ्रीका के शहर केपटाउन को जल्द ही पानी ख़त्म होने वाला बड़ा शहर माना जाएगा। पृथ्वी पर लगभग 71% स्थान पर पानी है, फिर भी दुनिया में पानी की भारी कमी है। महासागर में खारे पानी के रूप में 96.5% पानी होता है जो बिना उपचार के मानव द्वारा उपयोग नहीं किया जा सकता है, केवल 3.5% पानी उपयोग के लिए है जो भूजल, ग्लेशियर, नदियों और झीलों आदि के रूप में उपलब्ध है।
पानी के ये प्राकृतिक संसाधन खपत में वृद्धि के कारण बहुत तेजी से घट रहे हैं क्योंकि बढ़ती जनसंख्या पानी की बर्बादी, तेजी से औद्योगिकीकरण और शहरीकरण को बढ़ाती है। भारत और अन्य देशों के कुछ हिस्सों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है और दुर्भाग्य से सरकार को उन जगहों के लिए सड़क टैंकर या ट्रेन से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। भारत में 1951 से 2011 की समयावधि के बीच प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता 70% तक कम हो गई है और 2050 तक फिर से 22% घटने की उम्मीद है।
विश्व जल दिवस:
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 22 मार्च को “विश्व जल दिवस” के रूप में घोषित किया है कि लोगों को ताजे पानी के मूल्य और इसकी अनुपस्थिति के कारण पृथ्वी पर हानिकारक प्रभाव के बारे में जागरूक किया जाए। इस वर्ष विश्व जल दिवस 2018 का विषय था water प्रकृति के लिए पानी ’जिसका अर्थ है 21 वीं सदी में हमारे सामने आने वाली पानी की चुनौतियों के लिए प्रकृति-आधारित समाधान तलाशना।
जल हमारा अनमोल प्राकृतिक संसाधन है जिसे हर व्यक्ति को जीवित रखने की आवश्यकता है। अगर हम कहते हैं कि ‘जल ही जीवन है’ तो इसमें कुछ गलत नहीं है। इस प्रकार हम पानी बचाओ जीवन बचाओ और दुनिया बचाओ पर भी ध्यान दे रहे हैं।
पीने योग्य पानी का मतलब है कि मानव उपभोग के लिए पर्याप्त सुरक्षित माना जाने वाला पानी हमारे भविष्य की संभावनाओं के लिए बचाए रखने की जरूरत है। हमारे प्राकृतिक इको-सिस्टम को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए और ग्लोबल वार्मिंग की स्थिति से पृथ्वी को बचने के लिए हमें पानी के संरक्षण और उसमें रसायन या कचरा न डालकर इसकी गुणवत्ता बनाए रखने की आवश्यकता है।
जल ही जीवन है पर निबंध, water is life essay in hindi (1000 शब्द)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वायु के बाद, जल इस ग्रह पर जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है। यह अस्तित्व के लिए इतना महत्वपूर्ण है कि हम पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी की सतह का लगभग 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है, मूल रूप से महासागरों, समुद्रों, नदियों, ग्लेशियरों आदि के रूप में है, लेकिन हालांकि हमारे पास जल निकायों की इतनी बड़ी मात्रा है, इसमें से केवल 1% पानी साफ है और मानव उपभोग के लिए उपयुक्त है।
जल न केवल मानव जाति के अस्तित्व के लिए बल्कि पृथ्वी पर मौजूद अन्य प्रजातियों के लिए भी आवश्यक है। जैविक दृष्टिकोण से पानी में कई गुण होते हैं जो कार्बनिक यौगिकों को प्रतिक्रिया करने और प्रतिकृति बनाने की अनुमति देते हैं। जीवन के सभी ज्ञात रूप पानी पर अत्यधिक निर्भर हैं। पृथ्वी पर उपलब्ध स्वच्छ जल की दुर्लभ मात्रा और पानी पर प्रजातियों की उच्च निर्भरता को देखते हुए, यह हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम जीवन को बचाने के लिए पानी बचाएं।
जल ही जीवन है:
जल हमारे जीवन का आवश्यक घटक है और हमारा अस्तित्व इस पर निर्भर है। पानी के बिना जीवन की कल्पना करना संभव नहीं है और अगर हम जीवन को बचाना चाहते हैं तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमें इसे पानी बचाने से शुरू करना होगा। उपभोग के अलावा, पानी भी हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसमें स्नान, खाना पकाने, कपड़े धोने, बागवानी से लेकर कृषि और औद्योगिक उपयोग तक शामिल हैं, पानी हमारी दैनिक दिनचर्या में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पृथ्वी पर पशु और वनस्पति भी पानी पर निर्भर हैं और यदि पानी की कमी है तो यह पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को प्रभावित करने और खाद्य श्रृंखला को तोड़ने में उनकी वृद्धि और विकास को गंभीरता से बाधित करेगा। इसलिए यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि पृथ्वी पर सभी प्रजातियों के अस्तित्व के लिए पानी की उचित आपूर्ति हो।
पानी बचाने की जरूरत है:
दुनिया भर के कई क्षेत्रों में भारी बारिश और पानी की कमी या भूमिगत जल की कमी के कारण अत्यधिक पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ जगहों पर या तो भूजल दूषित है या फिर इसका इस्तेमाल खत्म हो गया है और अब तक बारिश नहीं हुई है। इन कारकों से उन क्षेत्रों में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है जिससे पानी की कमी हो रही है।
औद्योगीकरण और शहरीकरण ने उन समस्याओं को भी जोड़ा है जिनके द्वारा जनसंख्या की असाधारण उच्च मांगों को पूरा करने के लिए भूजल का उपयोग किया गया है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, नौ लोगों में से 1 और 844 मिलियन के आसपास अभी भी सुरक्षित पानी तक पहुंच नहीं है। आंकड़ों और वर्तमान स्थिति को देखते हुए, भविष्य में जल संकट अपरिहार्य लगता है और पानी के संरक्षण के लिए तत्काल कार्य योजना बनाने का आह्वान करता है ताकि हम आज के साथ-साथ अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी इस अनमोल संसाधन को बचा सकें।
पानी बचाने की पहल:
‘सेव वॉटर’ एक पहल है जो पानी के महत्व के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाकर और हमारे बेहतर भविष्य के लिए इसे बचाने के लिए पानी के संरक्षण को बढ़ावा देने में मदद करता है। जल बचाओ अभियान लोगों को एहसास कराता है कि शुद्ध और ताजे पानी के स्रोत बहुत सीमित हैं और अगर इसका अत्यधिक उपयोग होता है तो संभावना है कि वे निकट भविष्य में आबादी की उच्च मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
हालाँकि पृथ्वी का 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है, लेकिन यह पानी प्रत्यक्ष उपभोग के लिए अयोग्य है, इसलिए पृथ्वी पर जो भी ताज़ा पानी है, उसका एक बूँद बर्बाद किए बिना ज़िम्मेदार तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। पानी को बचाना और भविष्य के लिए संरक्षण करना प्रत्येक वैश्विक नागरिक की जिम्मेदारी है क्योंकि जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन स्वच्छ जल के स्रोत समान हैं।
यदि हम भविष्य में जीवन को बनाए रखने के लिए ताजे पानी की उचित उपलब्धता बनाना चाहते हैं तो हमें आज से पानी की बचत शुरू करनी होगी और अपनी दैनिक दिनचर्या में पानी की बचत की आदतों को शामिल करना होगा तभी हम पानी का संरक्षण कर पाएंगे और पानी की आपूर्ति बनाए रख पाएंगे। वे क्षेत्र जो ताजे और साफ पानी से वंचित हैं।
पानी बचाओ जिंदगी बचाओ:
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जल ही जीवन है और जीवन के सभी ज्ञात रूप इस पर पूरी तरह निर्भर हैं। लेकिन अभी भी भारत में लगभग 21% संक्रामक रोग असुरक्षित पानी के सेवन के कारण होते हैं और यह स्थिति स्वच्छ पेयजल की कमी के कारण पैदा हुई है। भारत में लगभग 163 मिलियन लोगों को अभी भी सुरक्षित पीने के पानी तक पहुंच की कमी है और विभिन्न बीमारियों और महामारियों के लिए एक खुला आमंत्रण दे रही है जो कभी-कभी घातक हो सकती है।
बढ़ती आबादी और स्वच्छ जल की उच्च माँगों को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि हमें आज से ही पानी का संरक्षण करना शुरू कर देना चाहिए। यदि भारत का प्रत्येक नागरिक एक दिन में कम से कम एक लीटर पानी बचाता है, तो यह निश्चित रूप से बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।
आपका एक लीटर बचा हुआ स्वच्छ पानी एक ऐसे बच्चे को जीवन दे सकता है, जिसके पास साफ पानी नहीं है। आपके द्वारा बचाए गए पानी का उपयोग उन क्षेत्रों में किया जा सकता है जो उच्च मांगों के कारण पानी की आपूर्ति से वंचित हैं। पानी बचाने के लिए उठाया गया आपका छोटा कदम कई लोगों के जीवन में भारी बदलाव ला सकता है।
पानी को कैसे बचायें:
जल जीवन के समतुल्य है और यदि हम मानव जाति का अस्तित्व चाहते हैं तो हमें अपनी दिनचर्या में पानी को बचाने की आदत को सख्ती से शामिल करना होगा। निम्नलिखित कुछ तरीके हैं जो आपको पानी बचाने और इसे बेहतर तरीके से उपयोग करने में मदद करेंगे:
- दांतों को साफ़ करते समय या शेविंग करते समय नल को कसकर बंद रखें
- एक कम-फ्लश शौचालय स्थापित करें जो कम पानी का उपयोग करता है।
- शावर बाथ का कम प्रयोग करें और इसके बजाय मग और बाल्टी से स्नान करें।
- कृषि में बाढ़ सिंचाई के बजाय ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें।
- शाम को अपने बगीचे को पानी दें और पानी फैलाने से बचें।
- सार्वजनिक स्थानों पर चालू नल बंद करें और तुरंत प्राधिकरण को लीक की रिपोर्ट करें।
- अपने भवन और इलाकों में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करें।
- धुलाई या बागवानी प्रयोजनों में आरओ फिल्टर के अपशिष्ट जल का फिर से उपयोग करें।
- ओवरफ्लो से बचने के लिए ओवरहेड टैंक में फ्लोट वाल्व स्थापित करें।
पानी जीवन का आधार है, उदाहरण के लिए, यदि आप केवल कुछ दिनों के लिए किसी गमले में पानी छोड़ते हैं तो निश्चित रूप से इसमें से कुछ बढ़ेगा ही। इससे पता चलता है कि पानी पृथ्वी पर जीवन के सभी रूपों का समर्थन करता है। चाहे वह इंसान हों, जानवर हों, या पेड़-पौधे हों या पेड़-पौधे हों या कोई अन्य जीवित प्रजाति हो, उनका अस्तित्व पूरी तरह से पानी पर निर्भर है।
यदि उन्हें पानी से वंचित किया जाता है तो प्रजातियों के लिए छोटी अवधि के लिए भी जीवित रहना मुश्किल हो जाता है। पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान प्रजाति के रूप में यह हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है कि हमें पानी की बचत करनी चाहिए ताकि जीवन के सभी प्रकार पृथ्वी पर पनप सकें और पारिस्थितिकी तंत्र का एक उचित संतुलन बना रहे।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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Jal hi jivan hai
Water is life.
Thank you . Your nibadh very much helped me . Thanks
Thank you for this this is very useful for me
Hindi nibandh
Thq so much for help me save water…
Air achhe likho
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जल ही जीवन है पर निबंध- (Essay On Water is Life in Hindi)
जल ही जीवन है पर निबंध- (Essay On Water is Life in Hindi): पानी हमें हमेशा स्वस्थ और फिट रखता है साथ ही शरीर में पानी होने के कारण हमारा शरीर अच्छे से काम कर सकता है । पानी केवल इन्सान के लिए ही नहीं बल्की पृथ्वी पर के सभी प्राणी और वनस्पति के लिए भी बहुत जरुरी है। केवल पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहा पानी और इन्सान मौजूद है।
Table of Contents
Essay On Water is Life in Hindi For Class 1-5
जल ही जीवन है पर निबंध की 10 पंक्तियाँ.
यहां 10 बिंदु दिए गए हैं जिन्हें “जल ही जीवन है” विषय पर एक निबंध में शामिल किया जा सकता है:
- जल सभी जीवित जीवों के अस्तित्व के लिए आवश्यक एक मूलभूत तत्व है।
- जल मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि जलयोजन, स्वच्छता और खाद्य उत्पादन के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
- मानव शरीर लगभग 60% पानी से बना है, और यह उचित शारीरिक कार्य के लिए आवश्यक है।
- पानी फसलों और पशुओं के विकास और रखरखाव के लिए भी आवश्यक है, जो मानव अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच एक बुनियादी मानव अधिकार है, फिर भी दुनिया भर में लाखों लोगों तक इसकी पहुंच नहीं है।
- पानी की कमी एक वैश्विक समस्या है, कई क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक खपत और कुप्रबंधन जैसे कारकों के कारण गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है।
- औद्योगीकरण और कृषि जैसी मानवीय गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बन गया है।
- सभी के लिए पानी की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वर्षा जल संचयन और संरक्षण जैसी सतत जल प्रबंधन प्रथाएं महत्वपूर्ण हैं।
- अलवणीकरण और जल सुधार जैसे अभिनव समाधानों में पानी की कमी और प्रदूषण के मुद्दों को दूर करने की क्षमता है।
- व्यक्तियों के रूप में, हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम जल संसाधनों का संरक्षण और सुरक्षा करें और स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा दें।
जल ही जीवन है पर 100 शब्दों का निबंध (100 words essay on water is life in hindi)
जल जीवन का सार है, जिसके बिना कोई भी जीव जीवित नहीं रह सकता। यह पृथ्वी पर सबसे कीमती संसाधनों में से एक है, और इसके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। पानी मानव जीवन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह उचित शारीरिक क्रिया, जलयोजन और स्वच्छता के लिए आवश्यक है। यह कृषि, खाद्य उत्पादन और पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। हालांकि, इसके महत्व के बावजूद, दुनिया भर में लाखों लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच नहीं है, और वैश्विक जल संकट मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बना हुआ है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम पानी के मूल्य को पहचानें और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन को संरक्षित और संरक्षित करने की दिशा में काम करें।
जल ही जीवन है पर 150 शब्दों का निबंध 150 Words Essay On Water is Life in Hindi
जल जीवन का सार है, और इसके महत्व को कम करना असंभव है। मानव जीवन को बनाए रखने से लेकर पर्यावरण के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने तक, पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव के लिए पानी महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर लगभग 60% पानी से बने होते हैं, और पाचन, चयापचय, और तापमान विनियमन सहित उचित शारीरिक कार्य के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, कृषि और खाद्य उत्पादन के लिए पानी आवश्यक है, क्योंकि यह फसल की वृद्धि और पशुधन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने और जैव विविधता के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इसके महत्व के बावजूद, दुनिया भर में लाखों लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच नहीं है, जबकि जल प्रदूषण और कमी मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बनी हुई है। इन मुद्दों को हल करने के लिए, भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन को संरक्षित और संरक्षित करने के लिए टिकाऊ जल प्रबंधन प्रथाओं को अपनाया जाना चाहिए। व्यक्तियों के रूप में, हम अपनी पानी की खपत को कम करके, कचरे का उचित निपटान करके और जल संसाधनों की रक्षा के उद्देश्य से नीतियों और पहलों का समर्थन करके जल संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
Essay On Water is Life in Hindi For Class 6-8
जल ही जीवन है पर 200 शब्दों का निबंध 200 words essay on water is life in hindi.
पानी पृथ्वी पर सभी जीवन का स्रोत है। यह सभी जीवित जीवों के अस्तित्व के लिए आवश्यक एक आवश्यक घटक है। यह मानव जीवन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह उचित शारीरिक क्रिया, जलयोजन और स्वच्छता के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, कृषि और खाद्य उत्पादन के लिए पानी महत्वपूर्ण है, जो फसल के विकास और पशुधन स्वास्थ्य के लिए आधार प्रदान करता है। यह पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने, जैव विविधता को बढ़ावा देने और पृथ्वी पर जीवन के नाजुक संतुलन का समर्थन करने में भी मदद करता है।
हालांकि, लाखों लोगों के पास स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच नहीं होने के कारण दुनिया एक गंभीर जल संकट का सामना कर रही है। जल प्रदूषण और कमी मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण खतरे पैदा करते हैं। इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए, स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना आवश्यक है जो संरक्षण को बढ़ावा देते हैं और इस महत्वपूर्ण संसाधन की रक्षा करते हैं।
जल संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा देने में व्यक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह सरल क्रियाओं के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है जैसे कि पानी की खपत को कम करना, कचरे का उचित निपटान, और जल संसाधनों की रक्षा के उद्देश्य से नीतियों और पहलों का समर्थन करना। सरकारों और संगठनों को भी विलवणीकरण और जल पुनर्ग्रहण जैसे नवीन समाधानों को लागू करके पानी से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
अंत में, जल पृथ्वी पर जीवन का आधार है, और इसके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पानी की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस कीमती संसाधन की रक्षा के लिए स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहिए।
जल ही जीवन है पर 250 शब्दों का निबंध 250 Words Essay On Water is Life in Hindi
पानी सबसे आवश्यक प्राकृतिक संसाधन है जो पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखता है। छोटे सूक्ष्मजीवों से लेकर बड़े स्तनधारियों तक, प्रत्येक जीवित जीव के लिए यह आवश्यक है। पानी मानव शरीर के समुचित कार्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे शरीर के वजन का 60% से अधिक बनाता है। यह पाचन, चयापचय और तापमान नियमन में एक आवश्यक भूमिका निभाता है। इसके अलावा, पानी स्वच्छता के लिए आवश्यक है, जिससे जलजनित रोगों के प्रसार को रोका जा सके।
पानी कृषि और खाद्य उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फसल की वृद्धि और पशुओं के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, यह पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने, जैव विविधता को बढ़ावा देने और पृथ्वी पर जीवन के नाजुक संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
दुर्भाग्य से, दुनिया पानी के संकट का सामना कर रही है, लाखों लोगों के पास स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच नहीं है। जल प्रदूषण और कमी मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण खतरे पैदा करते हैं। इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए, स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना आवश्यक है जो संरक्षण को बढ़ावा देते हैं और इस महत्वपूर्ण संसाधन की रक्षा करते हैं।
पानी की खपत को कम करने, कचरे का उचित निपटान, और जल संसाधनों की रक्षा के उद्देश्य से नीतियों और पहलों का समर्थन करने जैसी सरल क्रियाओं को अपनाने से व्यक्ति जल संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा देने पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। सरकारों और संगठनों को भी विलवणीकरण और जल पुनर्ग्रहण जैसे नवीन समाधानों को लागू करके पानी से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
अंत में, जल पृथ्वी पर जीवन का आधार है, और इसके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन की रक्षा के लिए टिकाऊ जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पानी की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करना आवश्यक है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम अपने और ग्रह के लाभ के लिए इस महत्वपूर्ण संसाधन का संरक्षण और सुरक्षा करें।
Essay On Water is Life in Hindi For Class 9-12
जल ही जीवन है पर 300 शब्दों का निबंध 300 words essay on water is life in hindi.
परिचय: जल जीवन का सार है, और यह पृथ्वी पर जीवन के निर्वाह के लिए आवश्यक सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। पानी के बिना, पौधों और जानवरों सहित जीवन के सभी रूपों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इस निबंध में, हम पानी के महत्व, जीवन को बनाए रखने में इसकी भूमिका और स्वच्छ और सुरक्षित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का पता लगाएंगे।
मानव जीवन के लिए जल का महत्व मानव शरीर के समुचित कार्य को बनाए रखने के लिए जल आवश्यक है। यह जलयोजन, पाचन, चयापचय और तापमान नियमन के लिए आवश्यक है। संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए उचित जलयोजन महत्वपूर्ण है, और पानी के पर्याप्त सेवन की कमी से निर्जलीकरण हो सकता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
जल स्वच्छता को बढ़ावा देने और जलजनित रोगों को रोकने के लिए भी आवश्यक है। स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच की कमी से हैजा और टाइफाइड बुखार जैसी जलजनित बीमारियां फैल सकती हैं, जिसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।
कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र में पानी का महत्व कृषि और खाद्य उत्पादन के लिए पानी महत्वपूर्ण है। यह फसल के विकास और पशुओं के स्वास्थ्य के लिए आधार प्रदान करता है, और पानी के बिना, फसलों को उगाना और हमारी बढ़ती आबादी को बनाए रखने के लिए आवश्यक जानवरों को पालना असंभव होगा।
पानी पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने, जैव विविधता को बढ़ावा देने और पृथ्वी पर जीवन के संतुलन को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। आर्द्रभूमि, नदियाँ और झीलें विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के जीवन का घर हैं और प्राकृतिक पर्यावरण का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
जल संबंधी चुनौतियाँ: जल के अत्यधिक महत्व के बावजूद, विश्व जल संकट का सामना कर रहा है। दुनिया भर में लाखों लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच नहीं है, और दुनिया के कई हिस्सों में पानी की कमी एक बढ़ती हुई चिंता है। इसके अलावा, जल प्रदूषण हानिकारक प्रदूषकों से दूषित कई जल स्रोतों के साथ मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है।
सतत जल प्रबंधन अभ्यास: इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना आवश्यक है जो संरक्षण को बढ़ावा देते हैं और इस महत्वपूर्ण संसाधन की रक्षा करते हैं। पानी की खपत को कम करने, कचरे का उचित निपटान, और जल संसाधनों की रक्षा के उद्देश्य से नीतियों और पहलों का समर्थन करने जैसी सरल कार्रवाइयाँ महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं। सरकारों और संगठनों को भी विलवणीकरण और जल पुनर्ग्रहण जैसे नवीन समाधानों को लागू करके पानी से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
निष्कर्ष: निष्कर्ष रूप में, जल पृथ्वी पर जीवन का आधार है, और इसके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन की रक्षा के लिए टिकाऊ जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पानी की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करना आवश्यक है। हमें अपने और इस ग्रह के लाभ के लिए इस महत्वपूर्ण संसाधन के संरक्षण और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
जल ही जीवन है पर 500 शब्दों का निबंध 500 Words Essay On Water is Life in Hindi
पानी ग्रह पर सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है, और यह जीवन के सभी रूपों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मानव स्वास्थ्य को बनाए रखने, कृषि का समर्थन करने, जैव विविधता को बढ़ावा देने और पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इस निबंध में, हम पानी के महत्व, जीवन को बनाए रखने में इसकी भूमिका और स्वच्छ और सुरक्षित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का पता लगाएंगे।
मानव जीवन के लिए जल का महत्व:
मानव शरीर के समुचित कार्य को बनाए रखने के लिए पानी आवश्यक है। यह जलयोजन, पाचन, चयापचय और तापमान नियमन के लिए आवश्यक है। संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए उचित जलयोजन महत्वपूर्ण है, और पानी के पर्याप्त सेवन की कमी से निर्जलीकरण हो सकता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
मानव स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका के अलावा, पानी स्वच्छता और बीमारी की रोकथाम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वच्छता को बढ़ावा देने, हैजा और टाइफाइड बुखार जैसे जलजनित रोगों के प्रसार को रोकने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच आवश्यक है।
कृषि और खाद्य उत्पादन में जल की भूमिका:
जल कृषि और खाद्य उत्पादन के लिए आवश्यक है, फसल वृद्धि और पशुधन स्वास्थ्य के लिए आधार प्रदान करता है। पानी के बिना, फसलों को उगाना और हमारी बढ़ती आबादी को बनाए रखने के लिए आवश्यक जानवरों को पालना असंभव होगा।
कृषि वैश्विक मीठे पानी के उपयोग का लगभग 70% हिस्सा है, जो इसे जल संरक्षण और स्थायी प्रबंधन प्रथाओं के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाता है। सटीक कृषि और ड्रिप सिंचाई जैसे नवीन समाधान फसल की पैदावार बढ़ाने और पानी की दक्षता में सुधार करते हुए पानी की खपत को कम करने में मदद कर सकते हैं।
पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने में जल का महत्व:
जल पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने, जैव विविधता को बढ़ावा देने और पृथ्वी पर जीवन के संतुलन का समर्थन करने के लिए आवश्यक है। आर्द्रभूमि, नदियाँ और झीलें विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के जीवन का घर हैं, और वे प्राकृतिक पर्यावरण का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जल प्रदूषण और आवास विनाश पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण खतरे पैदा करते हैं और पौधों और जानवरों की आबादी पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकते हैं। स्थायी जल प्रबंधन प्रथाएं जैसे आर्द्रभूमि की रक्षा और पुनर्स्थापन, जिम्मेदार मछली पकड़ने की प्रथाओं को बढ़ावा देना और संरक्षण उपायों को लागू करना इन महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा और रखरखाव में मदद कर सकता है।
स्वच्छ और सुरक्षित जल तक पहुंच सुनिश्चित करने में चुनौतियां:
पानी के महत्वपूर्ण महत्व के बावजूद, दुनिया भर में लाखों लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में पानी की कमी एक बढ़ती हुई चिंता है, और पानी की बढ़ती मांग मौजूदा जल संसाधनों पर दबाव डाल रही है। इसके अलावा, जल प्रदूषण हानिकारक प्रदूषकों से दूषित कई जल स्रोतों के साथ मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है।
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, टिकाऊ जल प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना आवश्यक है जो संरक्षण को बढ़ावा देते हैं और इस महत्वपूर्ण संसाधन की रक्षा करते हैं। सरकारों और संगठनों को अलवणीकरण और जल पुनर्ग्रहण जैसे नवीन समाधानों को लागू करके पानी से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
पानी की खपत को कम करने, कचरे का उचित निपटान करने और जल संसाधनों की रक्षा के उद्देश्य से नीतियों और पहलों का समर्थन करने जैसी सरल क्रियाओं को अपनाकर भी व्यक्ति महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
अंत में, जल पृथ्वी पर जीवन का आधार है, और इसके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन की रक्षा के लिए टिकाऊ जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पानी की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करना आवश्यक है। हमें अपने और इस ग्रह के लाभ के लिए इस महत्वपूर्ण संसाधन के संरक्षण और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए। स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं को अपनाकर और जिम्मेदार जल उपयोग को बढ़ावा देकर, हम सभी के लिए एक स्वस्थ और संपन्न भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
Short Essay On Water is Life in Hindi | 300 Words Essay On Water is Life in Hindi | Essay On Water is Life in Hindi for Class 10 | 500 Words Essay On Water is Life in Hindi
मतदाता दिवस
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जल ही जीवन है निबंध – Jal Hi Jeevan Hai Hindi Essay
by Editor updated March 17, 2020, 4:15 PM 23 Comments
जल ही जीवन है हिन्दी निबंध (कक्षा 1 से 12 तक) | Jal Hi Jeevan Hai Hindi essay For Class 1 to 12
जल ही जीवब है निबंध (150 शब्द)
मनुष्य भूखा तो कई दिन रह सकता है लेकिन जल के बिना एक दिन भी नहीं। मनुष्य ही क्या इस धरती का जर प्राणी-पशु और पक्षी भी जल के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते। बिना जल के तो पेड़-पौधे भी जीवित नहीं रह सकते। शायद इसीलिए जल की जीवन कहा गया है।
लेकिन क्या हम आज जल का महत्व समझ पा रहे हैं, जी नहीं बिलकुल नहीं। आज हमने ऐसी परिस्थितियाँ खड़ी कर दीं हैं की हमारी आने वाली पीढ़ी को जल नशीब ही नहीं होगा। अगर समय रहते हमने अपनी भूलों की नहीं सुधारा तो आने वाले वक़्त में भरी जल-संकट का सामना पूरी दुनिया को करना पद सकता है।
हमें जरूरत है जल-संवर्धन की, हमें जरूरत है जल प्रदूषण को रोकने की, हमें जरूरत है जल को व्यर्थ करने की आदत को रोकने की। आइये हम सभी मिलकर जल ही जीवन है इस वाक्य को अंतरात्मा से अपनाए और अपने जीवन को बचाने का प्रण लें।
जल ही जीवन है (200 शब्द)
इस संसार में मानव, पशु, पक्षियों को जीवन जीने के लिए जो चीज सबसे जरूरी है वो है हवा और पानी। दोनों के बिना इस पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। पानी जिसे हम जल भी कहते हैं इसे जीवन भी कहा जाता है क्यूंकी हमारे शरीर का 70 प्रतिशत भाग में जल है। बिना जल के ना तो मनुष्य जी सकता है और ना ही अन्य प्राणी। जल है तो कल है यही सोच रखते हुये हमें उसका मूल्य समझना होगा और उसे व्यर्थ करने से बचना होगा। आज हम देखते हैं जगह-जगह जल की कमी के कारण लोग परेशान हैं, सिर्फ लोग ही नहीं अन्य प्राणी भी जल की कमी से ग्रसित हैं।
जिस तरह से हम आधुनिकता की अंधी दौड़ में भटक रहे हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं उसकी वजह से आने वाले समय में धीरे धीरे नदियां, तालाब, नहरें सब सूख जाएँगे और विश्व गहरे जल संकट में फंस जाएगा।
जल को जीवन के समान समझकर हमें उसका संरक्षण करना होगा और अधिक से अधिक जल का संचय करना होगा। वर्षा के समय बहुत सारा जल समुद्र में चला जाता है, उसका व्यय होता है। यह हमें रोकना होगा और उस जल को संचित करना चाहिए, तभी हमारी आने वाली पीढ़ी जल के संकट से बाहर आ पाएगी।
जल ही जीवन है (400 शब्द)
हमारी इस धरती का 70 प्रतिशत हिस्सा जलीय है, समुद्र जो की सबसे बड़ा जल का स्त्रोत है वो पूरी धरती में फैला हुआ जल का विशाल भंडार है। किन्तु मनुष्य और अन्य जीवों के लिए पीने के लिए और अन्य कार्यों में उपयोग के लिए जिस जल की आवश्यकता है वह इस धरती पर सिर्फ 3 प्रतिशत ही है। इसलिए आज हमें यह कहने की जरूरत है की – जल ही जीवन है और आज से ही हमें इसे व्यर्थ ना करने की कसम खानी चाहिए।
हमारी पृथ्वी पर अब उपयोग करने लायक जल धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है और इसका बड़ा कारण भी हम मनुष्य ही हैं। अगर इसी तरह से हम प्रकृति का नाश करते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब तीसरा विश्वयुद्ध जल के लिए होगा।
हम कुछ दिन भोजन के बिना रह सकते हैं लेकिन जल के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते क्यूंकी मनुष्य के शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा जल का है।
अगर आज भी हम अपने आपको जागरूक कर लें और यह प्रण कर लें की प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे, अधिक से अधिक वृक्ष लगाएंगे, जल का सिंचय करेंगे और उसका व्यर्थ प्रयोग नहीं करेंगे तो निश्चित रूप से हम जल की इस कमी को पूरा कर पाएंगे।
बरसात के समय जो जल धरती पर गिरता है उसका बहुत सा भाग समुद्र में चला जाता है, अगर हम उस जल का तालाब, जलाशय, कुंड, आदि बनाकर संचय करें तो हम बहुत सारा जल संचय कर सकते हैं और उसका उपयोग अपने रोजिंदा जीवन में कर सकते हैं।
विश्व के कई देश हैं जो समुद्र के खारे पानी को विशेष मशीनों से पीने लायक बनाकर उसे उपयोग में लेते हैं, हमें इसी तरह की टेक्नोलोजी का विकास करना चाहिए। धरती के अंदर जल के स्तर को बढ़ाने के लिए हमें विशेष कदम उठाने की जरूरत है।
जब तक हम जल का व्यर्थ उपयोग बंद नहीं करेंगे तब तक हम जल के भंडार को नहीं बचा सकते। महात्मा गांधीजी हमेशा उतना ही जल लेते थे जितनी आवश्यकता हो, यही सोच हर इंसान को अपनानी होगी।
हमारी आने वाली पीढ़ी को अगर हम जल की कमी से झूझता हुआ नहीं देखना चाहते तो अभी से हमें जागना होगा और अपनी धरती पर जल के भंडार को बचाना होगा। अगर हम नहीं जागे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी क्षमा नहीं करेगी। आइये हम सब “ जल ही जीवन है ” इस मंत्र को अपने जीवन में आत्मसात करें और जल को बचाएं।
जल ही जीवन है (600 शब्द)
प्रकृति ने हमें बहुत सी अनमोल चीजें दीं हैं और उनमें से ही एक है जल, जो की इस समस्त शृष्टि के लिए जीवन है। जल के बिना हम मानव जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। हम भूखे पेट तो रह सकते हैं लेकिन जल के बिना हम एक दिन भी नहीं जी सकते।
समुद्र इस धरती पर जल का सबसे बड़ा भंडार है लेकिन वो जल हम उपयोग में नहीं ले सकते क्यूंकी समुद्र का जल खारा होता है। मानव और अन्य प्राणी धरती पर नदियों, तालाब, जलाशय और भूगर्भ के जल पर ही निर्भर हैं। इस पूरी धरती पर सिर्फ 3 प्रतिशत जल ही हमारे उपयोग करने लायक है। लेकिन अब हमारे जल के स्त्रोत धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं और आज दुनिया के सामने सबसे बड़ा संकट अगर है तो वो है जल संकट।
नदियों के बहाव में हस्तक्षेप, पेड़ों का काटना, बरसात के पानी का व्यय, पानी का व्यर्थ उपयोग, जल का संचय ना करना और बढ़ता हुआ जल प्रदूषण आज हमारे लिए सबसे बड़ा जल संकट खड़ा कर रहा है।
आज दुनिया में कई जगह ऐसी हैं जहां पीने के लिए एक बूंद नहीं बचा, लोगों को दूर- दूर तक पानी के लिए जाना पड़ता है, सूखे की मार से किसान परेशान हैं, जंगल के प्राणी तड़प कर मर रहे हैं, नदियां सूख रही हैं – ये सबकुछ हमारी भूलों का परिणाम है।
हमने सीमित जल के संसाधनों का सही से इस्तेमाल नहीं किया, जल को व्यर्थ किया है। रोजिंदा जीवन में हम देखते हैं की किस तरह से लोग पानी को बर्बाद करते हैं। पानी का इसी प्रकार का व्यय के कारण आज ऐसे हालात सामने खड़े हो गए हैं की जल के भंडार समाप्त हो गए हैं। गर्मी के मौसम में कई जगह लोगों को पीने का पानी भी नशीब नहीं होता।
बरसात के मौसम में ढेर सारा पानी बहकर समुद्र में मिल जाता है और खारा हो जाता है। पानी के संचय की उचित व्यवस्था ना होने के कारण हम उस बरसात के पानी को भी संचित नहीं कर पाते। एक तरफ पानी का इतना व्यय और दूसरी तरफ उसके संचय की कोई व्यवस्था ना होना जल के संकट का बड़ा कारण है।
विश्व में सऊदी अरब एक ऐसा देश है जहां ज़्यादातर रेगिस्तानी भूभाग है लेकिन वहाँ जल के संचय की ऐसी व्यवस्था है की कभी पानी की समस्या नहीं होती। ऐसी ही व्यवस्था भारत और अन्य देशों को करनी चाहिए। जगह-जगह तालाब, जलाशय, नहरें बनाकर हमें जल का संचय करना चाहिए। नदियों में होने वाले प्रदूषण को रोकना चाहिए और उन्हें साफ रखना चाहिए।
समय पर बरसात का ना होना भी जल के संकट को जन्म देता है। पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना हमें बंद करना होगा और जंगलों की कटाई पूरी तरह से रोकनी होगी। अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर हमें प्रकृति को फिर से हरा-भरा करना होगा, तभी जाकर हम अच्छी बारिस की उम्मीद कर सकते हैं।
अपने रोजिंदा जीवन मे हमें जल का सही और सीमित उपयोग करना होगा। जहां एक ग्लास जल की आवश्यकता होती है वहाँ हम एक टंकी पानी बहा देते हैं, यह आदत हमें बदलनी होगी। लोगों को हमें जागरूक करने की आवश्यकता है इसके लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस भी मनाया जाता है ताकि लोग जल के महत्व को समझें और अपने आपको जिम्मेदार बनाएँ।
जल ही जीवन है यह मंत्र सभी को अपने जीवन में अपनाने की जरूरत है, तभी हम अपना आज सुधार पाएंगे और तभी हमारी आने वाली पीढ़ियाँ जल के संकट से बच पाएँगी। अगर हम आज नहीं जागे तो कल को देर हो सकती है। जल है तो आज है, कल है यह सोच रखकर हम सबको प्रकृति की इस देन को बचाना चाहिए।
जल ही जीवन है (1000 शब्द)
जल तो है सोना, इसे कभी नहीं खोना। धरती पर निवास करने वाली जीवशृष्टि के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण प्रकृति की देन है। इस देन को हमें संभाल कर रखना है और इसके रक्षण के लिए सदैव एक जिम्मेदार मनुष्य की तरह प्रयाष करते रहना चाहिए।
हमारी इस सुंदर सी पृथ्वी पर वैसे तो प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है लेकिन एक कीमती चीज हमें जो दी है वो है जल जिसे हम अपने रोजिंदा जीवन में पानी (Water) कहते हैं। आपको यह जानकार हैरानी होगी की हमारे शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा जल का बना हुआ है और इसीलिए हमें बार-बार पानी पीकर अपनी प्यास को तृप्त करना पड़ता है।
सिर्फ यही नहीं, धरती का भी 70 प्रतिशत भाग जलमय है, जिसमें नदियां, समुद्र और हिमखंड आदि आते हैं। इतने बड़े जल का भंडार होने के बाद भी सिर्फ 3 प्रतिशत जल ही हम मनुष्यों और प्राणियों के उपयोग करने के लायक है क्यूंकी अधिकतर जल समुद्र का है जो की खारा होता है और हम उसका उपयोग नहीं कर सकते। जल इसीलिए जीवन है क्यूंकी इतनी कम मात्रा में यह धरती पर है और इसकी एक एक बूंद भी हमारे लिए कीमती है।
धरती पर जल संकट
मानवीय भूलों का ही परिणाम है की आज धरती पर जल संकट खड़ा हो गया है। लगातार बढ़ता प्रदूषण और जल के संचय का अभाव इसके मुख्य कारण हैं। प्रकृति के साथ हमने बहुत खिलवाड़ कर लिया और इसके गंभीर परिणाम हमें अब धीरे धीरे देखने को मिल रहे हैं।
धरती अब सूखती जा रही है। कई जगहों पर अब एक बूंद भी पानी नहीं बचा। लोगों को पानी की तलाश में दूर-दूर तक जाना पड़ता है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं है उन्हें सूखे के हालातों का सामना करना पड़ रहा है। जंगलों में प्राणियों के लिए पीने लायक पानी नहीं बचा जिसकी वजह से उनके जीवन पर भी खतरा मंडराने लगा है।
लगातार जंगलों की कटाई की वजह से बरसात में कमी आई है। नदियों के बहाव को रोकने की वजह से वो सूख रहीं हैं, हम बरसात के पानी का संचय भी नहीं कर रहे और बरसात का सारा पानी समुद्र में व्यर्थ चला जाता है। मानव की इस अनदेखी का नतीजा निकलकर अब सामने आ रहा है और खड़ा हो रहा है जल संकट जो की तीसरे विश्वयुद्ध का भी कारण बन सकता है।
बढ़ता जल प्रदूषण
हमारी धरती के जल स्त्रोत को अगर किसी ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है तो वो है – बढ़ता हुआ जल प्रदूषण। नदियों में बेरोक-टोक प्लास्टिक, कूड़ा-कचड़ा डालना, कारखानों और फेक्टरियों का गंदा पानी नदियों में डालना आदि की वजह से नदी के पानी को भी अशुद्ध कर दिया है।
इतना जल को प्रदूषित करने के कारण नदियां सूख रही हैं, पानी पीने लायक भी नहीं रहा।
अगर इसी प्रकार हम नदियों, तालाबों आदि को प्रदूषित करते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब नदियों का आस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा और हमारे पास एक मात्र नदियों का ही सहारा है वो भी खतम हो सकता है।
धरती पर जल कैसे बचाएं
ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका कोई हल ना हो। अगर हम आज भी अपनी गलतियों से सबक लें और जाग जाएँ तो धरती पर समाप्त होते हुये जल को हम बचा सकते हैं। हमें कुछ ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिसमे समय अवश्य लगेगा किन्तु उसके दूरगामी परिणाम हमें बहुत अच्छे देखने को मिलेंगे।
सर्वप्रथम हमें जल की एक एक बूंद की कीमत को समझना होगा। अपने रोजिंदा जीवन की क्रियाओं में हम बहुत सारा जल व्यर्थ बहा देते हैं, यह आदत हमें बदलनी होगी। महात्मा गांधीजी से हम एक बात सीख सकते हैं वो यह की महात्मा गांधीजी हमेशा उतना ही जल लेते थे जितने की आवश्यकता हो और यदि जल बचता भी था तो उसे व्यर्थ में नहीं बहाते थे। यही सोच हमें अपने अंदर लाने की जरूरत है।
दूसरा काम हम कर सकते हैं नदियों, तालाबों आदि को प्रदूषित ना करना। नदियों में जो कूड़ा-कचड़ा, गंदा पानी फेंकते हैं वो हमें बंद करना होगा। त्योहार के समय मूर्तियाँ विसर्जन करते समय यह ध्यान रहे की मूर्ति मिट्टी की बनी हो या उसे किसी कृत्रिम कुंड में विसर्जित करना चाहिए। नदियों की साफ सफाई कर हमें उसके जल को पवित्र करना चाहिए। यही काम हमें समुद्र के लिए भी करना है वहाँ भी हमें गंदगी फैलाने से बचना चाहिए।
लगातार जंगलों की कटाई की वजह से बरसात में कमी आई है। हमें हरित क्रान्ति लानी होगी और ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण कर धरती पर हरियाली लानी होगी। ऐसा करने से बरसात के हालात में सुधार होगा।
समुद्र के जल को हम विशेष मशीनों के जरिये पीने लायक बना सकते हैं, ऐसा करने से समुद्र का जल भी उपयोग में लाया जा सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण कदम हमें यह उठाना है की जल के संचय की आदत को डालना है। जगह जगह कुंड, तालाब, जलाशयों का निर्माण कर हमें बरसात के पानी को एकत्र करना चाहिए, ऐसा करने से निश्चित रूप से जहां जल संकट है वहाँ पानी की कमी से निजात मिलेगी।
एक और काम हमें करना है और वो है जन जागृति का, जिसके बिना अन्य कार्य सब व्यर्थ हैं। लोगों को हमें समझाना होगा की जल हमारे लिए कितना महत्व रखता है।
विश्व जल दिवस
23 comments.
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जल ही जीवन है पर निबंध
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जल का महत्व पर निबंध (Importance of Water Essay in Hindi)
हमारे शरीर का संघटन सत्तर प्रतिशत जल से बना है। केवल हमारा शरीर ही नहीं, अपितु हमारी पृथ्वी भी दो-तिहाई जल से आच्छादित है। जल, वायु और भोजन हमारे जीवन रुपी इंजन के इंधन है। एक के भी न रहने पर जीवन संकट में पड़ सकता है। “जल ही जीवन है” यूं ही नहीं कहा जाता है।
जल के महत्व पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Water in Hindi, Jal ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)
निबंध 1 (250 – 300 शब्द) – पानी का महत्व.
जल से ही जीवन का आरम्भ हुआ। जल ही जीवन का आधार है। मानव शरीर का 70% भाग जल से निर्मित है। पीने के अलावा, कई उद्देश्यों के लिए दैनिक जीवन में जलका उपयोग किया जाता है। दुनिया में सभीजीवों लिएजल की आवश्यकता होती है।
जल का उपयोग
दुनिया के हर जीव को जीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। छोटे कीड़े से लेकर ब्लू व्हेल तक, पृथ्वी पर हर जीवन पानी की उपस्थिति के कारण मौजूद है। पौधे को बढ़ने और ताजा रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। छोटी मछली से लेकर व्हेलमछली तक को पानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि उसी से उनका अस्तित्व रहता है।
जल की शुद्धता और गुणवत्ता
वर्तमान समय में जल की गुणवत्ता को लेकर लोग सजग हो रहे है। लोग सरकार द्वारा प्रमाणित कंपनियों से ही पैक्ड वाटर खरीदते है।कई कंपनियां जल में मैग्नीशियम, मिनरल्स, आदि उपयोगी तत्वों को मिलाने का दावा करती है।सरकार के साथ ही साथ हमें भी जल की शुद्धता को लेकर सजग रहने की आवश्यकता है।
जल का संरक्षण
हमें जल को व्यर्थ नहीं करना चाहिए। अगर आवश्यकता न हो तो जल का प्रयोग न करे। हम कई बार स्नान करने के लिए जल का अतिरिक्त उपयोग करते है , कई बार हम नल का टैप खुला छोड़ देते है। अगर हम ऐसे ही जल का दुरुप्रयोग करते रहेंगे , तो एक दिन हम अपने अस्तित्व को ही खतरे में डाल देंगे।
जल से ही समस्त संसार का जीवन है।हमें अपने स्वार्थ के लिए जल का प्रयोग न करके , भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए। हमें पानी बचाने के लिए संरक्षण कार्यक्रम करने की आवश्यकता है।
निबंध 2 (300 शब्द) – जल का संघटन
पानी सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है जो पौधों और जानवरों के लिए आवश्यक हैं। हम पानी के बिना अपने दैनिक जीवन का नेतृत्व नहीं कर सकते। पानी हमारे शरीर के आधे से अधिक वजन को बनाता है। पानी के बिना, दुनिया के सभी जीव मर सकते हैं। पानी केवल पीने के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के उद्देश्यों जैसे स्नान, खाना पकाने, सफाई और कपड़े धोने आदि के लिए भी आवश्यक है।
जल का संघटन
जल हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिल कर बनता है। इसका रासायनिक सूत्र H 2 O होता है। जल की तीन अवस्थाएं होती है- ठोस, द्रव और गैस। पृथ्वी के लगभग 70 प्रतिशत भाग पर जल विद्यमान है। परंतु इसका 97 प्रतिशत हिस्सा खारा है, जिसे किसी भी प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। यह महासागरों, सागरों के रुप में वितरित है।
जल एक रासायनिक पदार्थ होता है। यह रंगहीन, गंधहीन होता है। इसका अपना कोई रंग नहीं होता, जिसमें घोला जाय, उसी का रंग ले लेता है।
जल का क्वथनांक (Boiling point) 100 0 C होता है। जल का पृष्ठ तनाव (Surface Tension) उच्च होता है, क्योंकि उनके अणुओं के बीच होने वाली अंतःक्रिया कमजोर होती है।
जल की प्रकृति ध्रुवीय होती है, इस कारण इसमें ऊंचा आसंजक गुण होता है।
जल बहुत अच्छा विलायक (Solvent) होता है, जो पदार्थ अच्छी तरह से पानी में घुल जाते हैं, उनको हाइड्रोफिलिक की संज्ञा दी जाती है। जैसे नमक, चीनी, अम्ल, क्षार आदि। कुछ पदार्थ पानी में घुलनशील नहीं होते, जैसे तेल और वसा।
हम पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। पीने और घरेलू उद्देश्यों के अलावा, पानी हमारी दुनिया के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी अच्छाई और आने वाले भविष्य के लिए जल का संरक्षण महत्वपूर्ण है। हमें पानी बचाने के लिए पहल करने की जरूरत है चाहे कमी हो या न हो।
निबंध 3 (500 शब्द) – जल ही जीवन है
पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन रूपों के कामकाज के लिए पानी बुनियादी आवश्यकता है। यह कहना सुरक्षित है कि जीवन का समर्थन करने के लिए पानी पृथ्वी का एकमात्र ग्रह है। यह सार्वभौमिक जीवन तत्व इस ग्रह पर हमारे पास मौजूद प्रमुख संसाधनों में से एक है। पानी के बिना जीवन चलाना असंभव है। आखिरकार, यह पृथ्वी का लगभग 70% हिस्सा बनाता है।
‘जल ही जीवन है’
यदि हम अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करते हैं, तो पानी हमारे अस्तित्व की नींव है। मानव शरीर को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हम पूरे एक सप्ताह तक बिना किसी भोजन के जीवित रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना, हम 3 दिनों तक भी जीवित नहीं रह सकते हैं। इसके अलावा, हमारे शरीर में ही 70% पानी शामिल है। बदले में यह हमारे शरीर को सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करता है।
इस प्रकार, पर्याप्त पानी की कमी या दूषित पानी की खपत मनुष्यों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। इसलिए, पानी की मात्रा और गुणवत्ता जो हम उपभोग करते हैं वह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के लिए आवश्यक है।
इसके अलावा, हमारी दैनिक गतिविधियाँ पानी के बिना अधूरी हैं। चाहे हम सुबह उठकर ब्रश करने ,नहाने या अपने भोजन को पकाने की बात करें, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पानी का यह घरेलू उपयोग हमें इस पारदर्शी रसायन पर बहुत निर्भर करता है।
इसके अलावा, बड़े पैमाने पर, उद्योग बहुत सारे पानी का उपभोग करते हैं। उन्हें अपनी प्रक्रिया के लगभग हर चरण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह हमारे द्वारा प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले सामानों के उत्पादन के लिए भी आवश्यक है।
यदि हम मानव उपयोग से परे देखते हैं, तो हम महसूस करेंगे कि पानी हर जीवित प्राणी के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। यह जलीय जंतुओं का घर है। एक छोटे कीड़े से एक विशाल व्हेल तक, प्रत्येक जीव को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
इसलिए, हम देखते हैं कि न केवल इंसानों को बल्कि पौधों और जानवरों को भी पानी की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा, जलीय जानवरों का घर उनसे छीन लिया जाएगा। इसका मतलब है कि हमें देखने के लिए कोई मछलियां और व्हेल नहीं होंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात, अगर हम अभी पानी का संरक्षण नहीं करेंगे तो जीवों के सभी रूप विलुप्त हो जाएंगे।
हालांकि, इसकी विशाल बहुतायत के बावजूद, पानी बहुत सीमित है। यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है। इसके अलावा, हमें इस तथ्य को महसूस करने की जरुरत है कि पानी की बहुतायत है, लेकिन यह सभी उपभोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है। हम दैनिक आधार पर पानी से बहुत कुछ कार्य करते हैं। संक्षेप में, पानी के अनावश्यक उपयोग को एक बार में रोक दिया जाना चाहिए। हर एक व्यक्ति को पानी के संरक्षण और संतुलन को बहाल करने के लिए काम करना चाहिए। यदि नहीं, तो हम सभी जानते हैं कि परिणाम क्या हो सकते हैं।
FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Water (जल का महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
उत्तर- सात दिनो तक
उत्तर- कंगारू
उत्तर- मात्र 3% पानी ही पीने योग्य है।
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जल ही जीवन है (निबंध) | Essay on ‘Water is Life’ in Hindi
जल ही जीवन है (निबंध) | Essay on ‘Water is Life’ in Hindi!
क्षिति, जल, पावक, गगन और समीर ये पाँच तत्व हमारे धर्मग्रंथों में मालिक कहे गए हैं तथा हमारी शारीरिक रचना में इनकी समान रूप सै भूमिका होती है । इनमें वायु और जल ये दो ऐसे तत्व हैं जिनके बिना हमारे जीवन की कल्पना एक क्षण भी नहीं की जा सकती ।
जीवों को जिस वस्तु की जरूरत जिस अनुपात में है, प्रकृति में वे तत्व उसी अनुपात में मौजूद हैं । पर आज जल और वायु दोनों पर संकट के काले बादल आच्छादित हैं तो समझना चाहिए कहीं न कहीं हमने मूलभूत भूलें की हैं ।
जल एक तरल पदार्थ है जो अपने ठोस और गैस रूप में भी मौजूद है । अवस्था परिवर्तन करने का जल का यह स्वभाव उसके उपयोग के आयामों को विस्तृत कर देता है । जल यदि बरफ बनकर न रह पाता तो गंगा जैसी सदानीरा नदियाँ न होतीं और जल यदि गैस बनकर वाष्पित न हो पाता तो धरती पर वर्षा होने की संभावना न बचती ।
ADVERTISEMENTS:
ओस के कणों की तुलना कवि व शायर न जाने किन-किन रूपों में करते हैं, उनके काव्य जगत् का यह हिस्सा रीता ही रह जाता । लेकिन मानव का यह गुणधर्म है कि जिस वस्तु को वह व्यवहार में लाता है, उसे दूषित कर ही देता है ।
यही कारण है कि आज नदी जल भूमिगत जल कुएँ-बावड़ी का जल, समुद्र का जल और यहाँ तक कि वर्षा का जल भी कम या अधिक अनुपात में दूषित हो चुका है । जल प्रदूषण पर गोष्ठियाँ तथा सेमीनार हुए जा रहे हैं परंतु इस विश्वव्यापी समस्या का कोई ठोस हल अभी तक सामने नहीं आ पाया है ।
हाल में यह प्रयास भी हो रहा है कि इस नैसर्गिक सपदा का पेटेट करा लिया जाए । अर्थात् किसी खास नदी या बाँध के जल पर किसी खास बहुराष्ट्रीय कंपनी का अधिकार हो और वे इस जल को बोतलों में बंद कर बाजार में मिनरल वाटर के नाम से बेच सकें । सुनने में आया है कि सरकार भी इस पर राजी थी मगर पर्यावरणविदों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया तो उसने चुप्पी साध ली ।
पर जिस तरह से प्रत्येक वस्तु पर बाजारवाद हावी हो रहा है उसे देखकर कहा नहीं जा सकता कि कब तक नदियाँ तथा अन्य जलाशय उक्त कंपनियों के चंगुल से बचे रह सकेंगे । सरकारें भी अपने बढ़ते खर्च की भरपाई के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं ।
जल के अनेक उपयोगों में सबसे महत्वपूर्ण है पेयजल । घरेलू उपयोग का जल भी पेयजल जैसी शुद्धता का होना आवश्यक माना गया है । मगर पेयजल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता हमारे देश में दिनोंदिन घटती जा रही है । जल के भूमिगत स्त्रोतों के स्तर में ट्यूबवेलों की बढ़ती संख्या तथा जल संग्रहण की ठीक प्रणाली न होने के कारण स्थाई गिरावट दर्ज की गई है । पहले लोग नदियों का जल बेधड़क पी लिया करते थे परंतु आज स्थितियाँ पूरी तरह बदल गई हैं ।
शहर के निकट की नदी या झील में उस शहर का सारा गंदा पानी बेहिचक उड़ेल दिया जाता है जिससे प्रदूषण के साथ-साथ झीलों और सरोवरों के छिछलेपन की समस्या भी उत्पन्न हो गई है । जल प्रदूषण के कारण जल के विभिन्न भंडारों के जलजीवों का जीवित रह पाना भी कठिन होता जा रहा है ।
गरीब और जनसंख्या बहुल देशों में तो जल की समस्या और भी जटिल रूप में है । ये देश जल का उपयोग तो बढ़ा रहे हैं लेकिन जल संचय और इसके रखरखाव में जो धन चाहिए वह इनके पास नहीं है ।
हमारे देश के जलसंकट को दूर करने के लिए दूरगामी समाधान के रूप में विभिन्न बड़ी नदियों को आपस में जोड़ने की बातें कही गई हैं । इसका बहुत लाभ मिलेगा क्योंकि नदियों का जल जो बहकर सागर जल में विलीन हो जाता है, तब हम उसका भरपूर उपयोग कर सकते है ।
इस प्रणाली से निरंतर जलसंकट झेल रहे क्षेत्रों के लोग पर्याप्त मात्रा में जल प्राप्त कर सकते हैं । जिस तरह इंदिरा गाँधी नहर बन जाने से राजस्थान की अतृप्त भूमि की प्यास बुझ सकी, ऐसे ही अन्य प्रयासों से देश भर में खुशहाली और हरियाली लाई जा सकती है । अन्यथा कावेरी नदी के जल के बँटवारे को लेकर जिस प्रकार का अंतहीन विवाद दक्षिण भारत के दो राज्यों के मध्य है, उसी तरह अन्य स्थानों पर भी जल को लेकर घमासान मच सकता है ।
जलसंकट से जुड़ा एक पहलू यह भी है कि जब पहाड़ों पर हरियाली घटती है तो वहाँ बरफ के जमाव तथा वहाँ की नमी में कमी आ जाती है । इसी तरह मैदानों और पठारों पर जब वनस्पतियाँ घटने लगती हैं तो यहाँ औसत वर्षा की मात्रा में क्रमिक रूप से ह्रास होने लगता है ।
इसका सीधा असर भूमिगत जल के स्तर पर पड़ता है क्यौंकि जहाँ वर्षा कम होगी, तालाबों, गड्ढों और झीलों में जल जमाव कम होगा, वहाँ भूमिगत जल का स्तर भी घटेगा । इस तरह देखें तो पर्यावरण का एक पहलू उसके दूसरे पहलू से जुड़ा हुआ है । ज्यों-ज्यों मानव पर्यावरण की उपेक्षा करेगा त्यों-त्यों उसे जलसंकट, वायुसंकट जैसे कई संकटों का सामना करना पड़ेगा ।
कहा जाता है की जल की बूँद-बूँद कीमती है । यदि ऐसा है तो इसकी बूँद-बूँद को रक्षा का प्रयन्त करना चाहिए । नलों को आधे-अधूरे तरीके से बंद करना, सार्वजनिक नलों को टूटी-फूटी दशा में छोड़ देना आदि कुछ ऐसे कार्य हैं जिनसे जल की खूब बर्बादी होती है । कुएँ, हाथपंप आदि के चारों ओर के स्थानों को गंदा रखने से भी जल प्रदूषित होता है ।
इस स्थिति में उपयोग में लाया गया गंदा जल इन भंडारों के स्वच्छ जल को भी गदा कर देता है । चूँकि पेयजल की मात्रा धरती पर सीमित है अत: इसका दुरुपयोग कुछ लोगों के लिए भले ही हितकर हो, आम लोगों को भारी खामियाजा उठाना पड़ता है ।
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जल पर निबंध 10 Lines (Essay On Water in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे
जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी, पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के अस्तित्व का कारण, ग्रह का 70% से अधिक हिस्सा है। जल वह जादुई तरल है, जो जानवरों, पौधों, पेड़ों, जीवाणुओं और विषाणुओं को जीवन प्रदान करता है। जल ही वह कारण है जिसके कारण पृथ्वी जीवन का समर्थन कर सकती है और अन्य ग्रह नहीं कर सकते।
मानव शरीर का 60% तक पानी से बना है। जबकि ग्रह पर पानी की बहुतायत है, मनुष्य और जानवरों द्वारा हर चीज का सेवन नहीं किया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पृथ्वी पर केवल 3% पानी ही मीठा पानी है, जो पोर्टेबल और उपभोग करने के लिए सुरक्षित है।
जल निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Water Essay in Hindi)
- जल ही वह कारण है जिसके कारण जीवन अस्तित्व में है और पृथ्वी पर फलता-फूलता है
- पृथ्वी की सतह का 70% हिस्सा पानी से बना है जिसमें से केवल 3% मीठा पानी मानव उपभोग के लिए है
- पानी ग्रह पर जीवन के सभी रूपों का समर्थन करता है
- मनुष्य पानी का उपयोग पीने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि, उद्योगों और कारखानों में करता है
- मानव शरीर का 60% से अधिक भाग पानी से बना है
- जानवर पीने और नहाने के लिए पानी का उपयोग करते हैं
- पौधे, पेड़ और अन्य विभिन्न जीव अपनी वृद्धि और अस्तित्व के लिए पानी का उपयोग करते हैं
- यह भविष्यवाणी की जाती है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा यदि मनुष्य ने इसका विवेकपूर्ण उपयोग करना नहीं सीखा
- मनुष्य को जिम्मेदारी से पानी का उपयोग करना सीखना होगा क्योंकि यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है
- सभी देशों की सरकारों को मिलकर नीतियां और कानून बनाने चाहिए जो लोगों को अनावश्यक रूप से पानी बर्बाद करने से रोकें
जल पर निबंध 100 शब्द (Essay on Water 100 words in Hindi)
पानी पृथ्वी पर हर जीवन रूप की मूलभूत आवश्यकता है। यह पानी ही है जो हमें इस ग्रह पर आरामदायक जीवन जीने में मदद करता है। हमारा शरीर 70% पानी से बना है, इसलिए पानी हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण यौगिक है। जल का उपयोग हम अनेक कार्यों में करते हैं। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने और साफ-सफाई के लिए पानी की जरूरत होती है। जल के बिना, ग्रह पर जीवन असंभव होगा। जल पृथ्वी पर नदियों, महासागरों, समुद्रों, तालाबों, झीलों, नदियों और हिमनदों के रूप में पाया जाता है। जल की संरचना पूरी पृथ्वी पर एक समान रहती है।
इनके बारे मे भी जाने
- Noise Pollution Essay
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- Gender Equality Essay
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- Essay On Shivratri
जल पर निबंध 150 शब्द (Essay on Water 150 words in Hindi)
जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी सभी जीवित रूपों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरल है। यह न केवल हमारी जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है बल्कि हमारे ग्रह के कामकाज के लिए भी आवश्यक है। पृथ्वी पर जल तीन अवस्थाओं में उपलब्ध है- ठोस, द्रव और गैसीय। सॉलिड-स्टेट में ग्लेशियर, स्नो कैप, आइस शीट और पोलर आइस रिजर्व शामिल हैं। तरल अवस्था में नदियाँ, समुद्र, झीलें, तालाब, नदियाँ, महासागर और गीज़र शामिल हैं।
गैसीय अवस्था में वायुमंडल में पाए जाने वाले जलवाष्प शामिल हैं। जल चाहे किसी भी अवस्था में क्यों न हो, जल का संघटन सदैव एक समान रहता है। यह एक शक्तिशाली यौगिक है जो पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन का पोषण करता है। पौधों को प्रकाश संश्लेषण और श्वसन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्यों को परिसंचरण, पाचन, श्वसन और उत्सर्जन जैसी कई अलग-अलग जीवन प्रक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है, पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव होगा। चूँकि यह इतना महत्वपूर्ण यौगिक है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इसे संरक्षित करें ताकि यह जल्द समाप्त न हो।
जल पर निबंध 200 शब्द (Essay on Water 200 words in Hindi)
पानी किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल हमारे अपने अस्तित्व के लिए बल्कि हमारे ग्रह के समुचित कार्य के लिए भी आवश्यक है। सभी फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पानी होता है। स्वस्थ रहने के लिए भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है, यानी लगभग 3-4 लीटर पानी प्रतिदिन। मानव शरीर को पानी की आवश्यकता होती है, और इसकी कमी से बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अपर्याप्त पानी की खपत के कारण गुर्दे की पथरी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। पानी में चंगा करने की क्षमता है और जीवन के अस्तित्व के लिए जरूरी है। हमारा ग्रह ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां जीवन की कल्पना की जा सकती है क्योंकि पानी और जीवन के लिए अन्य सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं। मंगल, बुध और शुक्र जैसे ग्रह निर्जन हैं। पानी न होने के कारण वे एक उजाड़ रेगिस्तान के समान हैं। जल जीवन के लिए आवश्यक है, और यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करता है।
जल पर निबंध 250 शब्द (Essay on Water 250 words in Hindi)
जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी एक अनमोल संसाधन है। पानी की कमी मध्य पूर्व और यहां तक कि भारत के कुछ हिस्सों में सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। पीने के पानी की किल्लत है। जल प्रदूषण ने पृथ्वी की सतह पर सुलभ पीने के पानी की मात्रा को कम कर दिया है, साथ ही पानी की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुँचाया है। यह न केवल इंसानों बल्कि जानवरों, पक्षियों और पौधों को भी प्रभावित करता है।
जल की प्रासंगिकता को वर्तमान जल संकट के संदर्भ में देखा जा सकता है। सूखा उन दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में से एक है जो किसी स्थान पर हो सकती है। क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित होगी। दूसरी ओर, अत्यधिक बारिश लोगों, जानवरों और यहां तक कि किसानों और निर्माताओं के लिए भी चिंता का विषय है। जल को वरदान माना जाता है, लेकिन यह अभिशाप भी हो सकता है।
इसलिए जल के महत्व को समझना जरूरी है। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, जनसंख्या और वनों की कटाई के साथ, ताजा पानी प्रदूषित हो रहा है, और हमारे लिए उपलब्ध मात्रा कम हो रही है। अधिक जनसंख्या के कारण पानी का दुरूपयोग हो रहा है। पानी कई रूपों में दुनिया के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है। पानी प्रकृति की सुंदरता को भी बिखेरता है।
जल पर निबंध 300 शब्द (Essay on Water 300 words in Hindi)
जल जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है और इसके बिना जीवित रहना असंभव है। पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक जीव को अपने शरीर के समुचित कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह न केवल हमें जीवित रहने में मदद करता है बल्कि हमारे दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी स्वयं 70% जल से बनी है, तथापि, सारा जल उपभोग के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए, हमें इसके महत्व को समझने और इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने की आवश्यकता है। जैसा कि हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी को देख सकते हैं, इसलिए समय आ गया है कि हम पानी का संरक्षण करना शुरू कर दें।
पानी के कई उपयोग हैं और यह कृषि में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है क्योंकि यह भारत का मुख्य व्यवसाय है। सिंचाई और मवेशियों को पालने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए, किसान पानी का अधिक उपयोग करते हैं और काफी हद तक इस पर निर्भर रहते हैं।
दूसरी ओर, उद्योगों को विभिन्न उद्देश्यों जैसे कुछ वस्तुओं को संसाधित करने, ठंडा करने और निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, थर्मल पावर प्लांट बड़े पैमाने पर पानी का उपयोग करते हैं। इन सबके अतिरिक्त जल का उपयोग घरेलू कार्यों जैसे पीने, कपड़े धोने, साफ-सफाई, बागवानी आदि में भी किया जाता है। इस प्रकार हमें जीवन के कुछ मूलभूत कार्यों को चलाने के लिए जल की आवश्यकता होती है।
पौधों और जानवरों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी जीवन का एक अनिवार्य घटक है जो किसी को जीवित रहने और ठीक से काम करने में मदद करता है। हालाँकि, लोग पानी की कमी से अनभिज्ञ हैं और इस प्रकार इसके परिणामों के बारे में सोचे बिना इस प्राकृतिक संसाधन का दोहन करते रहते हैं।
इसलिए सरकार के साथ एकजुट होने और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी के संरक्षण के लिए उपचारात्मक उपाय करने और बहुत देर होने से पहले इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए एक घंटे की आवश्यकता है। पानी बचाने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और जिनमें से एक वर्षा जल संचयन है- पानी बचाने और विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने का एक शानदार तरीका।
जल पर निबंध 500 शब्द (Essay on Water 500 words in Hindi)
जल (रासायनिक सूत्र H2O) एक पारदर्शी रासायनिक पदार्थ है। यह हर जीवित प्राणी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है चाहे वह पौधे हों या जानवर। जिस प्रकार पृथ्वी पर जीवन के समुचित विकास और विकास के लिए हवा, सूर्य का प्रकाश और भोजन, पानी की आवश्यकता होती है। हमारी प्यास बुझाने के अलावा, पानी का उपयोग कई अन्य गतिविधियों जैसे सफाई, कपड़े धोने और खाना पकाने के लिए किया जाता है।
पानी मुख्य रूप से अपने पांच गुणों के लिए जाना जाता है। यहाँ इन संपत्तियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:
- सामंजस्य और आसंजन
संसंजन, जिसे अन्य जल अणुओं के लिए जल के आकर्षण के रूप में भी जाना जाता है, जल के मुख्य गुणों में से एक है। यह पानी की ध्रुवता है जिसके कारण यह पानी के अन्य अणुओं की ओर आकर्षित होता है। पानी में मौजूद हाइड्रोजन बांड पानी के अणुओं को एक साथ बांधे रखते हैं।
आसंजन मूल रूप से विभिन्न पदार्थों के अणुओं के बीच पानी का आकर्षण है। यह पदार्थ किसी भी अणु के साथ बंध जाता है जिसके साथ यह हाइड्रोजन बांड बना सकता है।
- बर्फ का कम घनत्व
पानी के हाइड्रोजन बंध ठंडे होने पर बर्फ में बदल जाते हैं। हाइड्रोजन बांड स्थिर होते हैं और अपने क्रिस्टल जैसे आकार को बनाए रखते हैं। पानी का ठोस रूप जो बर्फ है तुलनात्मक रूप से कम घना होता है क्योंकि इसके हाइड्रोजन बांड बाहर की ओर होते हैं।
- पानी की उच्च ध्रुवीयता
पानी में उच्च स्तर की ध्रुवीयता होती है। यह एक ध्रुवीय अणु के रूप में जाना जाता है। यह अन्य ध्रुवीय अणुओं और आयनों की ओर आकर्षित होता है। यह हाइड्रोजन बंध बना सकता है और इस प्रकार एक शक्तिशाली विलायक है।
- जल की उच्च विशिष्ट ऊष्मा
पानी अपनी उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण तापमान को मध्यम कर सकता है। जब गर्म होने की बात आती है तो इसमें काफी समय लगता है। गर्मी लागू नहीं होने पर यह लंबे समय तक अपना तापमान बनाए रखता है।
- पानी की वाष्पीकरण की उच्च ऊष्मा
यह पानी का एक और गुण है जो इसे तापमान को सामान्य करने की क्षमता प्रदान करता है। जैसे ही पानी एक सतह से वाष्पित होता है, यह उसी पर शीतलन प्रभाव छोड़ता है।
पानी की बर्बादी से बचें
हमारे दैनिक जीवन में जिन गतिविधियों में हम शामिल होते हैं उनमें से अधिकांश के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमें इसका संरक्षण करना आवश्यक है अन्यथा आने वाले वर्षों में हमारा ग्रह ताजे पानी से रहित हो जाएगा। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे पानी को संरक्षित किया जा सकता है:
- पानी की बर्बादी रोकने के लिए टपकते नलों को तुरंत ठीक करें।
- नहाते समय शावर के प्रयोग से बचें।
- अपने दांतों को ब्रश करते समय अपना नल बंद रखें। जरूरत पड़ने पर ही इसे चालू करें।
- आधे कपड़े धोने के बजाय पूरे कपड़े धोएं। इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि बिजली की भी काफी बचत होगी।
- बर्तन धोते समय पानी को बहता हुआ न छोड़ें।
- वर्षा जल संचयन प्रणाली का प्रयोग करें।
- गटर की सफाई के लिए पानी की नली का उपयोग करने से बचें। आप इसके बजाय झाडू या अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
- खाना बनाते और खाते समय सही आकार के बर्तनों और अन्य बर्तनों का उपयोग करें। अपनी आवश्यकता से बड़े का उपयोग करने से बचें।
- स्प्रिंकलर के बजाय अपने पौधों को हाथ से पानी देने की कोशिश करें।
- तालों को ढक दें ताकि वाष्पीकरण के कारण पानी की कमी से बचा जा सके।
हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए और इसके संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। हमें उन गतिविधियों और योजनाओं का अभ्यास और प्रचार करना चाहिए जो जीवित प्राणियों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए जल संरक्षण और इसके स्रोतों की रक्षा करने में मदद करती हैं।
जल पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
पृथ्वी की सतह का कितना भाग जल से बना है .
पृथ्वी की सतह का 70% से अधिक भाग पानी से बना है जिसमें से केवल 3% पीने योग्य मीठा पानी है
क्या पानी बनाया जा सकता है?
अभी तक, यह संभव नहीं है, लेकिन उचित रासायनिक उपचार के बाद पानी को रिसाइकल और पुन: उपयोग किया जा सकता है
जल के स्रोत क्या हैं?
नदियाँ, झीलें, ग्लेशियर और भूजल तालिका पृथ्वी पर पानी के कुछ स्रोत हैं
विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय कौन सा है?
प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय है। साथ ही, नील नदी दुनिया में ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत है।
जल ही जीवन है पर निबंध | Essay On Water is life in hindi
जल का महत्व.
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में जल को वह मौलिक पदार्थ माना गया है जिससे ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई है। जल प्रकृति के पाँच मूल तत्वों में सर्वोच्च स्थान रखता है, जिन्हें पंचमहाभूत कहा जाता है। वेदों द्वारा जल को दिव्य माना गया है। साथ ही जल को शान्ति, सुख, धन, लंबी आयु तथा स्वास्थ्य प्रदान करने वाला माना गया है। विश्व की सभी पौराणिक सभ्यताएँ जल के स्त्रोतों के निकट ही प्रारंभ हुई थीं क्योंकि जीवन व्यापन के लिए पानी अत्यंत आवश्यक है, इसके अभाव में ना तो मनुष्य, ना ही कोई और जीव जीवित रह सकता है।जल के बिना कभी जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आधुनिक काल में बढ़ते उद्योग तथा उनके कारखानों में उपयोग किए जाने वाले पानी की मात्रा दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाता रही है अर्थात सभी उद्योग किसी ना किसी तरीके से पानी पर ही आधारित है। जल के बिना कृषि जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जल बिना अन्न की उत्पत्ति नहीं हो सकती, यहाँ तक कि प्रकृति का अस्तित्व ही नहीं हो सकता।
आज के युग में पेयजल के बढ़ते अभाव का कारण
बाल्यावस्था से हम यह पढ़ते और सुनते आए हैं कि पृथ्वी का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा जल से ढँका है। परंतु फिर भी आज जीवों को पेय जल की कमी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण पर निबंध
ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पिछले कुछ दशकों में मनुष्यों ने पेयजल के बहुत से स्त्रोतों को प्रदूषित कर दिया है। साथ ही मानवीय जीवन को तथाकथित असान बनाने वाली प्रक्रियाओं ने प्राकृतिक तत्वों को इस प्रकार हानि पहुँचाई है जिसके कारण वर्षा की स्थितियों में भारी परिवर्तन आ गया है। वर्तमान जल संकट के कई कारण हैं, जो वनस्पतियों की पैदावार से लेकर जीवों के स्वास्थ्य तक सभी क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारणों का वर्णन यहाँ किया गया है:
1. जलवायु परिवर्तन- अप्रत्याशित रूप से, जलवायु परिवर्तन वैश्विक जल संकट के पीछे मुख्य कारणों में से एक है। जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारणों में से एक, वनों की कटाई है जो आस-पास की भूमि पर नकारत्मक प्रभाव डालती है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता की क्षति होती है। वहीं दूसरी ओर, समुद्र का बढ़ता स्तर मीठे पानी के स्रोतों को खारा कर रहा है, जिसका सीधा अर्थ है कि वे अब ग्रहण करने योग्य नहीं हैं।
2. यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार 2001 और 2018 के बीच सभी प्राकृतिक आपदाओं में से लगभग 75% पानी से संबंधित थीं। इसमें सूखा पड़ना और बाढ़ आना भी शामिल है जो स्वच्छ जल स्रोतों को नष्ट या दूषित कर देते हैं। यह न केवल लोगों को स्वच्छ पेयजल से वंचित करता है, बल्कि डायरिया जैसी जलजनित बीमारियों के खतरे को भी बढ़ावा देता है। जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले वर्षों में ऐसी घटनाओं की आवृत्ति बढ़ने का अनुमान है।
3. दूषित पानी की वैश्विक जल संकट में बहुत बड़ी भूमिका है। ऐसे में कारखानों से निकलने वाले दूषित जल की मात्रा में भी वृद्धि हो रही है। परंतु इस दूषित पानी को दोबारा नदी-नालों में प्रवाहित करने से पूर्व पानी को साफ़ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली तकनीक का हर जगह उपयोग नहीं किया जाता। जिसके कारण नदियों, नालों, तालाबों, यहाँ तक कि समुद्र के जल की शुद्धता का स्तर गिरता ही जाता रहा है।
पीने वाले पानी का सुरक्षित होना अतिआवश्यक है। रसायन व अन्य दूषक पदार्थ जो जीव-जंतुओं के लिए विषाक्त साबित हो सकते हैं जब पानी के ज़रिए मनुष्य के शरीर में जाते हैं तो हैजा, पेचिश, टाइफाइड और पोलियो सहित दुनिया की कई गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण बनते हैं।
जल संबंधी संकटों से बचने के उपाय
पूरे विश्व को जल के अभाव से मुक्त करने के लिए मनुष्य जाति को जल्द ही कुछ ठोस कदम उठाने होंगे, जिससे प्रकृति को और हानि ना पहुँचे। निम्नलिखित कुछ उपायों को उपयोग में लाया जा सकता है:
1. सतत जल प्रबंधन- जल प्रबंधन संरचना में सुधार सरकारों तथा निजी कंपनियों की प्राथमिकता होनी चाहिए। सौर्य डिसेलिनेशन तथा बेहतर सिंचाई प्रणाली जल शुद्धता नियंत्रित करने के लिए प्रौद्योगिकी के बेहतरीन उदाहरण हैं। यह स्पष्ट रुप से कृषि क्षेत्र पर और अधिक लागू होता है जो वर्तमान में पानी का सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है।
2. वर्षा जल संचयन एवं दूषित जल की रीसाइक्लिंग भी भूजल और अन्य प्राकृतिक जल निकायों में जल की कमी तथा तनाव को नियंत्रित करते हैं। भूजल पुनर्भरण, जो पानी को धरती की सतह से भूजल में जाने की अनुमति दे कर भूजल वृद्धि का कारण बनता है, पानी की कमी को रोकने के लिए एक प्रसिद्ध प्रक्रिया है।
3. प्रदूषण नियंत्रण एवं सीवेज ट्रीटमेंट- उचित स्वच्छता स्तर के बिना, पानी बीमारियों का कारण बनता है तथा ग्रहण करने के योग्य नहीं रह जाता। अतः प्रदूषण पर ध्यान देना, पानी की गुणवत्ता को मापना और उसकी निगरानी करना ज़रूरी है। इसके अलावा, विशिष्ट क्षेत्रों में सीवेज सिस्टम में सुधार पानी की कमी को और संगीन होने से रोकने का एक और तरीका है।
इस उल्लेख में हमने जल के महत्व, आज के युग में बढ़ते जल संबंधित संकट एवं उन संकटों से राहत के कुछ उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त की। जल संरक्षण के लक्ष्य तक ही हासिल किया जा सकता है जब हर व्यक्ति इसके हेतु अपना योगदान दे। अगर हमने अब भी इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया तो जल्द ही पृथ्वी ओर पीने लायक जल विलुप्त हो जाएगा और उसके साथ ही सभी जीव-जंतु, पेड़ वनस्पतियाँ, एवं संपूर्ण प्रकृति का नाश हो जाएगा।
यहां भी पढ़ें:
Nibandh – Essay’s in Hindi For [Class 4, 5, 6, 7, 8]
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जल ही जीवन है पर निबंध Essay on Water is Life in Hindi
इस अनुच्छेद मे हमने जल ही जीवन है पर निबंध हिन्दी मे Essay on Water is Life in Hindi लिखा है। इसमे हमने प्रस्तावना, जल का महत्व, पानी बचाने के उपायों पर पूर्ण जानकारी दिया है। यह निबंध स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए 1000 शब्दों मे लिखा गया है।
Table of Content
प्रस्तावना (जल ही जीवन है पर निबंध Essay on Water is Life in Hindi)
जल ही जीवन है, जल से ही जीवन है, या यूं भी कह सकते हैं कि जल में ही जीवन है। ऐसा कहने का तात्पर्य ?? पानी के अनेकों नाम है, हम कई नामों से पानी को पुकारते हैं – जल, वारी, नीर, अंबु, सलिल। पानी सभी जीव जंतुओं के जीवित रहने के लिए आवश्यक है, पानी के बगैर इस पृथ्वी पर किसी भी प्राणी का जी पाना संभव नहीं है।
पढ़ें: जल है तो कल है पर निबंध
पानी इतना ज़रूरी क्यों? Why Water is important?
वैसे कहें तो हमारी पृथ्वी का 70% भाग ही पानी है परंतु पीने लायक स्वच्छ पानी केवल 2% के भाग में ही है। पीने का पानी हमें अलग-अलग जगहों से प्राप्त होता है, जैसे नदियां, तालाब, वर्षा का पानी , भूमिगत पानी परंतु इन सभी जल स्त्रोतों में दिन-ब-दिन कमी आती जा रही है जो कि अपने आप में चिंता की बात है। पानी हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, अत्यंत महत्वपूर्ण है हमारे लिए।
यहां तक कि मानव शरीर का 70% भाग भी जल से ही बना है अर्थात जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी संभव नहीं है, क्योंकि मनुष्य भोजन के बिना तो काफी अवधि तक रह सकता है परंतु बिना पानी के मानव शरीर जीवित नहीं रह सकता है और अगर पूरा 1 सप्ताह पानी ना मिले तो मृत्यु भी संभव है।
हम यह बात बहुत अच्छे से जानते हैं कि हमारी पृथ्वी पर जितनी भी संसाधन है, वे सभी सीमित मात्रा में ही है तो इस बात से हमें यह समझना चाहिए कि हमें इन संसाधनों को बहुत ध्यानपूर्वक और कुशलता के साथ उपयोग करना है वरना इन संसाधनों की कमी के कारण हाहाकार मचने में देर नहीं लगेगी और खासतौर पर पानी को तो बहुत ध्यान से इस्तेमाल करना चाहिए।
बिना पानी के तो हम अपना 1 दिन भी नहीं गुजार सकते हैं। हमारे रोजमर्रा के अनेकों कामों में पानी इस्तेमाल होता है, जैसे – पीने के लिए, खाना बनाने के लिए, कपड़े धोने के लिए, खेतों की सिंचाई के लिए, नहाने के लिए आदि। पानी तो हमारे जीवन के लिए अत्यंत लाभकारी है, यह वह अमृत है जिसके बिना हम अपना जीवन काट नहीं सकते हैं परंतु हम इसका मूल्य समझते ही नहीं है और इसका दुरुपयोग करते हैं।
इसी प्रकार सब कुछ चलता रहा तो आगे आने वाले वर्षों में पानी की भारी समस्या खड़ी हो सकती है हमारी आगे की पीढ़ियों को जल नहीं मिलेगा और हम यह अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं कि परिस्थितियां कितनी खतरनाक हो सकती है।
मनुष्य के इतने कर्मों द्वारा प्रदूषण पैदा होता है और उसी प्रदूषण द्वारा भी पानी के स्रोत भी प्रदूषित होते हैं, वह कैसे ?? जितनी भी फैक्ट्रियां हैं, उन सब का मलबा और कूड़ा हमारी नदियों और तालाबों में बहा दिया जाता है जिसकी वजह से आज हमारे लगभग सभी जल के स्रोत मिलावटी हो चुके हैं और इसी कारण से बीमारियां भी फैलती है।
पानी मनुष्य के लिए तो अत्यंत महत्वपूर्ण है ही, साथ ही साथ हमारी पृथ्वी की सेहत के लिए भी बहुत जरूरी है। हमारी पृथ्वी को हरा भरा और स्वस्थ रखना पानी की ही जिम्मेदारी है, सोचिए अगर पानी नहीं होगा तो पृथ्वी का विनाश होने में देर नहीं लगेगी और जीवन भी लुप्त हो जाएगा, खेत खलिहान सूख जाएंगे , जंगलों में जीवन खत्म हो जाएगा, बारिश होना बंद हो जाएगी और आगे तो आप कल्पना कर ही सकते हैं कि क्या होगा; अर्थात हमें आज की परिस्थितियां देखकर सचेत हो जाना चाहिए।
यहां तक कहा जाता है कि तीसरा विश्वयुद्ध पानी की किल्लत की वजह से ही लड़ा जाएगा, अब आप ही सोचिए कि पानी की कमी के कारण यह नौबत भी आ सकती है इसलिए हमें इस मूल्यवान संसाधन का ध्यान पूर्वक उपयोग करना चाहिए।
जल बचाने के लिए क्या करें? How to Save water?
हमें अनावश्यक रूप से जल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। बारिश के पानी को संग्रहित करना होगा, जब भी जितनी भी मात्रा में बारिश हो उसका पानी इकट्ठा करने और फिर उसी पानी से अपने रोजमर्रा के काम करें।
भारत के उन क्षेत्रों में जहां बारिश बहुत तादाद में होती है वहां यह कार्य बहुत प्रचलित है, इस प्रकार पानी की बचत भी होगी और हमारे काम भी हो जाएंगे। यही चीज अगर पूरे भारत में प्रचलन में आ जाए, तो काफी मुश्किलें हल हो सकती है।
हमें अपनी अनावश्यक आदतों को सीमित करना होगा जिसमें हम पानी की बर्बादी करते हैं। ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने होंगे क्योंकि जितनी ज्यादा हरियाली पृथ्वी पर रहेगी उतनी ही बारिश होगी तथा भूमिगत जल का भंडारण कभी कम नहीं होगा।
एक ही पानी को बार-बार अलग प्रकार से इस्तेमाल करने से भी मुश्किलें हल हो सकती है, जैसे जिस पानी से बर्तन धोए हैं वही पानी बाद में घर के बगीचे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
निष्कर्ष Conclusion
यही सब कुछ विशेष बिंदु है जिनका हमें पालन करना होगा और इन्हें अपने जीवन में अपनाना होगा वरना बहुत परेशानियां खड़ी हो सकती है। ऐसा ना हो कि आगे चलकर भविष्य में हमें पानी भी करोड़ों के भाव में खरीदना पड़े और हम पानी की एक-एक बूंद को तरस जाएं।
ऐसी त्रासदी मचने में देर नहीं लगेगी, अगर हम अब भी नहीं जागे अर्थात सभी को मिलकर एक साथ कदम उठाने होंगे ताकि इस मूल्यवान संसाधन एवं जीवन देने वाले अमृत को हम संग्रहित कर पाए, और इसका ठीक प्रकार से उपयोग कर पाए। इस प्रकार हम और हमारे साथ साथ पृथ्वी के सभी जीव जंतु भी जीवित एवं स्वस्थ रह पाएंगे।
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- Essays in Hindi /
Importance of Water in Hindi: जल का महत्व 10 लाइन
- Updated on
- अगस्त 12, 2023
हमारा शरीर का 70% जल से बना हुआ है, केवल हमारा शरीर ही नहीं परंतु हमारी पूरी पृथ्वी दो-तीहाई जल से अच्छादित है। हमारे शरीर और जीवन की पूंजी जल, वायु और भोजन हैं। हमारे जीवन में अगर इनमें से अगर एक भी चीज न रही तो हमारा जीवन संकट में पड़ सकता है। आपने यह तो सुना ही होगा “जल ही जीवन है।” इस ब्लॉग में हम जल का महत्व (Importance of Water in Hindi) पर विभिन्न निबंध लिखना सीखेंगे।
This Blog Includes:
जल का क्या महत्व है, जल ही जीवन है पर निबंध, जल का महत्व पर निबंध 100 शब्द, जल के महत्व पर निबंध 300 शब्द, जल के महत्व पर निबंध पोस्टर, जल का महत्व निबंध 400 शब्द, जल का महत्व निबंध 500 शब्द, जल का महत्व इन हिंदी 10 लाइन, जल का महत्व 10 लाइन, जल का महत्व पर 10 अनमोल विचार.
मनुष्य के शरीर का 70% हिस्सा पानी का बना हुआ है। इंसान 5 दिन बिना खाना खाए रह सकता है लेकिन बिना पानी के एक दिन भी गुजारना मुश्किल हो जाता है। पानी केवल पीने के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के उद्देश्यों जैसे स्नान, खाना पकाने, सफाई और कपड़े धोने आदि के लिए भी आवश्यक है। जल हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक अणु से मिल कर बनता है।
जब भी जल के महत्व की बात आती है हमारे दिमाग में सबसे पहली लाइन यही आती है ‘Jal hi Jeevan Hai’। हमारे शरीर की सरंचना ऐसे हुई है, जिसमें 70% हिस्सा जल का है। दुनिया के हर जीव को जीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। पेड़-पौधों से लेकर जानवर तक हर जीव पानी की उपस्थिति के कारण मौजूद है।
पानी हमारे रोजमर्रा की जिंदगी के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। सफाई से लेकर खाना बनाने तक, कपड़े से लेकर, बर्तन साफ करने तक हर कार्य को करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। घर हो या बाहर हर जगह हमें पानी की आवश्यकता होती ही है और इसी को पूरा करने के लिए नए-नए तरह की तकनीक का उपयोग किया जा रहा है ताकि हमें कभी पानी की कमी महसूस न हो और हर जगह हमें पानी उपलब्ध मात्रा में मिल सके। हम जिस बिजली का उपयोग करते हैं वह भी पानी से ही बनती है।
पानी की कमी आज देश के लिए बड़ा मुद्दा बन चुकी है। देश के कई राज्य ऐसे हैं जहाँ अकाल पड़ रहा है। हम समाचार पत्र में पढ़ते ही रहते हैं कि कई देश और कई राज्य ऐसे है, जो अकाल से जूझ रहे हैं।
Importance of water in Hindi पर 100 शब्दों पर निबंध इस प्रकार है:
Importance of Water in Hindi (जल का महत्व )
“जल ही जीवन है”, इसका यह अर्थ है कि जहां पानी होता है वहां जीवन होता है। पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी पर ही जल पाया जाता है। जल हमें प्रकृति के द्वारा दिया गया है तो हमें इसका सम्मान करना चाहिए न कि इसका व्यर्थ में बर्बाद करना चाहिए। मनुष्य, जानवरों, पेड़ पौधे सभी के जीवन में जल का उपयोग होता है, जल के बिना जीवन असंभव है। दो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अणुओं को मिलाकर जल बनता है। जल का रासायनिक सूत्र H2o है। सभी को हमेशा साफ और शुद्ध जल ही पीना चाहिए। पानी का एक एक बूंद भी बहुत कीमती होता है।
Importance of Water in Hindi
पानी सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है, जो पौधों ,जानवरों ,मनुष्य के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। पानी के बिना हम जीवन के बारे में सोच भी नहीं सकते। हमारे शरीर का आधा वजन पानी से बनता है, पानी के बिना दुनिया में कोई भी जीव जिंदा नहीं रह सकता। जीवन में पानी केवल पीने के लिए ही नहीं परंतु दैनिक जीवन में भी बहुत उपयोगी है जैसे कि स्नान करना ,खाना पकाना ,कपड़े धोने के लिए ,सफाई करने के लिए आदि ऐसी बहुत सारी चीजों के लिए आवश्यक है। जल की तीन अवस्थाएं होती है:
- ठोस (solid)
- द्रव्य (liquid)
पृथ्वी के 70% भाग पर जल विद्यमान है। यह जल महासागरों ,सागरों में वितरित है। जल एक रासायनिक पदार्थ के रूप में भी काम आता है, यह रंगहीन और गंधहीन होता है। जल का क्वथनांक (boiling point) 1000 डिग्री सेल्सियस होता है। जल का सतही तनाव (surface tension) उच्च होता है, क्योंकि जल के अणु के बीच होने वाली अंत क्रिया कमजोर होती है। जल बहुत अच्छा विलायक साल्वेंट (solvent) होता है। इसका यह मतलब है कि जो पदार्थ अच्छी तरीके से पानी में घुल जाता है। जल की इस घुलनशील प्रवृत्ति को हाइड्रोफिलिक (hydrophilic) का नाम दिया जाता है, जैसे कि नमक चीनी ,आदि। ऐसे भी कुछ पदार्थ होते हैं जो पानी में घुलनशील नहीं होते जैसे कि तेल और वसा। जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है, भविष्य में हमारे लिए जल का संरक्षण करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
जल का महत्व निबंध के लिए पोस्टर नीचे दिया गया है-
पृथ्वी इस ब्रह्मांड में एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां पानी और ऑक्सीजन की उपलब्धता के कारण ही जीवन संभव है। जल पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लिए जीवन की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। हालाँकि पृथ्वी की सतह पर पानी की प्रचुर मात्रा का 97.5% पानी खारा है और 2.5% ताजा पानी (पीने के लायक) है। दुनिया का केवल 3% पानी एक ऐसे रूप में है जिसका हम उपयोग कर सकते हैं। हम प्रत्येक दिन बड़ी मात्रा में पानी का उपयोग करते हैं, क्योंकि पानी कई अलग-अलग उद्देश्यों को पूरा करता है।
2020 के लिए जल संरक्षण के प्रयासों में उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का दर्जा दिया गया है। जल शक्ति मंत्रालय ने जल संरक्षण की दिशा में उनके कार्यों और प्रयासों के लिए क्रमशः राजस्थान और तमिलनाडु को दूसरे और तीसरे स्थान से सम्मानित किया। देश को अपनी कृषि, सिंचाई, उद्योग और घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रति वर्ष 1,000 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता है। पानी का उपयोग तो लगातार बढ़ता जा रहा वहीं इसकी उपलब्धता में कमी होती जा रही है। पानी की इस कमी को पूरा करने के लिए सकारात्मक और प्रभावी कदमअपनाने होंगे।
पृथ्वी पर महासागर, नदियां, झील, भूमिगत जल और वर्षा जल के मुख्य और सबसे बड़े स्रोत हैं। पानी को बचाना और संरक्षित करना आज की आवश्यकता है। कई गांव पीने की कमी की बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं। पानी सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए हमें पानी बचाना चाहिए। हम सभी को इस समस्या का एहसास होना चाहिए और पानी बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए। वर्षा जल संचयन जैसे कदम पानी बचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। हम पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। पानी हमारी दुनिया के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। हमें अच्छे जीवन और आने वाली पीढ़ी के लिए जल का संरक्षण करना होगा। पानी की कमी और पानी की उच्च जरूरतों को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि हमें पानी की बचत के लिए संरक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ करने की आवश्यकता है।
एक निष्कर्ष पर पहुंचा जाये तो यह कह सकते हैं कि बिना जल के जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है। लॉरेन ईसेली का कहना है कि “यदि इस ग्रह पर जादू है, तो यह पानी में निहित है।”
पृथ्वी पर हर एक जीव के लिए जल का बहुत ही बड़ा महत्व है। जीने के लिए जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। पृथ्वी पर जल पाया जाता है इसी कारण से इसे ब्रह्मांड का एक अनोखा ग्रह कहा जाता है। जल के कारण ही पृथ्वी पर मनुष्य की जाति विकसित हो रही है। जीने के लिए मनुष्य पशु, पेड़ पौधों सभी को जल की जरूरत होती है।अगर किसी कारण जल समाप्त हो जाता है तो कोई भी जीव जंतु जीवित नहीं रह पाएगा क्योंकि सभी जीने के लिए जल का उपयोग करते हैं। पृथ्वी का 7 8% जल महासागर में पाया जाता है, जिसमें नमकीन जल मिलता है परंतु यह पानी किसी काम के योग्य नहीं है। 2.7 प्रशीतक जल ही पीने के योग्य है, जो पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव इस्तेमाल करते हैं।
जल ही जीवन है इस बात का हर एक मनुष्य को ध्यान रखना चाहिए। मनुष्य को जल के संरक्षण के बारे में विचार करना चाहिए क्योंकि पृथ्वी से जल तेजी से विलुप्त हो रहा है यानी कि कम हो रहा है। फैक्ट्रियों द्वारा प्रदूषण फ़ैल रहा है, इनका सारा कचरा नदियों, झीलों और तालाबों में जाकर मिल रहा है, जिसके कारण जल दूषित हो रहा है। हमें जल को दूषित होने से रोकना चाहिए ताकि आने वाले समय के लिए हम जल को बचा सकें। 65 से 80% तक जल मनुष्य के शरीर में पाया जाता है। 7% रक्त में होता है। हमेशा साफ और शुद्ध जल पीना चाहिए। ब्लीचिंग पाउडर, फिटकरी डालकर हम जल को साफ कर सकते हैं। पानी पीने से पहले उसे उबालना चाहिए, जिसके कारण उसमें मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं।
मनुष्य के साथ-साथ पेड़ पौधों को जल की उतनी ही आवश्यकता होती है। जल के बिना कोई भी पेड़ पौधे विकसित नहीं हो सकते, वह मुरझा जाते हैं और सूख जाते हैं। मनुष्य को जीवित रहने के लिए पेड़ पौधों का जीवित रहना उतना ही आवश्यक है। खेत में ऐसे कई सारी फसल हैं जो जल के द्वारा ही संभव हो सकती हैं जैसे कि गेहूं, मक्का ,चावल ,आदि। पशु पक्षियों और अन्य जीवो को भी मनुष्य की तरह प्यास लगती है। रेगिस्तान में पाए जाने वाले ऊंट को “रेगिस्तान का जहाज ” कहते हैं। वह अपने शरीर में एक बार में 50 लीटर तक पानी पीकर उसे संचित कर सकता है और कई दिनों तक बिना पानी के जीवित भी रह सकता है।
हाइड्रोजन के दो अणु और ऑक्सीजन के एक अणु को मिलाकर जल बनता है। जल का रासायनिक नाम H2Oहै। जल से बिजली का उत्पादन भी किया जा सकता है। जल हमें सिर्फ पीने के लिए नहीं परंतु कई सारे कामों के लिए उपयोगी होता है जैसे कि कपड़े धोने के लिए, नहाने के लिए , भोजन बनाने के लिए, आदि ऐसे कई सारे कार्यों के लिए जल का उपयोग होता है। जल ही जीवन है इस बात का हमें ध्यान रखना चाहिए और हमें जितना हो सके उतना जल को बचाना चाहिए।
जल का महत्व इन हिंदी 10 लाइन नीचे दी गई हैं-
- पानी सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से है जो पौधों ,जानवरों ,मनुष्य के लिए बहुत ही आवश्यक होता है।
- हमारे शरीर का आधा वजन पानी से बनता है ।
- पानी का रासायनिक नाम H2O होता है ।
- जल की तीन अवस्थाएं होती हैं।
- जल का कोई भी रंग नहीं होता।
- जल का क्वथनांक 100 डिग्री सेल्सियस होता है।
- ऐसे भी कुछ पदार्थ होते हैं जो पानी में घुलनशील नहीं होते जैसे कि तेल और वसा।
- पृथ्वी पर हर एक जीव के लिए जल का बहुत ही बड़ा महत्व है।
- पृथ्वी के जल का 78% महासागर में पाया जाता है।
- 2.7% जल ही पीने के योग्य है।
जल के महत्त्व पर 10 लाइन नीचे दी गई है:
Importance of water in Hindi पर 10 अनमोल विचार नीचे दिए गए हैं-
- “पानी पृथ्वी का खून है इसे यूं ही ना बहाएं”
- “पानी नहीं अमृत है, इसको बचाना हमारा कर्तव्य है।
- “जल ही जीवन का अमूल्य धन इसको बचाओ करो जतन।”
- “जब आप बचाते हैं पानी, तब आप बचाते हैं जिंदगानी।”
- “हर बच्चा, बुड्ढा और जवान पानी को बचाकर बने महान”
- “बिन जल जीवन नहीं रहेगा, जल की अद्भुत महिमा तुम जानो”
- “हर कोई इंसान पानी को बचाकर बने महान”
- “जरुरत के अनुसार पानी का कीजिए उपयोग, जल बचाओ अभियान में आपका होगा सहयोग”
- “जो पानी को बचाएगा समझदार तो कहलाएगा”
- “जल तो है सोना, इसे कभी भी नहीं खोना!”
मनुष्य जल को विभिन्न कार्यों में प्रयोग करता है। जैसे इमारतों, नहरों, घाटी, पुलों, जलघरों, जलकुंडों, नालियों एवं शक्ति घरों आदि के निर्माण में। जल का अन्य उपयोग खाना पकाने, सफाई करने, गर्म पदार्थ को ठंडा करने, वाष्प शक्ति, परिवहन, सिंचाई व मत्स्य पालन आदि कार्यों के लिये किया जाता है।
पानी तीन रूपों में होता है: 1. ठोस, बर्फ के रूप में, 2. तरल, पानी के रूप में, और गैस, जलवाष्प के रूप में।
शहरों में रहने वाले लोगों के लिए तो नल का पानी ही सबसे सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प है।
पानी को साफ करने के लिए इसे पीतल, तांबे या मिट्टी के बर्तन में 100 डिग्री सेल्सियस पर उबालें और पीने लायक होने पर ही प्रयोग में लें। ध्यान रहे कि एक बार उबाले गए पानी को आप आठ घंटे के भीतर प्रयोग कर लें वर्ना इसमें वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से फिर से अशुद्धियां आ जाती हैं।
आशा करते हैं कि आप इस ब्लॉग के माध्यम से जल का महत्व (Importance of Water in Hindi) समझ गए हैं। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं, तो हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करने के लिए 1800 57 2000 पर कॉल कर बुक करें।
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हेलो अनुज आपका आभार, ऐसी ही और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर बनें रहें।
Essay बहुत अच्छा लिखा है। जल ही जीवन है। प्लीज मेरी पोस्ट के बारे में बताएं कैसी लिखी है
आपका बहुत-बहुत आभार।
This is really helpfull 😇
आपका धन्यवाद।
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Water Is Life Essay
Essay on Water Is Life - We must comprehend the value of water in our life and the need to preserve it. There are numerous easy ways to prevent water waste, including taking shorter showers, watering plants with RO waste, cleaning cars with a wet cloth rather than a hose, etc. Here are 100, 200 and 500 word essay on “Water Is Life”
All life forms on earth require water in some capacity in order to function. It is safe to claim that the existence of water makes Earth the only planet capable of supporting life. One of our most important resources on earth is water. Water is essential to life, and we cannot exist without it. Not just humans, all forms of life on Earth consumes water in some form or other, as water is essential for organisms to survive. Here are some sample essays on “Water Is Life”
100 Words Essay On Water Is Life
Life is water. Water is a necessity for all life on Earth. Animals need water to quench their thirst, plants need water to draw nutrients from the soil and keep nourished, and people need water for a variety of activities like drinking, cooking, cleaning, and washing, to mention a few.
Numerous species live in water as well. Agriculture uses a significant portion of the water on Earth. It is primarily used to irrigate farms to maintain soil fertility and provide sufficient water for the crops. It is also used for raising animals. There is a lot of water in our world. As a result, all the needs mentioned earlier have been met for centuries.
200 Words Essay On Water Is Life
On Earth, there is an abundance of water. Both above and below the surface of the Earth, it exists. Rivers, ponds, seas, and oceans are just a few of the water bodies found on the surface of the Earth. Due to the sun's intense heat, the surface water evaporates. It moves through the atmosphere in the form of clouds that eventually break and fall as rain on the surface of the Earth. As a result, the water cycle, a constant natural process, replenishes the water that evaporates. This keeps the ecosystem in good shape and makes it worthwhile to live on our planet.
Usage Of Water
Agriculture, business, manufacturing, and families all require water. The quantity of water used in each sector will vary depending on the region of the world you reside. Water use significantly greatly between nations as well. Since it is frequently employed throughout some stages of the production process, water is also used in industry and manufacturing. Water is used to transport, process, chill, and dilute items.
Water can be used in large quantities during resource extraction or mining to remove minerals or other materials from the earth. Water is used in power plants to cool down hot machinery. It offers a venue for leisure activities like swimming, rowing, and water skiing. Water is also used to put out fires in case of emergencies.
500 Words Essay On Water Is Life
Water is necessary for our survival as well as for a healthy and happy life. It's time for everyone to wake up and understand how important water conservation is. In other words, the human species couldn't survive in a world without water. All plants and animals fall under this same category. In fact, without water, the entire planet will suffer. To gather rainwater, we must also employ the rainwater harvesting technique. In this way, we can conserve water.
Uses Of Water By Humans, Plants And Animals
Water has many purposes for humans.
Water consumption is essential for the survival of all living things. So, drinking water is one of its primary functions. Cooking also involves the usage of water.
Without using water, it is impossible to clean a home, workplace, car, piece of machinery, or anything else for that matter. Every cleaning task calls for water. Additionally, water is needed for washing dishes, laundry, and other items.
Agriculture uses a significant portion of the water on Earth. It is primarily used to irrigate farms in order to maintain soil fertility and provide sufficient water for the crops. It is also used for raising animals. Water is used in industries for several reasons. Water is used for various product manufacturing processes. It is utilised in the processing, manufacturing, and transporting many different items. The pulp and paper industry and the engineering sector are examples of businesses requiring a lot of water.
The Biological Need For Water
By serving as a solvent, water is an essential component of the majority of biological activities. Food is absorbed into our bodies as solutions using water as the solvent. Additionally, a lot of waste materials are eliminated as solutions through sweat and urine. Our body temperature is regulated by water. We consume a lot of water when it's hot outside. This keeps our body temperature constant. Additionally, sweat contains water that evaporates from our body's surface.
My Experience
I was on a beach vacation with my family, and we spent most of our days swimming in the ocean and playing in the waves. One day, we decided to rent a boat and snorkelling in a nearby coral reef. The water was crystal clear, and the colours of the fish and coral were so vibrant and beautiful. After snorkelling, we stopped at a small beachside restaurant for lunch, where we enjoyed fresh seafood and cold drinks while watching the waves roll in. It was a memorable day, and I will always cherish the time I spent in the water on that trip. This trip reminded me that one of my best memories was only possible because water exists. It showed me the life that water holds below land, like coral reefs and also how beautiful animals exist, like turtles.
So, to summarise, water is necessary for plants, humans and animals. Water makes Earth the only planet capable of supporting life. One of the most important resources we have on the earth is this all-purpose solvent. Water is essential to life, and we cannot exist without it. After all, it covers about 70% of the planet.
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