स्वच्छता पर निबंध 10 लाइन (Essay On Cleanliness in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

Essay On Cleanliness in Hindi – स्वच्छता एक कमरे या एक जगह की स्थिति है जो साफ सुथरी है। यह उन मूल्यों में से एक है, जिनसे आप बचपन में सीखते हैं। आप किसी को, ईमानदार होने के लिए, और ट्रिम करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते; एक चीज जो आप कर सकते हैं वह है इसे प्रोत्साहित करना। स्वच्छ रहने और अपने आसपास के वातावरण को साफ रखने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।

सभी को अपने आसपास सफाई रखने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। स्वच्छता का मतलब केवल अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखना ही नहीं है, बल्कि खुद को साफ-सुथरा रखना भी है। आपने अपने माता-पिता और शिक्षकों को स्वच्छता के बारे में बात करते जरूर सुना होगा।

स्वच्छता पर निबंध 10 लाइन (100 – 150 शब्द) (Cleanliness Essay 10 Lines (100 – 150 Words) in Hindi)

  • 1) स्वच्छता एक अच्छी आदत है जिसका अर्थ है धूल, कीटाणु आदि से मुक्त होना।
  • 2) स्वस्थ रहने के लिए शरीर और आसपास दोनों की सफाई जरूरी है।
  • 3) अनुचित सफाई और अस्वच्छ आदतों से कई बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • 4) स्वच्छता का समर्थन करने में विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • 5) कई एनजीओ स्वच्छता के महत्व को फैलाने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करते हैं।
  • 6) सरकार ने स्वच्छता से जुड़ी कई योजनाएं भी शुरू की।
  • 7) खुले में शौच को कम करने के लिए जगह-जगह शौचालय बनाए जाते हैं।
  • 8) स्वास्थ्य के अलावा स्वच्छता आपके व्यक्तित्व को भी दर्शाती है।
  • 9) नियमित रूप से ब्रश करना, नहाना, हाथ धोना आदि से मनुष्य स्वच्छता को अपना सकता है।
  • 10) कूड़ेदान का उपयोग, प्लास्टिक से परहेज आदि से हम पर्यावरण को स्वच्छ रख सकते हैं।

स्वच्छता पर निबंध 200 शब्द (Essay On Cleanliness  200 words in Hindi)

स्वच्छता को सभी को पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में लेना चाहिए। सभी को यह समझना चाहिए कि स्वच्छता उतनी ही आवश्यक है जितनी भोजन और पानी। हालाँकि, हमें भोजन और पानी के बजाय स्वच्छता को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए। जैसा कि, हम स्वस्थ तभी हो सकते हैं जब हम अपने भीतर सब कुछ बहुत साफ और स्वच्छ तरीके से लें। बचपन हर किसी के जीवन का बहुत अच्छा समय होता है जिसके दौरान माता-पिता की सावधानीपूर्वक और नियमित निगरानी में स्वच्छता की आदत जैसे चलना, बोलना, दौड़ना, पढ़ना, खाना आदि का अभ्यास किया जा सकता है।

स्कूल और कॉलेजों में, छात्रों को विभिन्न प्रकार की स्वच्छता के विषय पर बहुत सारे प्रोजेक्ट और गृह कार्य दिए जाते हैं। आज के समय में यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि स्वच्छता के अभाव में होने वाली बीमारियों के कारण एक बड़ी आबादी प्रतिदिन मर रही है। इसलिए हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व और आवश्यकता के बारे में जागरूक होना बहुत आवश्यक है। हम सभी को मिलकर हजारों लोगों की जान बचाने और उन्हें स्वस्थ जीवन देने के लिए स्वच्छता की दिशा में एक कदम उठाने की जरूरत है। हमारे प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत’ नामक एक अभियान शुरू किया है। एक भारतीय नागरिक के रूप में हम सभी को इस अभियान के लक्ष्य और उद्देश्यों को पूरा करने में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखानी चाहिए।

स्वच्छता पर निबंध 250 शब्द (Essay On Cleanliness  250 words in Hindi)

स्वच्छता एक आदत है जिसका स्वाभाविक रूप से व्यक्तियों और समाज को भी पालन करना चाहिए। एक स्वच्छ और स्वस्थ समाज पर्यावरण और राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए बहुत आवश्यक और महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता के लिए सरकार की पहल

स्वच्छता के प्रति लोगों की खराब धारणा को देखते हुए, भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। मिशन का उद्देश्य लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित करना था।

इस योजना के तहत सूचीबद्ध कई उद्देश्य थे जिन्हें राष्ट्रीय आधार पर लागू किया गया था। नीचे सूचीबद्ध अभियान के कुछ मुख्य उद्देश्य लोगों के व्यक्तिगत स्वच्छता स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित करने से संबंधित थे।

शौचालयों का निर्माण

लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए देश भर में करोड़ों शौचालय बनाए गए। खुले में शौच एक आदत है, जो न केवल मानव स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।

स्वच्छता अभियान

सरकारी एजेंसियों और संबंधित गैर-सरकारी संगठनों ने जागरूकता बढ़ाने और लोगों को स्वच्छता को आदत बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए समय-समय पर स्वच्छता अभियान चलाए। आमतौर पर, ऐसे अभियान स्वैच्छिक होते हैं और स्वयं सहायता समूहों और समाजों या राजनीतिक संगठनों द्वारा वित्त पोषित होते हैं।

स्कूलों में साफ-सफाई

जब जमीनी स्तर पर समाज में बदलाव की शुरुआत करने की बात आती है; विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं और सकारात्मक बदलाव के अग्रदूत हैं जो हम चाहते हैं। बच्चों को स्वच्छता के लाभ और रोजमर्रा की गतिविधियों जैसे हाथ धोना, दांत साफ करना, नहाना आदि के बारे में बताया गया। ऐसा माना जाता है कि एक बच्चा जिसे स्वच्छता के साथ शिक्षित किया जाता है और घर लौटने पर परिवार में बड़ों को प्रेरित करता है।

स्वच्छता एक आदत है और सामूहिक जिम्मेदारी भी। इसे व्यक्तिगत अभ्यास और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से लागू किया जाना चाहिए।

इनके बारे मे भी जाने

  • Technology Essay
  • Unsung Heroes Of Freedom Struggle Essay
  • Water Conservation Essay
  • Beti Bachao Beti Padhao Essay
  • Dowry System Essay

स्वच्छता पर निबंध 300 शब्द (Essay On Cleanliness  300 words in Hindi)

यह एक साफ-सुथरी आदत है जो हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। स्वच्छता हमारे घर, पालतू जानवरों, परिवेश, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को साफ रखने की एक आदत है। हमें हर समय खुद को साफ, स्वच्छ और अच्छी तरह से तैयार रखना चाहिए। यह समाज में एक अच्छे व्यक्तित्व और छाप बनाने में मदद करता है क्योंकि यह एक स्वच्छ चरित्र को दर्शाता है। हमें अपने शरीर की स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों (जल, भोजन, भूमि, आदि) की स्वच्छता को बनाए रखना चाहिए ताकि पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व की संभावना हमेशा बनी रहे।

स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरह से स्वस्थ बनाती है। आमतौर पर हम सभी अपने घरों में देखते हैं कि हमारी दादी-नानी पूजा से पहले साफ-सफाई को लेकर बहुत सख्त रहती हैं, यह कोई दूसरी बात नहीं है, वे सिर्फ साफ-सफाई को अपनी आदत बनाने की कोशिश करती हैं। लेकिन वे गलत रास्ते पर चलते हैं क्योंकि वे हमें स्वच्छता के लाभ और उद्देश्य के बारे में कभी नहीं बताते हैं इसलिए हमें स्वच्छता का पालन करने में समस्या होती है। प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को स्वच्छता के लाभ, उद्देश्य, आवश्यकता आदि के बारे में तार्किक रूप से वर्णन और चर्चा करनी चाहिए। उन्हें हमें बताना चाहिए कि स्वच्छता हमारे जीवन में भोजन और पानी की तरह सबसे पहली और महत्वपूर्ण चीज है।

हमें अपने भविष्य को उज्ज्वल और स्वस्थ बनाने के लिए हमेशा अपनी व्यक्तिगत और आसपास की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। साबुन से नहाना चाहिए, अपने नाखूनों को टेढ़ा करना चाहिए, अच्छी तरह से धोए हुए और प्रेस किए हुए कपड़े रोजाना पहनने चाहिए। घर को साफ-सुथरा कैसे रखा जाए, इसके बारे में हमें अपने माता-पिता से सीखना चाहिए। हमें अपने आसपास के क्षेत्रों को गंदा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बीमारियां फैलती हैं। जब भी हम कुछ खाने जाएं तो अपने हाथों को साबुन से धोना चाहिए। हमें पूरे दिन सुरक्षित, स्वच्छ और अच्छी तरह से शुद्ध पानी पीना चाहिए। जंक फूड, बासी भोजन या अन्य रेडीमेड तरल पदार्थों का सेवन कभी न करें।

स्वच्छता पर निबंध 500 शब्द (Essay On Cleanliness  500 words in Hindi)

स्वच्छता की अवधारणा प्राचीन काल से मानवता के लिए महत्वपूर्ण रही है। इसलिए कहा जाता है, “स्वच्छता ईश्वरत्व के बगल में है।” स्वच्छता हमें स्वस्थ और सभी प्रकार की बीमारियों से दूर रखती है। सांसों की दुर्गंध, शरीर की तेज गंध, गंदे नाखूनों, दागदार दांत, बदबूदार पैर, या अस्त-व्यस्त दाढ़ी जैसी चीजें अस्वच्छ स्वास्थ्य और दूसरों पर खराब प्रभाव डालती हैं। जबकि हाथ, दाँत और बाल धोना, नहाना और गंदगी रहित कपड़े पहनना व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के आसान तरीके हैं। स्वच्छता पर इस निबंध की मदद से छात्र यह समझ पाएंगे कि खुद को और अपने आस-पास को साफ-सुथरा रखना कितना महत्वपूर्ण है। स्वच्छता पर इस निबंध को पढ़ने के बाद छात्र स्वयं इसी तरह के विषयों पर निबंध लिखने में सक्षम होंगे। स्वच्छता पर यह निबंध प्रभावी निबंध-लेखन युक्तियों के साथ उनका मार्गदर्शन भी करेगा।

स्वच्छता स्वच्छ होने की अमूर्त अवस्था है और उस स्थिति को प्राप्त करने और बनाए रखने की आदत है। हिंदू धर्म में, स्वच्छता एक महत्वपूर्ण गुण है, और भगवद गीता इसे उन दिव्य गुणों में से एक के रूप में वर्णित करती है जिनका सभी को अभ्यास करना चाहिए। हमारे माता-पिता और शिक्षक हमें बचपन में सफाई की बुनियादी आदतें भी सिखाते हैं। इनमें दिन में दो बार ब्रश करना, खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना, नियमित रूप से नहाना, नाखून काटना, साफ-सुथरे कपड़े पहनना, कमरे की सफाई करना आदि शामिल हैं। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, सफाई के ये अभ्यास हमारी आदत बन जाते हैं।

स्वछता का महत्व

स्वच्छता हमें एक प्रफुल्लित मन देती है जिससे उत्पादक कार्य और मानसिक शांति मिलती है। यह गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में प्रगति और सुधार लाता है। स्वच्छता सुनिश्चित करने में विफल रहने से मनुष्य के स्वास्थ्य और कल्याण पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। हमारे बीमार पड़ने की सबसे अधिक संभावना है और विभिन्न बीमारियों जैसे मलेरिया, हैजा, टाइफाइड आदि से प्रभावित हो सकते हैं, जो गंदे और अस्वच्छ जीवन के कारण होने की सबसे अधिक संभावना है। बीमारी कई लोगों को हो सकती है और पूरे समुदाय में फैल सकती है। जैसा कि हम देख सकते हैं, वर्तमान महामारी, COVID-19, दुनिया भर में फैल गई है और इसने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। इस बीमारी से कई लोगों की मौत भी हो गई थी. इसलिए, संक्रामक रोगों के प्रसार से बचने के लिए, हमें अपने घर की उचित सफाई सुनिश्चित करनी चाहिए और अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।

व्यक्तिगत साफ-सफाई के अलावा हमें अपने पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने पर भी ध्यान देने की जरूरत है। ज्यादातर लोग केवल अपने घरों की सफाई पर ध्यान देते हैं, और वे कूड़ा और कचरा अपने घरों के बाहर या आस-पास फेंक देते हैं। यह रहने के लिए एक गंदा और अस्वच्छ स्थान बनाता है। इससे कई संक्रामक रोग भी होते हैं। इसलिए पर्यावरण को स्वच्छ और स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। पर्यावरण हमें सांस लेने के लिए ताजी हवा देता है, प्रदूषण कम करता है और हमें तरोताजा और ऊर्जावान महसूस कराता है। इसलिए, हमें स्वस्थ पर्यावरण के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और गैर-जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर न थूकने, प्लास्टिक के रैपरों को कूड़ेदान में फेंकने, प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली अपनाने आदि जैसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर इसे प्राप्त किया जा सकता है।

स्वच्छता स्वयं को और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करती है। पिछले कुछ वर्षों से, भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को साफ सुथरा रखने पर जोर दिया है। सरकार ने स्वच्छता हासिल करने के लिए विभिन्न अभियान और मिशन शुरू किए हैं। कुछ प्रसिद्ध अभियान “स्वच्छ भारत हरित भारत” और “स्वच्छ भारत अभियान” हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत, सरकार ने घरेलू और सामुदायिक स्वामित्व वाले शौचालयों का निर्माण किया और कई गांवों को “खुले में शौच मुक्त” बनाया। नतीजतन, कुछ राज्य आगे आए हैं और अपने शहरों/राज्यों को स्वच्छ रखने पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस प्रकार, यह सभी के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र के रूप में परिणत हुआ है।

स्वच्छता निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

स्वच्छता के कुछ सकारात्मक प्रभावों की सूची बनाएं।.

साफ-सुथरा रहने से महारत का अहसास होता है और मन भी प्रफुल्लित रहता है।

स्वच्छ रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

स्वच्छ रहने और अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखने से हमें बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है और हमारे बीमार पड़ने की संभावना भी कम हो जाती है।

स्वच्छता के अन्य लाभ क्या हैं?

एक स्वस्थ वातावरण कीटाणुओं और जीवाणुओं के विनाश में मदद करता है। यह हमारे घर/पर्यावरण के समग्र स्वरूप में भी सुधार करता है।

स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi (1000W)

स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi (1000W)

हमने इस लेख में स्वच्छता पर निबंध (Essay on Cleanliness in Hindi) लिखा है। जिसमें हमने प्रस्तावना, स्वच्छता का अर्थ, महत्व, स्वच्छता पर गांधी जी के 10 विचार, और स्वच्छता पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi)

हम स्वच्छता के बारे में लोगों से कहते हुए सुनते है कि साफ-सफाई हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह जीवन की प्रथम प्राथमिकता है। आईए स्वच्छता के विषय में ज्यादा जानें और एक कदम स्वच्छता की ओर बढ़ाएं।

स्वच्छता का क्या अर्थ है? What is the meaning of Cleanliness in Hindi?

स्वच्छता का अर्थ है सफाई से रहने की आदत। सफाई से रहने से शरीर स्वस्थ रहता है। स्वच्छता तन और मन दोनों की खुशी के लिए आवश्यक है। स्वच्छता लोगों की दिनचर्या में शामिल होनी चाहिए। गांधी जी ने कहा था- “स्वच्छता ही सेवा है” हमारे देश पर हमारे जीवन में स्वच्छता की बहुत जरूरत है।

स्वच्छता का महत्व Importance of Cleanliness in Hindi

सफाई का मतलब स्वच्छता से है अर्थात अस्वच्छता हमारे आसपास की वातावरण और जीवन को प्रभावित करती है। हमें व्यक्तिगत व आसपास भी सफाई रखनी चाहिए। रोगियों की बढ़ती जनसंख्या एवं अस्पतालों में साफ-सफाई को ध्यान देने की आवश्यकता इस बात को और भी स्पष्ट करती है।

प्रदूषण से बचने के लिए कचरे का प्रबंध करना चाहिए। स्वच्छता जीवन का एक महत्वपूर्ण कारक (अंग) है। स्वच्छता से तात्पर्य स्वस्थ होने की अवस्था से है। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो सभी के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है। 

हर सुबह जैसे ही हम उठाते हैं हमें अपने दांतों को साफ करने चाहिए। अपना चेहरा, हाथ पैर धोना चाहिए। और साथ ही स्नान भी करनी चाहिए। यह स्वस्थ रहने और शांति से जीवन जीने का सबसे अच्छा गुण है। 

सबसे महत्वपूर्ण बात माता-पिता और शिक्षकों को बचपन से ही बच्चों में इस आदत को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि वे स्वच्छता के महत्व को समझ सके यह सार्वजनिक स्वच्छता या व्यक्तिगत स्वच्छता से संबंधित हो सकता है।

हमें स्वच्छता से कभी समझौता नहीं करनी चाहिए। यह हमारे लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि भोजन और पानी। हम स्वच्छता को कई प्रकार से विभाजित कर सकते हैं जैसे- कपड़े की सफाई, घरों की सफाई, कार्यालय की सफाई, आसपास की सफाई, व्यक्ति की सफाई, सड़कों की सफाई, पर्यावरण की सफाई , इत्यादि। 

स्वच्छता हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखता है और हमारे जीवन का उम्र को भी बढ़ाता है। स्वच्छता एक स्वस्थ और अच्छी आदत है, जो हम सभी के लिए बहुत आवश्यक है।

स्वच्छता के लिए भारत में शुरू की गई योजनाएं

प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान.

स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर माननीय श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा चलाया गया एक सफाई या स्वच्छता अभियान है। 

यह अभियान नई दिल्ली के राजघाट से शुरू किया गया था। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है और भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही है जो की शहर और गांव की सफाई के लिए आरंभ की गई है। ( pmindia )

प्रधानमंत्री शौचालय योजना

स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों को शौचालाय बनवाने में दिक्कत ना हो इसीलिए सरकार प्रधानमंत्री शौचालय योजना के तहत करीब ₹12000 दे रही है। इसके लिए आपको आवेदन करना होगा।

जैसे ही लिस्ट में आपका नाम आता है आपके खाते में रुपए जमा कर दिए जाते हैं या आपके घर में शौचालाय निर्माण के लिए व्यक्ति जाते हैं। इससे लोग आस पास की स्वच्छता का महत्व समझेंगे और वातावरण को स्वच्छ रखेंगे।

प्लास्टिक बंद

प्लास्टिक जिसे मानव एक वरदान की तरह समझता है दरअसल वह मानव जीवन में लगातार जहर घोल रहा है। सस्ता और सिंगल उपयोग के कारण मानव सुबह से लेकर शाम तक प्लास्टिक का उपयोग करता है। 

उपयोग के बाद उसे फेंक देता है जो वायु, जल, मिट्टी, जंतुओं, समुद्र जीवों आदि के स्वास्थ्य पर जहर की भांति प्रभाव डालती है। इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर को प्लास्टिक बंद का ऐलान किया और इसके उपयोग के प्रति कई कड़े कानून बनाए गए। यह स्वच्छता के प्रति एक अच्छा कदम था।

वृक्षारोपण का अर्थ है प्रकृति में वृक्ष लगाना। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़ पौधे लगाना बहुत ही आवश्यक है।

पूरे देश में शहर से लेकर गाँव तक वृक्षारोपण का कार्यक्रम चल रहा है। 

स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी के 10 विचार 10 Thoughts of Mahatma Gandhi on Cleanliness in Hindi

 स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी के निम्नलिखित विचार थे-

  •  महात्मा गांधी जी ने कहा था कि राजनीतिक स्वतंत्रता से ज्यादा स्वच्छता है।
  •  यदि कोई व्यक्ति स्वच्छ नहीं है तो वह स्वास्थ्य नहीं रह सकता।
  • मैं किसी को गंदे पैर के साथ, अपने मन से, नहीं गुजरने दूँगा।
  • नदियों को स्वच्छ रख कर हम अपनी सभ्यता को जिंदा रख सकते हैं।
  • बेहतर साफ-सफाई से ही भारत के गांव को आदर्श बनाया जा सकता है।
  • स्वच्छता को अपने आचरण में इस तरह से लोग कि वह अपनी आदत बन जाए।
  • अपनी गलती को स्वीकार ना झाड़ू लगाने के समान है जो सतह को चमकदार व साफ कर देता है।
  • हर किसी एक को अपना कूड़ा खुद साफ करना चाहिए।
  • स्वच्छता भक्ति के बाद दूसरी महत्वपूर्ण चीज है।
  • जब तक आप झाड़ू और बाल्टी को अपने हाथ में नहीं लेते हैं, तब तक आप अपने कस्बों को साफ नहीं कर सकते हैं।

स्वच्छता पर 10 लाइन 10 lines on Cleanliness in Hindi

  • वातावरण स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए साफ-सफाई जरूरी है।
  • स्वच्छता हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
  • बचपन से ही हमें अपने साफ-सफाई को आदत में लाना चाहिए।
  • गंदगी से कई तरह की बीमारियाँ पैदा होती है जो  मानव जीवन के विकास में बाधा डालती है।
  • स्वच्छता से ही हम बीमारियों को खत्म कर सकते हैं।
  • हमें अपने घर के साथ ही आसपास की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
  • वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए हमें पौधे लगाने चाहिए।
  • स्वच्छता को बनाए रखने के लिए हमें इधर-उधर कचरा नहीं भेजना चाहिए। कूड़ेदान में हमेशा कचरा फेंकना चाहिए।
  • हमारे लिए शरीर की भी स्वच्छता बहुत जरूरी है जैसे रोज नहाना, स्वच्छ कपड़े पहनना, दाँत साफ करना, नाखून काटना, आदि।
  • कहा भी गया है स्वच्छता पर ईश्वर का वास होता है। अंततः स्वच्छता को अपनाएं और देश को आगे बढ़ाएं।

निष्कर्ष Conclusion

हम सबको मिलजुल करके अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ और साफ सुथरा रखना होगा तभी हमारा और हमारे देश का विकास होगा। यदि आपको हमारा यह स्वच्छता पर निबंध (Essay on Cleanliness in Hindi) अच्छा लगा हो तो हमें कमेंट करें। धन्यवाद।

पढ़ें: प्रिय बापू आप अमर हैं पत्र लेखन

2 thoughts on “स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi (1000W)”

बहुत अच्छा तथा सटीक लिखा हुआ है ।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

  • Choose your language
  • मुख्य ख़बरें
  • अंतरराष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • मोबाइल मेनिया

श्राद्ध पर्व

  • श्री कृष्णा
  • व्रत-त्योहार
  • श्रीरामचरितमानस
  • बॉलीवुड न्यूज़
  • मूवी रिव्यू
  • खुल जा सिम सिम
  • आने वाली फिल्म
  • बॉलीवुड फोकस

लाइफ स्‍टाइल

  • वीमेन कॉर्नर
  • नन्ही दुनिया
  • दैनिक राशिफल
  • आज का जन्मदिन
  • आज का मुहूर्त
  • वास्तु-फेंगशुई
  • टैरो भविष्यवाणी
  • पत्रिका मिलान
  • रत्न विज्ञान
  • धर्म संग्रह
  • Essay on Cleanliness
  • 104 शेयरà¥�स

सम्बंधित जानकारी

  • स्वच्छता पर पढ़ें महात्मा गांधी के 10 अनमोल विचार
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निबंध
  • हिंदी भाषा पर निबंध : स्वाभिमान की भाषा है हिंदी
  • Sarvepalli Radhakrishnan Essay : डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर हिन्दी में निबंध
  • Mother Teresa Essay : मदर टेरेसा पर हिन्दी निबंध

Essay on Cleanliness : स्वच्छता पर हिन्दी में सबसे अच्छा निबंध

Essay on Cleanliness : स्वच्छता पर हिन्दी में सबसे अच्छा निबंध - Essay on Cleanliness

कफ बढ़ने से होते हैं 28 रोग, इन 5 चीजों को खाने से बचें...

  • वेबदुनिया पर पढ़ें :
  • महाभारत के किस्से
  • रामायण की कहानियां
  • रोचक और रोमांचक

पेट पर सालों से जमा चर्बी को मोम की तरह पिघला देगा ये ड्रिंक

पेट पर सालों से जमा चर्बी को मोम की तरह पिघला देगा ये ड्रिंक

रात को सोने से पहले इस मसाले का दूध पीने से मिलेंगे चौंकाने वाले फ़ायदे

रात को सोने से पहले इस मसाले का दूध पीने से मिलेंगे चौंकाने वाले फ़ायदे

रिलेशन में ये संकेत देखकर हो जाएं सतर्क, ऐसे पता चलता है कि आपका रिश्ता हो रहा है कमजोर

रिलेशन में ये संकेत देखकर हो जाएं सतर्क, ऐसे पता चलता है कि आपका रिश्ता हो रहा है कमजोर

Navratri Food 2024: नवरात्रि में फलाहार के 5 खास आइटम

Navratri Food 2024: नवरात्रि में फलाहार के 5 खास आइटम

नकली और असली केसर में कैसे करें पहचान? जानें ये 5 बेहतरीन तरीके

नकली और असली केसर में कैसे करें पहचान? जानें ये 5 बेहतरीन तरीके

और भी वीडियो देखें

essay on cleanliness hindi language in hindi

मेनोपॉज में नींद क्यों होती है प्रभावित? जानें इसे सुधारने के उपाय

मेनोपॉज में नींद क्यों होती है प्रभावित? जानें इसे सुधारने के उपाय

प्रेग्नेंसी के दौरान मसूड़ों से खून आने से हैं परेशान, जानिए क्या ये है सामान्य

प्रेग्नेंसी के दौरान मसूड़ों से खून आने से हैं परेशान, जानिए क्या ये है सामान्य

Gandhi Jayanti 2024: महात्मा गांधी पर हिंदी में रोचक निबंध

Gandhi Jayanti 2024: महात्मा गांधी पर हिंदी में रोचक निबंध

त्योहारों में पकवान और मीठे की वजह से बढ़ जाता है वज़न, तो अपनाएं ये आसान तरीके

त्योहारों में पकवान और मीठे की वजह से बढ़ जाता है वज़न, तो अपनाएं ये  आसान तरीके

26 सितंबर: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की जयंती, जानें 10 शिक्षाप्रद बातें

26 सितंबर: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की जयंती, जानें 10 शिक्षाप्रद बातें

  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • हमसे संपर्क करें
  • प्राइवेसी पालिसी

Copyright 2024, Webdunia.com

  • गर्भधारण की योजना व तैयारी
  • गर्भधारण का प्रयास
  • प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी)
  • बंध्यता (इनफर्टिलिटी)
  • गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह
  • प्रसवपूर्व देखभाल
  • संकेत व लक्षण
  • जटिलताएं (कॉम्प्लीकेशन्स)
  • प्रसवोत्तर देखभाल
  • महीने दर महीने विकास
  • शिशु की देखभाल
  • बचाव व सुरक्षा
  • शिशु की नींद
  • शिशु के नाम
  • आहार व पोषण
  • खेल व गतिविधियां
  • व्यवहार व अनुशासन
  • बच्चों की कहानियां
  • बेबी क्लोथ्स
  • किड्स क्लोथ्स
  • टॉयज़, बुक्स एंड स्कूल
  • फीडिंग एंड नर्सिंग
  • बाथ एंड स्किन
  • हेल्थ एंड सेफ़्टी
  • मॉम्स एंड मेटर्निटी
  • बेबी गियर एंड नर्सरी
  • बर्थडे एंड गिफ्ट्स

FirstCry Parenting

  • बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

स्वच्छता पर निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi)

स्वच्छता पर निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi)

In this Article

स्वच्छता पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Cleanliness In Hindi)

स्वच्छता पर निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on cleanliness in hindi 200-300 words), स्वच्छता पर निबंध 400-500 शब्दों में (essay on cleanliness in 400-500 words), स्वच्छता क्या है (what is cleanliness), स्वच्छता के प्रकार (type of cleanliness), स्वच्छता के फायदें (benefits of cleanliness), स्वच्छता के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a cleanliness essay), स्वच्छता के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).

स्वच्छता का अर्थ है अपने आसपास की जगह को गंदगी से मुख्त रखना और खुद को साफ सुथरा रखना। लेकिन सिर्फ अपने घर की और खुद की सफाई, स्वच्छता नहीं होता है। बल्कि स्वच्छता का मतलब हमारे घर से आस-पड़ोस में भी मौजूद गंदगी जैसे धूल, मिट्टी, खुला कचड़ा, जमा हुआ गंदा पानी, गढ्ढे, आदि इन सब से भी मुक्त होना जरूरी है। अगर हमारे चारों तरफ सफाई बनी रहेगी तो हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। वैसे तो कहा जाता है कि अगर आपका मन साफ है तो आप तब भी स्वच्छ माने जाते हैं। इंसानों के लिए मन की सफाई आस-पास की सफाई जितना ही महत्वपूर्ण हो गया है। स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री भी स्वच्छता अभियान का पालन करने का आग्रह करते हैं। ऐसी ही कुछ स्वच्छता की आदतों का पालन बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी करना चाहिए ताकि वह कई तरह की बीमारियों से बच सकें।

अगर आप स्वच्छता पर 100 शब्दों का निबंध या पैराग्राफ या लेख चाहते हैं तो नीचे दिए गए स्वच्छता पर 10 लाइन जरूर पढ़ें।

  • स्वच्छता यानी खुद की, अपने घर की और आसपास की साफ-सफाई होती है।
  • बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपने शरीर की सफाई रखना बेहद जरूरी है।
  • अपने वातावरण को हमेशा स्वच्छ रखें और कूड़े को कूड़ेदान में ही फेंके।
  • गंदगी और गंदगी फैलाने वाली सभी आदतों से दूरी बनाएं।
  • बच्चों को भी साफ-सफाई की महत्ता के बारे में समझना चाहिए।
  • स्वच्छ भारत अभियान पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेनी चाहिए।
  • शौच के लिए हमेशा शौचालय में जाएं, यहाँ वहां गन्दगी ना फैलाएं।
  • अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से धोएं।
  • साफ वातावरण के साथ इंसान को अपने मन की सफाई भी रखना जरूरी है।
  • आसपास की साफ सफाई के लिए प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें।

अगर आपके बच्चे को 200 से 300 शब्दों के बीच प्रदुषण पर अनुच्छेद लिखना है तो उन्हें नीचे दिए गए शॉर्ट एस्से का सुझाव दे सकते हैं।

स्वच्छता हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। बचपन से ही हमें यह सिखाया जाता है कि हमें हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सब में होनी चाहिए। हमे अपने घर, स्कूल, आसपास की   साफ-सफाई का ख्याल खुद रखना चाहिए। इस प्रकार यह कार्य किसी एक का न होकर हम सब की जिम्मेदारी का हिस्सा बन जएगा और सबके सहयोग से देश स्वच्छ रहेगा। अगर हमारे घर में पालतू जानवर हो या हम जानवरों के शौकीन हो तो हमें उनकी सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए उन्हें समय समय पर नहलाना चाहिए। इसी प्रकार हमें खुद भी रोजाना नहा कर साफ कपड़े पहनना चाहिए। जब भी हम कहीं बाहर से आते हैं तो हमे सबसे पहले अपने हाथों को धोना चाहिए, क्योंकि जब हम बाहर होते हैं तो कई ऐसी चीजों के संपर्क में आते हैं जो संक्रमित होती हैं और हम उनसे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। हम हाथों का प्रयोग अधिक करते हैं इसलिए सबसे पहले अपने हाथों का धोना चाहिए और संभव हो तो उसके बाद स्नान भी कर लें, ताकि हम खुद को और अपने परिवार व अपने आस-पास मौजूद अन्य लोगों को बीमारियों से दूर रख सकें। देश में स्वछता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ शुरू किया। इसका असर काफी सकारात्मक रूप से देखने को मिल रहा है और लोग देश को गंदगी मुक्त बनाने के लिए समूह में काम कर रहे हैं। यह समूह शहर शहर और गाओं तक पहुंच कर लोगों में स्वछता के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है। यह अभियान राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका मकसद गलियों, सड़कों को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। ताकि देश का विकास तेजी से हो और बाहरी देशों के पर्यटक ज्यादा से ज्यादा हमारे देश में आएं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बढ़ोतरी हो। ‘’देश तभी साफ होगा जब सफाई में सबका हाथ होगा’’ इसी नारे के साथ हमे देश की प्रगति के लिए स्वछता का खास ख्याल रखना है।

घर की साफ-सफाई

अगर आप अपने बच्चे को राइटिंग कम्पोजिशन में भाग दिला रही हैं जिसमें उसे 400 से 500 शब्दों के बीच हिंदी में स्वच्छता पर एस्से लिखना है तो आप उन्हें इस लॉन्ग एस्से का सुझाव दे सकती हैं। आइए देखते हैं:

स्वच्छता की शुरुआत सभी को सबसे पहले अपने घर से करनी चाहिए। इसलिए अपने घर को साफ रखना बहुत जरूरी है। जैसे कि, घर में कूड़ा फैलाकर नहीं रखें, कूड़ा जब भी फेंके तो कूड़ेदान में ही फेंके, अपने आसपास पेड़-पौधे लगाएं, गंदा पानी इकठ्ठा होने से बचाएं आदि। यह आदतें काफी लाभदायक होती हैं। यह आदतें घर से शुरू होकर बाहर सड़कों और स्कूलों में पहुंचना जरूरी है। इसके अलावा हमें दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि उनके लिए भी स्वच्छता उतना ही जरूरी है।

स्वच्छता का मतलब खुद को, अपने परिवार को और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना होता है। स्वच्छता की आदतों का पालन करने के लिए कभी भी किसी के जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए बल्कि एक दूसरे को इन आदतों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो किसी के भी जीवन को बेहतर बना सकती है और कई बिमारियों से बचा कर लंबी उम्र भी प्रदान करती है। बच्चे यह आदतें सबसे पहले अपने माता-पिता फिर उसके बाद अपने शिक्षक से सीखते हैं। स्वच्छता से जुड़ी अच्छी आदतों का पालन करने के लिए बच्चों को बचपन से ही प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे उन्हें जागरूकता हासिल होगी। साफ-सफाई कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है बल्कि अगर आप ठान लें, तो आसानी से पालन किया जा सकता है। स्वच्छता से समझौता करने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए। यह मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य और विकास के लिए जरूरी है।

स्वच्छता को आमतैर पर दो अलग-अलग भागों में बांटा जा सकता है। पहला व्यक्तिगत स्वच्छता और दूसरा पर्यावरण की स्वच्छता।

व्यक्तिगत स्वच्छता

स्वच्छता आपके व्यक्तिगत सफाई में अहम भूमिका निभाता है। इसमें हमे अपने शरीर और व्यक्तिगत सामान की सफाई रखना जरूरी है। व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ रहने का मतलब होता है- साफ और धुले कपड़े पहनना, रोज नहाना, ब्रश करना, अच्छी आदतें अपनाना आदि। सिर्फ इतना ही हम जहां भी जाते हैं चाहे वो ऑफिस हो या फिर कहीं और, व्यक्तिगत स्वच्छता दूसरों को भी प्रभावित करती है। क्या आपका ऑफिस जहां आप अपने दिन का आधे से ज्यादा समय बिताते हैं, वह गन्दा रहता है? अगर ऐसा है, तो आपको स्वच्छता की आदतों का पालन करना बेहद जरूरी है। स्वच्छता केवल आपके शरीरिक रूप तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह उससे कई गुना है।

पर्यावरण स्वच्छता

पर्यावरण से जुड़ी स्वच्छता से यह तात्पर्य है कि हमारे आसपास की वह चीजें जिनसे कम हस्तक्षेप कर के बेहतर पर्यावरण का विकास कर सकते हैं। यदि हम अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाते हैं तो इससे हमारे पर्यावरण को कई फायदें हासिल होंगे। यह तो हर किसी को पता है कि जैसे हम अपना शरीर साफ रखते हैं और उसको किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं, उसी तरह पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हमारी है।

  • स्वच्छता बनाए रखने से आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा बना रहता है।
  • स्वच्छता के कारण हम कीटाणुओं और बीमारियों से बचे रहेंगे।
  • स्वच्छता का पालन करने से हमारे पर्यावरण में भी सुधार आएगा।
  • स्वच्छ आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है।
  • साफ सुथरे वातावरण में किसी भी बीमारी के फैलने की संभावना कम से कम होती है।

स्वच्छता एक अच्छी आदत है और इसका पालन करना बड़ों के साथ-साथ बच्चों की भी जिम्मेदारी होती है। अगर मिलकर इस समस्या का समाधान निकाला जाए तो देश, गंदगी और अन्य चीजों से होने वाली बिमारियों से बच सकता है। इसलिए स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए देश के युवक और बच्चों अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए और स्वच्छ भारत अभियान को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

यहां स्वच्छता से जुड़े सवाल और उसके जवाब दिए गए, जो आपका बच्चा जानना चाहेगा। आइए जानते हैं:

1. स्वच्छता क्यों जरूरी है?

स्वच्छता महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह बीमारियों को दूर रखती है। इसके अलावा, इसकी आदतें हमारे जीवन में कई तरह के सुधार लाता है।

2. भारत में स्वच्छ भारत मिशन कब शुरू किया गया था?

2 अक्टूबर 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई थी।

3. स्वच्छता कैसे बनाए रख सकते हैं?

स्वच्छता को व्यक्तिगत और पर्यावरण स्तर दोनों में बनाए रखा जा सकता है। हमें नियमित रूप से नहाना चाहिए, हाथ धोना चाहिए, ब्रश करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए, आदि। इसके अलावा हमें पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए घर का कूड़ा कूड़ेदान में डालना चाहिए और प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

जल पर निबंध (Essay On Water In Hindi) प्रिय मित्र पर निबंध (Essay on Best Friend in Hindi)

RELATED ARTICLES MORE FROM AUTHOR

शारदीय नवरात्रि 2024 – तिथि, मुहूर्त और महत्व, दुर्गा पूजा पर 15 सबसे प्रसिद्ध आरती और भजन – लिरिक्स के साथ, नवरात्रि के नौ दिन पहने नौ रंगों के कपड़े, बच्चों के लिए नवरात्रि और दशहरा से जुड़ी जानकारियां, बच्चों के लिए नवरात्रि और दशहरे से जुड़ी कहानियां और तथ्य, बच्चों के लिए नवरात्रि से जुड़े दिलचस्प सवाल-जवाब, popular posts, 60+ दशहरा 2024 की शुभकामनाएं देने के लिए यूनिक कोट्स, विशेस, मैसेज और स्टेटस, 60+ नवरात्रि 2024 की शुभकामनाएं, कोट्स, विशेज, मैसेज, शायरी और स्टेटस, दुर्गा पूजा पर 15 सबसे प्रसिद्ध आरती और भजन – लिरिक्स..., 60+ दशहरा 2024 की शुभकामनाएं देने के लिए यूनिक कोट्स, विशेस,....

FirstCry Parenting

  • Cookie & Privacy Policy
  • Terms of Use
  • हमारे बारे में

NVSHQ Hindi

NVSHQ Hindi

सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी

स्वच्छता पर निबंध – Essay on Cleanliness in Hindi (Swachhata Par Nibandh)

Photo of author

Reported by Saloni Uniyal

Published on 15 August 2024

यदि आप स्वच्छता पर निबंध ढूंढ रहें हैं तो आप सही जगह पर आएं हैं। आज हम आपको इस लेख में स्वच्छता पर निबंध – (Essay on Cleanliness in Hindi (Swachhata Par Nibandh) से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी को बताने जा रहें हैं अतः आपको इस आर्टिकल के लेख को अंत तक अवश्य पढ़ना है।

स्वच्छता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे आस-पास उपस्थित पर्यावरण का स्वच्छ होना अतिआवश्यक है जिसके तहत हम भी स्वस्थ रहेंगे। हमें केवल अपने घर की सफाई ही नहीं बल्कि अपने आस पड़ोस में भी सफाई करनी आवश्यक है। स्वच्छता कई प्रकार की होती है जैसे- वैचारिक, सामाजिक एवं व्यक्तिगत आदि। हमें हर प्रकार की स्वच्छता को अपनाना जरूरी है।

स्वच्छता क्या है?

जिस प्रकार हम अपने शरीर को स्वच्छ रखते हैं ठीक उसी प्रकार हमें अपने चारों ओर पर्यावरण को स्वच्छ रखना चाहिए। Cleanliness मानव जाति के लिए बहुत आवश्यक है जो कि हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रखती है। चाहे व्यक्ति छोटा हो या बड़ा हो, प्रत्येक आयु के मनुष्य को स्वच्छता का पालन करना चाहिए। जैसे कि, हमने अपने कहीं भी अपने आस-पास कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए, कूड़े हमें कूड़ेदान में डालना चाहिए, अपने शरीर को स्वच्छ रखना चाहिए, खाने से पहले हमेशा हैंड वाश करने चाहिए ऐसी कई बाते हैं जिनका हमें ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा हमें देश के अन्य नागरिकों को भी जागरूक करना चाहिए कि हमारे जीवन के लिए स्वच्छता कितनी महत्वपूर्ण है। यदि हम अपने आस-पास सफाई नहीं रखेंगे तो चारों तरफ गन्दगी फैलेगी जिससे कि कई प्रकार की बीमारियां उत्त्पन होंगी और हम ऐसे ही बीमार पड़े रहेंगे।

स्वच्छता पर निबंध – Essay on Cleanliness in Hindi (swachhata par nibandh)

स्वच्छ भारत अभियान क्या है?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत महात्मा गाँधी की 145वीं जयंती पर की गई थी। इस अभियान को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य गाँधी जी के सपने स्वच्छ भारत के निर्माण को पूरा करना था। इस अभियान को क्लीन इंडिया मिशन भी कहा जाता है। इस मिशन के तहत सरकार ने कई तरह के प्रयास किए एवं कई कैम्पेनों का निर्माण किया ताकि देश को साफ़-सुथरा बनाया जा सके। जब भारत का प्रत्येक शहर एवं गांव, सड़कें एवं गलियां साफ़ रहेंगी तो हमारे चारों ओर का पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा तथा बीमारियां भी कम होंगी। जब हम स्वस्थ रहेंगे तो तभी जाकर हम अपने देश का आर्थिक विकास कर सकते हैं। सरकार द्वारा अपील की गई है कि देश की सम्पूर्ण जनता स्वच्छ भारत बनाने में अपना पूरा योगदान देने की कोशिश करें। सर्वप्रथम स्वच्छ भारत अभियान को शुरू मोदी जी ने सड़कों पर सफाई करके किया था।

WhatsApp

यह भी पढ़े :- महात्मा गांधी पर निबंध

Swachhata के लाभ क्या हैं?

यदि देश में स्वच्छता रहेगी तो देश का विकास होगा और इससे हमें कई प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ हमारे शरीर को मिलेगा जब चारों तरफ स्वच्छता होगी तो बीमारियां भी नहीं होंगी जिससे हम बीमार भी नहीं होंगे एवं हमारा स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहेगा। गन्दगी साफ़ करने से हमारा वातावरण भी स्वच्छ होगा और जीव जंतु भी स्वस्थ रहेंगे।

जब हम अपने घर को स्वच्छ रखते हैं तो कितना सुन्दर लगता है हमारे मन में अच्छे विचार उत्पन्न होते है एवं लोगों के प्रति अच्छी भावनाएं आती हैं घर का माहौल पॉजिटिव रहता है, घर में खुशहाली रहती हैं एवं सभी सदस्य खुश रहते हैं। इसी प्रकार जब हम अपने देश को स्वच्छ रखेंगे तो हमारा देश भी विकास करेगा और आर्थिक रूप से उन्नति एवं मजबूत बनेगा।

स्वच्छता ना होने के नुकसान

यदि हमारे चारों तरफ गन्दगी रहेगी कूड़े कचरे के ढेर पड़े रहेंगे तो हमारे आस-पास बदबू ही बदबू रहेगी जिससे लोग भी बीमार होंगे और रोग्रस्त हो जाएंगे। लोग नदियों में गन्दा पानी छोड़ते हैं जिससे नदी का जल प्रदूषित हो जाता है जिसे पीकर लोगों को टाइफाइड होने का अधिक खतरा होता है। अत्यधिक गन्दगी बढ़ने से उस स्थान की वायु एवं भूमि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है जो कि पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है।

बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां एवं उद्योग कारखानों से निकलने वाले धुंए से आयु प्रदूषण होता है जो कि सांस वाले मरीजों के लिए हानिकारक होता है एवं स्वस्थ व्यक्ति को साँस लेने से सम्बंधित अनेक बीमारियां हो जाती है। आज के समय बढ़ती जनसंख्या भी स्वच्छता ना होने का कारण बन रही है लोग जहां मर्जी अपने घर का कचरा फेंक के आ जाते हैं एवं सफाई के लिए गंभीर नहीं होते हैं जिससे की देश दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होता जा रहा है।

देश को स्वच्छ रखने के लिए उपाय

यदि हमें अपने देश को सम्पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाना है तो हमें नीचे दिए हुए निम्न उपायों को अपनाना होगा।

स्वच्छता से सम्बंधित घर के कार्य

अपने जीवन को स्वस्थ बनाने के लिए अपने मन, शरीर एवं घर को साफ़ रखना होगा। हमें रोजाना अपने शरीर को साफ़ करना चाहिए जैसे- नहाना, दांत साफ करना, साफ सुथरे कपड़े पहनना, नाखून साफ़ करना, घर के प्रत्येक कमरे एवं कोने को साफ़ रखना आदि।

प्लास्टिक पर प्रतिबंध

हमारे जीवन में सबसे आम तौर पर आज के समय में ज्यादातर प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है चाहे वह पॉलीथिन हो या फिर प्लास्टिक का अन्य सामान, लोग इसका प्रयोग करके नालियों में, नदियों एवं सड़कों पर फेंक देते हैं लेकिन आपको पता भी है इसका अपघटन होने करोड़ों वर्ष लग जाते हैं तब तक यह भूमि में ही पड़ा रहता है और यह बहुत खतरनाक भी होता है। लोग पॉलीथिन का उपयोग करके सड़कों पर फेंक देते हैं जिसे कि जानवर खा लेते हैं जो कि उनके मृत्यु का कारण बनता है।

लेकिन सरकार द्वारा इस समस्या को देखकर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है एवं कड़े नियमों का प्रावधान किया गया है। हमें पॉलीथिन के बदले कपड़े की थैलियों का प्रयोग करना चाहिए।

विचारों में swachhata

हमें अपने स्वयं की स्वच्छता के साथ अपने कार्य एवं मन के विचारों को भी स्वच्छ रखना चाहिए तभी जाकर हमें मन की शांति प्राप्त होगी। जब तक हमारा मन स्वच्छ नहीं होगा तब तक हम अपने शरीर तन को स्वच्छ नहीं रख पाएंगे।

धार्मिक स्थलों की स्वच्छता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध। Essay Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध: Essay Narendra Modi

हमें अपने धार्मिक स्थलों को जैसे मंदिर को भी स्वच्छ रखना चाहिए रोजाना मंदिर की सफाई करनी चाहिए उसे पश्चात ही हमें मंदिर में पूजा करनी चाहिए।

सार्वजनिक स्थलों की सफाई

जिस तरह से हम अपना घर साफ़ करते हैं उसी तरह से हमको सार्वजनिक स्थलों की भी सफाई करनी चाहिए। यदि हम सार्वजनिक स्थलों की सफाई नहीं करते हैं तो हमें गन्दगी भी नहीं करनी चाहिए एवं दूसरे लोगों को गन्दगी फैलाने से रोकना चाहिए।

महात्मा गाँधी के स्वच्छता को लेकर मुख्य विचार

आजादी के समय गाँधी का स्वप्न था कि भारत को आजाद करने के साथ-साथ स्वच्छ भी कर दिया जाएगा जिसके लिए उन्होंने विभिन्न प्रयास किए लेकिन वे असमर्थ रहें। और उनका सपना केवल एक सपना ही बन कर रह गया। स्वतंत्रता के समय उन्होंने स्वच्छता को लेकर कई विचार प्रस्तुत किए थे जो कि निम्न प्रकार के थे।

  • महात्मा जी का कहना था कि राजनैतिक स्वतंत्रता से अधिक जरूरी स्वच्छता है।
  • हमें स्वच्छता की आदत दिलाने के लिए अपने व्यवहार में स्वच्छता लानी होगी।
  • व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छ होना जरुरी है।
  • प्रत्येक व्यक्ति को अपने कूड़े कचरे की सफाई स्वयं करनी चाहिए।
  • गांव में साफ-सफाई करके ही आर्थिक विकास किया जा सकता है।
  • हमें अपने शौचालय को घर की तरह साफ रखना चाहिए।
यह भी जानिए :- जलवायु परिवर्तन पर निबंध |

स्वच्छता पर निबंध से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

देश में Swachhata क्यों जरूरी है?

यदि हम अपने आस-पास सफाई चाहते हैं एवं अपने स्वस्थ स्वास्थ्य चाहते हैं तो देश में स्वच्छता का होना अत्यंत जरूरी है।

स्वच्छता अभियान किसी तिथि को शुरू किया गया था?

2 अक्टूबर 2014 को गाँधी जयंती के अवसर पर इस अभियान को शुरू किया गया था।

देश में स्वच्छता अभियान कब से चलाया जाएगा?

1 अक्तूबर से देश में स्वच्छता दिवस मनाया जाता है।

स्वच्छ भारत निर्माण किसका सपना था?

स्वच्छ भारत का निर्माण गाँधी जी का सपना था।

स्वच्छ भारत स्वच्छ अभियान कब शुरू किया गया था?

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा स्वच्छ भारत स्वच्छ की शुरुआत महात्मा गाँधी की 145वीं जयंती पर की गई थी।

Essay on Cleanliness in Hindi (Swachhata Par Nibandh) से सम्बंधित प्रत्येक जानकारी को हमने इस लेख में साझा कर दिया है यदि आपको लेख से जुड़ी अन्य जानकारी कोई प्रश्न पूछना है तो आप इसके लिए नीचे दिए हुए कमेंट सेक्शन में अपना प्रश्न लिख सकते हैं हमारी टीम द्वारा जल्द ही आपके प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा। इसी तरह के अन्य लेखों एवं सरकारी योजनाओं के बारे में जानने के लिए हमारी साइट hindi.nvshq.org से ऐसे ही जुड़े रहें। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो और इससे जुड़ी जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिली हो धन्यवाद।

जल संरक्षण पर निबंध – Save Water Essay in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध: Save Water Essay in Hindi

Photo of author

Saloni Uniyal

Leave a Comment Cancel reply

मदर टेरेसा जीवनी - Biography of Mother Teresa in Hindi Jivani

मदर टेरेसा जीवनी – Biography of Mother Teresa in Hindi Jivani

रजिया सुल्तान जीवनी - Biography of Razia Sultan in Hindi Jivani

रजिया सुल्तान जीवनी – Biography of Razia Sultan in Hindi Jivani

सतीश कौशिक जीवनी | Satish Kaushik Biography in Hindi

न्यूज , जीवन परिचय

सतीश कौशिक जीवनी: satish kaushik biography in hindi.

गुरु तेग बहादुर जीवनी - Biography of Guru Tegh Bahadur in Hindi Jivani

गुरु तेग बहादुर जीवनी – Biography of Guru Tegh Bahadur in Hindi Jivani

रणदीप हुड्डा जीवनी | Randeep Hooda Biography in Hindi

रणदीप हुड्डा जीवनी | Randeep Hooda Biography in Hindi

मन्या सुर्वे जीवनी - Biography of Manya Surve in Hindi Jivani

मन्या सुर्वे जीवनी – Biography of Manya Surve Jivani in Hindi

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें

दा इंडियन वायर

स्वच्छता पर निबंध

essay on cleanliness hindi language in hindi

By विकास सिंह

essay on cleanliness in hindi

विषय-सूचि

स्वच्छता पर निबंध, short essay on cleanliness in hindi (100 शब्द)

स्वच्छता कोई काम नहीं है जिसे हमें जबरदस्ती करना चाहिए। यह हमारे स्वस्थ जीवन की एक अच्छी आदत और स्वस्थ तरीका है। हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए सभी प्रकार की स्वच्छता बहुत आवश्यक है चाहे वह व्यक्तिगत स्वच्छता हो, आसपास की स्वच्छता, पर्यावरण स्वच्छता, पालतू पशु स्वच्छता या कार्य स्थान स्वच्छता (जैसे स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, आदि)।

हम सभी को अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता बनाए रखने के बारे में अत्यधिक जागरूक होना चाहिए। स्वच्छता को अपनी आदत में शामिल करना बहुत सरल है। हमें कभी भी स्वच्छता के साथ समझौता नहीं करना चाहिए, यह उतना ही आवश्यक है जितना कि हमारे लिए भोजन और पानी। इसका अभ्यास बचपन से ही किया जाना चाहिए जिसे केवल प्रत्येक माता-पिता द्वारा पहली और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में शुरू किया जा सकता है।

स्वच्छता पर निबंध, essay on cleanliness in hindi (150 शब्द)

स्वच्छता एक अच्छी आदत है जिसे सभी को स्वस्थ जीवन और मानक जीवन शैली के लिए होना चाहिए। हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने “स्वच्छ भारत” या “ स्वच्छ भारत अभियान ” नामक एक स्वच्छता अभियान शुरू किया है। हमें यह समझना चाहिए कि स्वच्छता केवल हमारे प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह इस धरती पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है।

हम सभी के स्वस्थ जीवन के लिए हमें इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। पूरे भारत में स्वच्छ भारत क्रांति लाने के लिए घर, स्कूल, कॉलेज, समाज, समुदाय, कार्यालय, संगठन और देश स्तर पर स्वच्छता की पहल की जानी चाहिए। हमें स्वयं, घर, आसपास के क्षेत्रों, समाज, समुदाय, शहर, बगीचे और पर्यावरण को दैनिक आधार पर साफ करने की आवश्यकता है।

हम सभी को स्वच्छता के आदर्श वाक्य, महत्व और आवश्यकता को समझना चाहिए और इसे अपने दैनिक जीवन में लागू करने का प्रयास करना चाहिए। विद्यालयों में छात्रों के बीच स्वच्छता को स्कूल परिसर की सफाई, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, स्वच्छता पर पोस्टर बनाने, अपशिष्ट पृथक्करण, निबंध लेखन, स्वच्छता पर पेंटिंग, कविता पाठ, समूह चर्चा, वृत्तचित्र वीडियो आदि जैसे कई गतिविधियों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है।

स्वच्छता पर निबंध, essay on cleanliness in hindi (200 शब्द)

स्वच्छता को पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में सभी को लेना चाहिए। सभी को यह समझना चाहिए कि भोजन और पानी के रूप में स्वच्छता आवश्यक है। हालांकि, हमें भोजन और पानी के बजाय स्वच्छता को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए। हम तभी स्वस्थ हो सकते हैं जब हम अपने भीतर हर चीज को बहुत साफ और स्वच्छ तरीके से रखे।

बचपन हर किसी के जीवन का सुखद समय होता है, जिसके दौरान माता-पिता की सावधानी और नियमित निगरानी के तहत साफ-सफाई की आदत का उपयोग केवल चलने, बोलने, दौड़ने, पढ़ने, खाने आदि में किया जाना होता है।

स्कूल और कॉलेजों में, छात्रों को विभिन्न प्रकार की स्वच्छता के विषय पर बहुत सारी परियोजनाएं और घर के काम दिए जाते हैं। यह अब बहुत महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि, सफाई की कमी के कारण होने वाली बीमारियों के कारण एक बड़ी आबादी रोजाना मर रही है।

इसलिए हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व और आवश्यकता के बारे में जागरूक होना बहुत आवश्यक है। हम सभी को मिलकर हजारों जिंदगियों को बचाने और उन्हें स्वस्थ जीवन देने के लिए स्वच्छता की दिशा में एक कदम उठाने की जरूरत है। हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत’ नामक एक अभियान शुरू किया है। एक भारतीय नागरिक के रूप में हम सभी को इस अभियान के उद्देश्य और उद्देश्यों को पूरा करने में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखानी चाहिए।

स्वच्छता पर निबंध, cleanliness essay in hindi (250 शब्द)

essay on cleanliness hindi language in hindi

स्वच्छता एक नौकरी नहीं है जिसे हमें पैसा कमाने के लिए करना पड़ता है, बल्कि यह एक बहुत अच्छी आदत है जिसे हमें एक अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के लिए करना चाहिए। स्वच्छता एक सबसे बड़ा गुण है जिसका पालन सभी को जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में करना चाहिए। हमें अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता, पालतू पशु स्वच्छता, पर्यावरण स्वच्छता, आसपास की सफाई और कार्य स्थल की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। हमें अपने पर्यावरण की स्वच्छता बनाए रखने के लिए पेड़ों को नहीं काटना चाहिए और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।

यह कोई जोरदार कार्रवाई नहीं है लेकिन हमें इसे शांति से करना चाहिए। यह हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से स्वस्थ रखता है। हम सभी के एक छोटे से कदम को बड़े कदम के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। जब एक छोटा बच्चा चलना, बोलना और बहुत सफलतापूर्वक चलाना सीख सकता है, तो वह माता-पिता द्वारा प्रचारित होने पर बचपन से ही स्वच्छता की आदत डाल सकता है। माता-पिता अपने बच्चे को तर्जनी को पकड़कर चलना सिखाते हैं क्योंकि यह पूरे जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है। उन्हें यह समझना चाहिए कि स्वस्थ और लंबा जीवन जीने के लिए स्वच्छता भी बहुत आवश्यक है, इसलिए उन्हें अपने बच्चों में स्वच्छता की आदत डालनी चाहिए। यह हमारे बच्चों की आदत में स्वच्छता लाने के लिए एक बड़ा कदम है। तो, एक पूर्ण स्वच्छता हमसे बहुत दूर नहीं है। यह 4 से 5 साल की केवल एक पीढ़ी है क्योंकि आधुनिक समय में हमारा छोटा बच्चा सब कुछ समझने के लिए पर्याप्त स्मार्ट बन गया है।

स्वच्छता पर लेख, article on cleanliness in hindi (300 शब्द)

स्वच्छता एक स्वच्छ आदत है जो हम सभी के लिए बहुत आवश्यक है। स्वच्छता हमारे घर, पालतू जानवरों, परिवेश, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूलों आदि के साथ-साथ खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वच्छ रखने की आदत है। हमें हर समय अपने आप को साफ सुथरा और अच्छी तरह से तैयार रखना चाहिए। यह समाज में एक अच्छा व्यक्तित्व और छाप बनाने में मदद करता है क्योंकि यह एक साफ चरित्र को दर्शाता है। हमें पृथ्वी पर हमेशा के लिए जीवन अस्तित्व की संभावना बनाने के लिए पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों (जल, भोजन, भूमि, आदि) को अपने शरीर की स्वच्छता के साथ बनाए रखना चाहिए।

स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरह से स्वस्थ बनाती है। आमतौर पर, हम सभी अपने घरों में यह ध्यान देते हैं कि हमारी दादी और माँ पूजा से पहले साफ-सफाई को लेकर बहुत सख्त हैं, यह दूसरी बात नहीं है, वे सिर्फ स्वच्छता को अपनी आदत बनाने की कोशिश करती हैं। लेकिन वे गलत तरीके से चलते हैं क्योंकि वे कभी भी हमें स्वच्छता के लाभों और उद्देश्यों का वर्णन नहीं करते हैं कि हमें स्वच्छता का पालन करने में समस्या क्यों होती है। प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को स्वच्छता के लाभ, उद्देश्य, आवश्यकता आदि के बारे में तार्किक रूप से वर्णन और चर्चा करनी चाहिए। उन्हें हमें बताना होगा कि भोजन और पानी की तरह स्वच्छता हमारे जीवन की पहली और महत्वपूर्ण चीज है।

हमें अपने भविष्य को उज्ज्वल और स्वस्थ बनाने के लिए हमेशा अपने व्यक्तिगत और आस-पास की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। हमें साबुन के साथ स्नान करना चाहिए, हमारे नाखूनों को घुमाना चाहिए, दैनिक आधार पर अच्छी तरह से धोया और दबाए गए कपड़े पहनना चाहिए। हमें अपने माता-पिता से सीखना चाहिए कि घर को साफ और स्वच्छ कैसे रखा जाए। हमें अपने आसपास के इलाकों को गंदा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बीमारियां फैलती हैं। हर बार जब हम कुछ खाने जाते हैं तो हमें अपने हाथ साबुन से धोने चाहिए। हमें पूरे दिन सुरक्षित, स्वच्छ और अच्छी तरह से शुद्ध पानी पीना चाहिए। हम कभी भी जंक फूड, बासी खाद्य पदार्थ या अन्य तैयार तरल पदार्थ नहीं खाते हैं।

स्वच्छता पर निबंध, essay on cleanliness in hindi (400 शब्द)

essay on cleanliness hindi language in hindi

स्वच्छता हमारे शरीर, मन, पोशाक, घर, परिवेश और अन्य कार्य क्षेत्र को साफ और स्वच्छ रखने का कार्य है। हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए शरीर की सफाई बहुत आवश्यक है। सामाजिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिए आसपास के क्षेत्रों और पर्यावरण की स्वच्छता बहुत आवश्यक है।

हमें अपनी आदतों में स्वच्छता लानी चाहिए और हर जगह से गंदगी को हमेशा के लिए हटा देना चाहिए क्योंकि गंदगी ही वह माँ है जो विभिन्न बीमारियों को जन्म देती है। यदि वह प्रतिदिन स्नान नहीं करता है, गंदे कपड़े पहनता है, घर और आसपास के वातावरण को गंदा रखता है, आदि।

आसपास के इलाकों या घर में गंदी चीजें कीटाणु, बैक्टीरिया, वायरस और फंगस पैदा करती हैं। गंदी आदतें रखने वाले लोग खतरनाक और घातक (जानलेवा) बीमारियों के फैलने का कारण भी बनते हैं। संक्रामक रोग विशाल क्षेत्रों में फैले हुए हैं और लोगों को बीमार और कभी-कभी मौत का कारण बनाते हैं।

अतः हमें नियमित रूप से अपनी स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। जब भी हम कुछ खाते हैं तो हमें साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोना चाहिए। हम हमेशा अपने चेहरे और पूरे शरीर को बार-बार नहाने से साफ और स्वच्छ रखते हैं। हमें अपने कपड़ों का ध्यान रखना चाहिए और अपने अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए केवल धुले हुए साफ कपड़े पहनना चाहिए।

स्वच्छता आत्मविश्वास स्तर और आत्म-सम्मान के साथ-साथ दूसरों के सम्मान में भी सुधार करती है। यह एक अच्छी आदत है जो हमें हमेशा खुश रखती है। इससे हमें समाज में बहुत गर्व महसूस होता है। हमारी स्वस्थ जीवन शैली और जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए स्वच्छता बहुत आवश्यक है।

यह एक व्यक्ति को लोकप्रिय बनाने में एक महान भूमिका निभाता है। पूरे भारत में आम जनता के बीच स्वच्छता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम और नागरिक कानून चलाए और कार्यान्वित किए गए हैं।

हम सभी को अपने बचपन से स्वच्छ आदतों को प्राप्त करना चाहिए और जीवन भर आगे बढ़ना चाहिए। गंदगी नैतिक बुराई को जन्म देती है लेकिन सफाई नैतिक पवित्रता को जन्म देती है। स्वच्छ आदतों वाला व्यक्ति अपनी बुरी इच्छाओं और गंदे विचारों को बहुत आसानी से नष्ट कर सकता है।

हमें अपने दैनिक जीवन के कचरे के बारे में ध्यान रखना चाहिए और उचित निपटान के लिए केवल कूड़ेदान में रखना चाहिए और संक्रमण को घर या आसपास फैलने से रोकना चाहिए। हालाँकि, स्वच्छता केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है; यह घर, समाज, समुदाय और देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है।

हमें इसके विविध पहलुओं को पूरी तरह से लाभान्वित करने के लिए समझना चाहिए। हम सभी को स्वच्छता शपथ लेनी चाहिए कि हम कभी गंदा नहीं करते और कभी किसी को गंदा करते नहीं देखते।

[ratemypost]

इस लेख से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

Related Post

Bhagavad gita summary in hindi| भगवद्गीता का सारांश क्या है, paper leak: लाचार व्यवस्था, हताश युवा… पर्चा लीक का ‘अमृत काल’, केंद्र ने पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप के लिए वन-स्टॉप पोर्टल किया लॉन्च, 2 thoughts on “स्वच्छता पर निबंध”.

I like your all anuched in hindi

but also improve your spelling mistakes I cant understand them its my humble request to you Thanks

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Home Decor: इस दिवाली इन किफायती टिप्स से सजाएं अपना घर

प्रतिदिन योगाभ्यास से मधुमेह, थायरॉयड, पीसीओएस जैसी बीमारियों पर नियंत्रण पाएं, netflix पर हिंदी में ये 5 अमेरिकी फिल्में जरूर देखें.

स्वच्छता अभियान पर 300 और 500 शब्दों में निबंध

clean-your-village-hindi-essay-clean-india

दोस्तों, आज के लेख के माध्यम से हम स्वच्छता अभियान पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जो कि प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थी के लिए उपयोगी रहेगा। तो आइए जानते हैं स्वच्छता अभियान विषय पर निबंध….

स्वच्छता अभियान पर निबंध (300 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक राष्ट्रव्यापी अभियान है। यह अभियान महात्मा गांधी की 145 वीं जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।

यह अभियान पूरे भारत में स्वच्छता के उद्देश्य को पूरा करने के लिए शुरू किया गया है। प्रधान मंत्री ने भारत के लोगों से स्वच्छ भारत मिशन में शामिल होने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया है ताकि हमारे देश को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ और स्वच्छ देश के रूप में नेतृत्व किया जा सके। इस अभियान की शुरुआत नरेंद्र मोदी ने खुद रास्ते में सड़क की सफाई करके की थी।

क्या है स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत का अभियान भारत में अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है, जिसके शुभारंभ के दौरान लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारियों और स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने भाग लिया।

लॉन्च के दिन, प्रधान मंत्री ने भारत की नौ प्रसिद्ध हस्तियों के नामों को उनके क्षेत्रों में उनकी निर्धारित तिथियों पर अभियान शुरू करने और आम जनता के लिए अभियान को बढ़ावा देने के लिए नामित किया। उन्होंने सभी नौ हस्तियों से अनुरोध किया कि वे अपनी ओर से नौ अन्य लोगों को व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करें और नौ लोगों को आमंत्रित करने की इस श्रृंखला को तब तक जारी रखें जब तक कि संदेश प्रत्येक भारतीय नागरिक तक न पहुंच जाए।

भारतीय स्वच्छता अभियान का आयोजन

देश भर में लोग अपने इलाके को साफ करते हैं और अपने आस-पास को स्वच्छ और हरा-भरा रखने का संकल्प लेते हैं। प्रधानमंत्री ने अनुरोध किया कि प्रत्येक भारतीय इस अभियान को एक चुनौती के रूप में लें और इसे एक सफल अभियान बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें। नौ लोगों की श्रृंखला एक पेड़ की शाखा की तरह है। उन्होंने आम लोगों से इस आयोजन में शामिल होने और विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइटों जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि के माध्यम से इंटरनेट पर स्वच्छता के वीडियो या चित्र अपलोड करते रहे ताकि अन्य लोग भी अपने क्षेत्र में ऐसा करने के लिए प्रेरित हो सकें।

इस मिशन में, मार्च 2017 में, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सरकारी भवनों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए पान, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया।

स्वच्छ भारत अभियान देश की स्वच्छता और स्वच्छता सुविधाओं को प्रदान करने और सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। यदि सब्जी देश को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने में जारी रहेंगे तो महात्मा गांधी का स्वच्छ भारत का सपना साकार हो जाएगा।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध (500 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान देश को स्वच्छ बनाने के लिए शुरू किया गया एक अभियान है। यह 4041 वैधानिक शहरों को कवर करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में शुरू किया गया मिशन है।

स्वच्छता अभियान की पहल

भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आधिकारिक तौर पर 2 अक्टूबर (महात्मा गांधी की जयंती) पर 2014 में राजघाट, नई दिल्ली (बापू का श्मशान घाट) पर इस मिशन का शुभारंभ किया था। इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने खुद सड़क की सफाई भी की थी। यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है, जिसमें स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों सहित लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारियों ने स्वच्छता गतिविधियों में भाग लिया।

कार्यक्रम के शुभारंभ के दिन, पीएम ने नौ लोगों को अपने क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान में भाग लेने के लिए नामित किया। इस आयोजन में स्कूल-कॉलेजों ने अपनी थीम के अनुसार कई स्वच्छता गतिविधियों का आयोजन कर भाग लिया। इस आयोजन में भारत के छात्रों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया।

पीएम ने उन सभी नौ नामांकित व्यक्तियों से इस स्वच्छता अभियान में भाग लेने के लिए अन्य नौ लोगों को अलग से नामित करने का भी अनुरोध किया। इसका उद्देश्य मिशन के लिए भाग लेने वाले प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा नौ लोगों को नामित करने की श्रृंखला को तब तक जारी रखना है जब तक कि इसे राष्ट्रीय मिशन बनाने के लिए देश के कोने-कोने में प्रत्येक भारतीय तक संदेश न पहुंच जाए।

स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य

स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य व्यक्तिगत स्वच्छता शौचालयों का निर्माण करना है, विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए, सूखे शौचालयों को कम लागत वाले स्वच्छता शौचालयों में परिवर्तित करना, हैंडपंप की सुविधा प्रदान करना, सुरक्षित स्नान सुविधाएं, सैनिटरी मार्ट स्थापित करना, नालों का निर्माण, ठोस और तरल कचरे का उचित निपटान, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना, घरेलू और पर्यावरणीय स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करना और बहुत कुछ है।

इससे पहले, भारत सरकार द्वारा पर्यावरणीय स्वच्छता और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में कई जागरूकता कार्यक्रम (जैसे संपूर्ण स्वच्छता अभियान, निर्मल भारत अभियान, आदि) शुरू किए गए थे; हालांकि, वे भारत को स्वच्छ भारत बनाने में बहुत प्रभावी नहीं हो पाए थे।

स्वच्छ भारत अभियान के प्रमुख उद्देश्य खुले में शौच की प्रवृत्ति को दूर करना, अस्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालयों में बदलना, हाथ से मैला ढोने की प्रथा को हटाना, ठोस और तरल कचरे का उचित निपटान, लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना, स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाना, भागीदारी को सुविधाजनक बनाना है।

स्वच्छ भारत अभियान के लिए नामांकित लोग

इस अभियान के लिए प्रधान मंत्री द्वारा नामांकित पहले नौ लोगों में सलमान खान, अनिल अंबानी, कमल हसन, कॉमेडियन कपिल शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, बाबा रामदेव, सचिन तेंदुलकर, शशि थरूर और ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की एक टीम थी। भारतीय फिल्म अभिनेता आमिर खान को मिशन के शुभारंभ के लिए आमंत्रित किया गया था। पीएम ने विभिन्न क्षेत्रों में स्वच्छ भारत के अभियान को शुरू करने और बढ़ावा देने के लिए विभिन्न ब्रांड एंबेसडर चुने।

उन्होंने 2014 में 8 नवंबर को अखिलेश यादव, स्वामी रामभद्राचार्य, मोहम्मद कैफ, मनोज तिवारी, देवीप्रसाद द्विवेदी, मनु शर्मा, कैलाश खेर, राजू श्रीवास्तव, सुरेश रैना आदि जैसे कुछ अन्य गणमान्य व्यक्तियों और सौरव गांगुली, किरण बेदी, पद्मनाभ आचार्य को भी नामित किया।

स्वच्छ भारत मिशन के प्रभाव

अभियान के कई सकारात्मक परिणाम सामने आए। स्वच्छ भारत रन, स्वच्छ भारत ऐप, रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम, स्वच्छ भारत लघु फिल्म, और स्वच्छ भारत नेपाल-स्वस्थ भारत नेपाल अभियान जैसे कई अन्य कार्यक्रमों को सक्रिय रूप से मिशन के उद्देश्य का समर्थन करने के लिए शुरू किया गया और कार्यान्वित किया गया।

उत्तर प्रदेश के सरकारी भवनों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पान, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों को चबाना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस अभियान को जारी रखने और सफल बनाने के लिए, भारत के वित्त मंत्रालय ने स्वच्छ भारत उपकर नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके अनुसार सभी को भारत में सभी सेवाओं पर 0.5% टैक्स देना होगा (अर्थात प्रति 100 रुपये में 50 पैसे), जो कि इस स्वच्छता अभियान को फंड करेंगे।

‘स्वच्छ भारत अभियान’ या ‘स्वच्छ भारत मिशन’ केवल सरकार या मंत्रालय तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। स्वच्छ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना तब तक संभव नहीं होगा जब तक कि हम सहयोग नहीं करेंगे और अपने आस-पास को साफ करने के लिए एक साथ आगे नहीं आएंगे।

इस अभियान में लोगों की भागीदारी बड़ी थी। साथ ही, उन्होंने हाल के दिनों में सकारात्मक परिणाम दिखाना शुरू किया, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रक्रिया का जारी रहना। अतः हमें अपने आस-पास और पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने व अपने देश को दुनिया में सम्मान दिलाने के लिए अपना योगदान जारी रखने का संकल्प लेना चाहिए।

  • महान व्यक्तियों पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
  • सामाजिक मुद्दे पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • महिलाओं पर निबंध

Related Posts

दहेज प्रथा पर निबंध

शिक्षा में चुनौतियों पर निबंध

हर घर तिरंगा पर निबंध -Har Ghar Tiranga par nibandh

आलस्य मनुष्य का शत्रु निबंध, अनुछेद, लेख

मेरा देश भारत पर निबंध | Mera Desh par nibandh

Leave a Comment Cancel reply

हिंदी कोना

10 Lines on Cleanliness in Hindi। स्वच्छता पर 10 लाइन निबंध

10 Lines on Cleanliness in Hindi

स्वच्छता जीवन का बहुत ही आवश्यक अंग है। विकसित समाज का पता स्वच्छता से लगाया जा सकता है। व्यक्ति को सदैव स्वच्छ रहना चाहिए। स्वच्छ शरीर में ही स्वच्छ आत्मा का निवास माना जाता है, इसी तरह स्वच्छता से समाज कितना विकसित है इसका पता चलता है। Cleanliness Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “ स्वच्छता पर 10 लाइन निबंध ” लेकर आपके समक्ष आये है इस आर्टिकल में आप “ 10 Lines on Cleanliness in Hindi ” में पढ़ेंगे।

Table of Contents

10 Lines on Cleanliness in Hindi

  • स्वच्छता मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • गाँधी जी ने स्वच्छता को सेवा का भाव कहा था।
  • स्वच्छ मनुष्य ही स्वच्छ समाज की नीव रख सकते है।
  • लोगो को अपने घरो के साथ साथ अपने आस पड़ोस को भी साफ़ रखना चाहिए।
  • स्वच्छता से रहने पर हम बहुत सी बीमारियों से बच सकते है।
  • भारत में 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान को शुरू किया गया था।
  • स्वच्छ भारत अभियान का मकसद भारत को गन्दगी मुक्त बनाना है।
  • विश्व स्तर पर आयरलैंड सबसे स्वच्छ देश है।
  • विश्व स्तर पर भारत स्वच्छ देशो की सूचि में 98वे स्थान पर स्थित है।
  • स्वच्छता की आवश्यकता व्यक्ति और समाज दोनों को है।

5 Lines on Cleanliness in Hindi

  • सरकार ने समय – समय पर नारो द्वारा लोगो को जागरूक करने का प्रयास किया है।
  • आज भी देश की अधिकांश जनता सफाई से नहीं रहती।
  • देश की अधिकांश जनता सफाई से नहीं रहते। , जिसका कभी – कभी उन्हें मुआवज़ा भी देना पड़ता है।
  • देश में पानी से संक्रमित रोग अधिक होते है , जिसका कारण है गन्दा पानी।
  • कहना ना होगा की हाल के वर्षो में स्वछता के प्रति लोगो की चेतना बढ़ी है।

Cleanliness in Hindi

स्वच्छ एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनकर मन में पवित्रता का एहसास होता है। स्वच्छ तथा शुद्ध एक दूसरे के पुरक है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जहाँ स्वछता होती है , वहां लक्ष्मी का वास होता है। स्वछता का अभिप्राय केवल पूजा घर की स्वछता से नहीं अपितु घर और बाहर के प्रत्येक स्थान की   साफ़ – सफाई से है। साफ़ कपडे कीटाणुरहित होते है और पहनने में भी अच्छे लगते है। आप एक व्यक्ति को देखे जो साफ़ – सुथरे कपडे पहनकर आपके सामने खड़ा है और उस व्यक्ति को देखे जो गंदे कपडे , गंदे जूते तथा बिखरे बालो के साथ आपके सामने खड़ा है। आपको वही व्यक्ति आकर्षित करेगा जो साफ़ कपड़ो में है एवं उसके प्रति आपके मन में श्रद्धा जागेगी। यहाँ साफ़ कपड़ो का अर्थ महंगे कपड़ो से हरगिज़ नहीं है। साफ़ अर्थात साबुन से धोये तथा आयरन किये हुए कपडे।

अपने कपडे की साफ़ – सफाई हमारा पहला दायित्व है। स्वछता यानि रोगो से मुक्ति चाहे वो शरीर की हो , खाने – पीने से सम्बंधित हो , घर की स्वछता से सम्बंधित हो अथवा अपने पर्यावरण की स्वछता से सम्बंधित हो। साफ़ – सुथरा घर किसे नहीं पसंद ? लकिन घर को साफ़ रखने हतु हमें थोड़ी सी परिश्रम की आवश्यकता है। रोज़ाना डेटोल से घर की सफाई करनी चाहिए। घर की प्रत्येक वस्तु को अपने निश्चित स्थान पर रखना चाहिए। घर साफ़ रखने के लिए घर की गन्दगी को बाहर न फैलाये। एक साफ़ घर में जाना किसको नहीं पसंद? जहाँ हर वस्तु व्यवस्थित ढंग से रखी हुई हो। सरकारी दफ्तर तो गन्दगी का खज़ाना होता है। इसमें कोई शक नहीं की ऐसा हमारे करतूतों की वजह से ही होता है। हम पान के पीच जहाँ -तहाँ दीवारों के ऊपर फेंक देते है। जहाँ दीवारों पर लिखा रहता है कि यहाँ थूकना मना है उसी स्थान पे विशेषरूप से थूकते है ,खुले स्थान पर शौच करते है ,जैसे कि हमने कसम खाई हो कि हम नहीं सुधरेंगे।

हम अक्सर गन्दगी का सम्बन्ध गरीबी से लगा लेते है,पर ये सरासर गलत है। जहाँ बस्तियाँ होती है वहां गन्दगी का ढेर होता है। घर हो अथवा बाहर लोग अपने घर को ही कचरा का ढेर बना देते है। और यहीं से शुरू होता बीमारियों का सिलसिला। इसका सबसे बड़ा और साक्षात प्रमाण है 2020 में हुए भारतवर्ष का सबसे बड़ा स्लम एरिया धारावी में कोरोना का फैलाव।

यह सच है कि कोरोना एक संक्रमित बीमारी है पर इसका सम्बन्ध सफाई से भी है। हम जितने साफ़ -सुथरे रहेंगे,कोरोना भी उतनी ही दूर रहेगी।सफाई की जरुरत हर प्राणी को है। हम प्राणियों में सबसे श्रेष्ठ कहे जाते है। शायद  इसलिए प्रकृति को गन्दा और प्रदूषित करने का दायित्व भी सबसे ज़्यादा हमारे ही कंधो पर है। गन्दगी भी फैलाते जा रहे है और पेड़ो की अंधाधुन कटाई भी करते जा रहें है।

स्वछता के ऊपर लोगो को शिक्षित करने की आवश्यकता है। जब तक सभी लोगो में जागरूकता नहीं आ जाती। लोग स्वछता का पालन सही ढंग से नहीं करेंगे। हमारी पुरानी संस्कृति इस बात का प्रमाण है की हमारा समाज साफ़ -सफाई को कितना महत्व देता था। सिंधु घाटी सभ्यता के बने चौड़े रास्ते, सड़क किनारे बड़े -बड़े नाले ,बड़ा स्नानागार इस बात का सबूत है की लोग सफाई को कितना महत्व देते थे।

पर बढ़ती जनसँख्या ने जैसी स्वछता पर अंकुश लगा दिया हो। सामने कूड़ादान होते हुए भी हम अपने खाने,पीने का रैपर रास्तों में ही फैक देते है। लोगो को जागरूक करना अति आवश्यक है। केवल सरकार पर दोषारोपण कर देने भर से समस्या का हल नहीं हो जाता। रास्तो ,बस ,पार्क ,सार्वजनिक स्थानों पर सफाई पर भाषण देते काफी लोग नज़र आ जायेंगे ,पर उस पर अमल करने वाले कम ही लोग नज़र आएंगे। केवल नाक भर ढक लेने से समस्या का हल नहीं हो जाता।

लोगो के दिमाग में केवल ये बात घुसानी होगी कि स्वछता का पालन करना अर्थात बीमारियों से दूर रहना है। चलिए जानते है कि स्वछता का   पालन कैसे करें –

1) रोज़ाना घर की साफ़ – सफाई करे।

2) खाना पक जाने उपरांत रसोई घर की अच्छे से सफाई करे।

3) सप्ताह में एक या दो बार शौचालय की सफाई करे।

4) घर का कूड़ा कूड़ेदान के फैके , यदि वह उपलब्ध न हो तो घर से सुनसान इलाके में फैके , जहाँ कोई आता – जाता नहीं।

5) रास्तों से चलते वक़्त जहाँ – तहाँ   ना थूके , ना शौच करे और ना गन्दगी फैलाएं।

6) हमें ध्यान रखना होगा की सफाई का सम्बन्ध बीमारियों से मुक्ति है।

7) रोज़ाना स्नान करके साफ़ कपडे पहने। सफ्ताह में कम से कम 2-3 बार साबुन लगाए।

8) नाखुनो को समय – समय पर काटते रहे।

9) बाहर जब भी निकले ध्यान रखे कि कपडे ज़मीन तक ना जाये और साथ में हमेशा सैनीटाइज़र रहे।

10) पहने हुए कपड़ो को साबुन से धोकर पुनः पहने।

11) बाजार से फल – सब्ज़ी खरीदकर इस्तेमाल करने से पूर्व अच्छी तरह धो ले।

12) पीने का पानी तथा खाना अच्छी तरह ढक कर रखे।

13) घर में अगर कोई पालतू जीव है , तो स्वछता का खास ध्यान रखे।

14) घर में अगर बच्चे है, तो सफाई का खास ध्यान रखे।

उपरोक्त छोटे – छोटे नियमो का पालन करके हम समाज में बड़े बदलाव ला सकते है। इस बात का ध्यान रखना होगा हम पहले अपनी स्वछता का ध्यान रखे फिर तो समाज स्वतः ही स्वच्छ हो ही जायेगा।

स्वछता के बारे में 10 पंक्तियाँ हिंदी में

  • स्वछता हमारे जीवन का मूल आधार है।
  • गन्दगी रोगो को निमंत्रण देती है।
  • स्वच्छ रहने से चित भी प्रसन्नचित रहता है।
  • साफ – सुथरा व्यक्ति सामान्य लोगो से ज़्यादा आकर्षित लगता है।
  • साफ़ वातावरण में मच्छर – मक्खी तथा दूसरे रोग फ़ैलाने वाले कीड़े – मौकोड़े भी कम भिनभिनाते है।
  • यदि पर्यावरण स्वच्छ रहे तो देखने में भी अच्छा लगता है और बीमारियाँ भी कम फैलती है।
  • गन्दगी रोगो का घर है। इसलिए यदि रोगमुक्त रहना है तो स्वच्छ रहें।
  • रसोई तथा शौचालय की विशेष रूप से साफ़ – सफाई का ध्यान रखे।
  • पानी तथा खाने को अच्छी तरह ढक कर रखे।
  • साफ़ बर्तनो में खाना पकाये और खाना बनने के बाद बर्तनो को अच्छी तरह धो ले।

हमें आशा है आप सभी को Cleanliness in Hindi पर छोटा सा लेख पसंद आया होगा। आप इस लेख को अपने स्कूल में 10 lines about Cleanliness in Hindi या 10 Lines on Swachata in Hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है।

Read Also :-

10 Lines on Republic Day in Hindi 10 Lines on Holi Festival in Hindi 10 Lines on Diwali in Hindi 10 Lines on Jawaharlal Nehru in Hindi 10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi 10 Lines on Mother in Hindi

FAQ on Cleanliness in Hindi

Question: जीवन में स्वछता का क्या महत्व है? Ans-जीवन में स्वछता का बहुत महत्व है। स्वच्छ रहने से तन तो अच्छा रहता ही है साथ ही साथ मन भी अच्छा रहता है। घर और परिवेश के स्वच्छ रहने से तन निरोगी और मन भी प्रसन्नचित रहता है।

Question: स्वच्छ रहने के क्या -क्या फायदे है?किन्ही पाँच का उल्लेख करे। Ans-स्वच्छ रहने के निम्नलिखित फायदे है – 1) तन निरोगी रहता है। 2) मन प्रसन्न रहता है। 3) रोग दूर रहते है। 4) घर और परिवेश सुन्दर लगता है। 5) व्यक्ति आकर्षक और अच्छा लगता है।

Question: स्वच्छ रहने से हम रोगो से कैसे दूर रह सकते है? Ans-कीटाणु वहां जन्म लेते है, जहाँ गन्दगी पनपती है। सड़ी-गली वस्तुएं ,भोज्य प्रदार्थ ,कचरा आदि अनेक दिनों से पड़े रहने से इसमें रोगो की उत्पत्ति होती है। इसके कीटाणु यहाँ जन्म ग्रहण करते है तथा चारो ओर फ़ैल जाते है। घर की सफाई के लिए हम परिवेश को दूषित कर डालते है और रोगो का फैलने का अवसर प्रदान करते है। अतः रोगो से दूर रहना है तो हमें स्वच्छ रहना होगा।

Question: क्या स्वच्छ रहने वाले लोग कम बीमार पड़ते है? अगर हाँ तो कैसे? Ans-स्वछता के नियमो का पालन करने वाले व्यक्ति कम बीमार पड़ते है, क्योकि गदगी रोगो का घर होती है। जहाँ के लोग साफ -सफाई का ज़्यादा ध्यान रखने है। औरो की तुलना में कम बीमार पड़ते है।

Question: स्वच्छ रहने से सकरात्मक ऊर्जा का का विकास होता है? कैसे समझाइये ? Ans-स्वच्छ रहने से यक़ीनन सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, जब हम स्वछता के नियमो का पालन करते है ,तो हमारा चित प्रसन्नचित रहता है। व्यक्तित्व आकर्षक लगता है ,मन का आत्मविश्वास बढ़ता है और हमारे अंदर के सकरात्मक ऊर्जा के विकास होता है। इसे एक छोटा सा उदहारण द्वारा समझा जा सकता है -जब हम एक नया कपड़ा पहनते है तो खुद को आईने में बार-बार देखते है। अर्थात उस वस्त्र के कारण हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।

Home » Essay Hindi » Essay On Cleanliness In Hindi स्वच्छता पर निबंध

Essay On Cleanliness In Hindi स्वच्छता पर निबंध

स्वच्छता का महत्व पर निबंध swachata par nibandh hindi mein.

यह पोस्ट  Essay On Cleanliness In Hindi स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Par Nibandh Hindi Mein) के बारे में है। स्वच्छता पर निबंध आमतौर पर स्कूली बच्चों को निबंध लेखन प्रतियोगिता में दिया जाता है। स्वच्छता रखना हर भारतीय का कर्तव्य और फर्ज है। इस निबंध के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है। तो आइये, दोस्तों स्वच्छता का महत्व पर निबंध जानने का प्रयास करते है।

स्वच्छता पर निबंध Essay On Cleanliness In Hindi –

दोस्तों, स्वच्छता ( Cleanliness ) रखना हमारी आदत होनी चाहिये तभी देश, शहर या गांव स्वच्छ होगा। हमारे आसपास गंदगी रखने से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। विभिन्न प्रकार के रोगों की जनक गंदगी ही है। सफाई की शुरुआत हमे अपने मोहल्ले से ही करनी होगी। अगर हमारा मोहल्ला स्वच्छ रहेगा, तो देश स्वच्छ रहेगा। शुद्ध हवा और पानी की तरह ही स्वच्छता जरूरी है।

स्वच्छता किसी पर थोपी नही जा सकती, यह एक स्वभाविक क्रिया होती है। लोग गुटका, पान या तम्बाकू खाते है और सार्वजनिक स्थानों पर थूकते है जिससे गंदगी फैलती है। वो स्वच्छता का ख्याल नही रखते क्योंकि उन्हें फिक्र नही है। सोचिए दोस्तों, क्या आप अपने घर के अंदर ऐसे थूकते है? नही ना। तो क्या यह देश आपका घर नही है? अगर इस देश को आप अपना घर मानते है तो इस तरह से गंदगी फैलाना कहा तक सही है। अगर आप खुद को एक सच्चा देशभक्त मानते है तो देश की फिक्र कीजिये।

विद्यालयों में शिक्षक बच्चों को स्वच्छता का महत्व बताये जिससे वो जागरूक हो और देश का भविष्य उज्ज्वल हो। एक बच्चा सफाई के प्रति जागरूक होगा, तो वह एक पूरी पीढ़ी को जागरूक करेगा। विद्यालय में स्वच्छता पर पढ़ाई होनी चाहिए। विद्यार्थियों को स्वच्छता का महत्व पर निबंध ( Essay On Cleanliness In Hindi ) लेखन से जागरूक करना बेहतर तरीका है।

विदेशी पर्यटक हमारे देश में घूमने आते है तो उन्हें एक स्वच्छ देश दिखना चाहिए। सड़कों के आसपास गंदगी होती है और जगह जगह कूड़ा करकट होते है। क्या उन पर्यटकों को आप गंदगी दिखाना चाहते हो? यह सब आप पर है क्योंकि अगर आप सुधरेंगे तो जग सुधरेगा।

स्वच्छता का महत्व Importance Of Cleanliness Essay In Hindi –

Swachata Par Nibandh Hindi Mein – सभी धर्मों में स्वच्छता का सन्देश दिया गया है। कहते है कि जहां सफाई होती है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। हम मंदिर, मज्जिद, गुरुद्वारे में सफाई का पूरा ख्याल रखते है क्योंकि यह हमारी आस्था से जुड़ा मसला है। हम घर में भी सफाई का पूरा ख्याल रखते है क्योंकि यहां हमारा निवास है। अस्पताल, विद्यालय में भी स्वच्छता को जिम्मेदारी समझते है। लेकिन यह देश जहां हम रहते है जो हमारी पहचान है, उसे स्वच्छ नही रखते। यह हम सब की जिम्मेदारी है कि देश में स्वच्छता रहे।

स्वच्छता ( Cleanliness ) को हमे आत्मसात करना होगा। हमें समाज में फैली हर तरह की गंदगी को दूर करके स्वच्छता फैलानी होगी। हमें स्वच्छता की शुरुआत स्वयं से करनी होगी, तभी हम सफल होंगे। हम स्वच्छ रहने के लिए रोज स्नान करते है तो गांव या शहर को स्वच्छ रखने के लिए छोटा सा प्रयास तो कर ही सकते है। गंदगी फैलाना हम भारतीयों की आदत में है, इसी आदत को बदलना होगा, तभी स्वच्छता सफल होगी। विगत कुछ वर्षों में जागरूकता आयी है और लोगो ने स्वच्छता का महत्व समझा है। पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण स्वच्छता नही रखना है।

हम सोचते और कहते है की सफाई व्यवस्था का काम प्रशासन का है लेकिन प्रशासन को समय समय पर जागरूक रखने का कार्य हमारा है। अगर हमारे मोहल्ले या गांव में गंदगी है तो इसकी जानकारी प्रशासन को देना हमारा कर्तव्य है। आप यह कहकर पल्ला नही झाड़ सकते है की यह हमारा काम नही है। अगर कही पर गंदगी है तो इसके जिम्मेदार सबसे पहले आप है। आज भी गांवों में लोग खुले में शौच करते है जिससे गंदगी फैलती है। सरकार ने हर घर में शौचालय पहुँचाने का प्रयास किया है।

Swachata Par Nibandh सफाई पर निबंध –

Essay On Cleanliness In Hindi – आप अपने घर का कूड़ा कचरा कहा डालते हो? यह प्रश्न बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वच्छता का सन्देश यही पर छुपा हुआ है। ज्यादातर लोग जो जागरूक नही है वो कचरे को घर के बाहर फेंक देते है। बारिश के दिनों में वो कचरा नालियों में फंस जाता है जिससे पानी का निकास नही हो पाता है। इससे मोहल्लों में जगह जगह पानी भर जाता है। इस ठहरे हुए पानी में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के मच्छर पनपते है जो स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते है।

कचरा बहकर नदियों और तालाबो में आता है जिससे पानी में गंदगी बढ़ती है। जलीय जीवों को नुकसान पहुंचता है। यही जल प्रदूषण का एक बढ़ा कारण है। जागरूक लोग कचरे को यहां वहां नही डालते है, वो कचरे को पंचायत, नगर पालिका या निगम के द्वारा लगाई गई कचरा पेटियों में डालते है।

भारत सरकार भी समय समय पर नागरिकों को स्वच्छता अभियान के अंतर्गत जागरूक करती रहती है। हमें भी एक देशभक्त नागरिक होने के नाते स्वच्छता का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि यह आपका कर्तव्य है।

अन्य पोस्ट्स –

  • जल प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध

Note – इस पोस्ट Essay On Cleanliness In Hindi में स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Par Nibandh Hindi Mein) आपको कैसा लगा। यह आर्टिकल “स्वच्छता का महत्व Importance Of Cleanliness Essay In Hindi” आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

Related Posts

महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध लेखन | Essay In Hindi Nibandh Collection

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | डिजिटल एजुकेशन

समय का सदुपयोग पर निबंध (समय प्रबंधन)

राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध लेखन | Essay On Peacock In Hindi

ईद का त्यौहार पर निबंध | Essay On Eid In Hindi

चिड़ियाघर पर निबंध लेखन | Long Essay On Zoo In Hindi

मेरा परिवार विषय पर निबंध | Essay On Family In Hindi

' src=

Knowledge Dabba

नॉलेज डब्बा ब्लॉग टीम आपको विज्ञान, जीव जंतु, इतिहास, तकनीक, जीवनी, निबंध इत्यादि विषयों पर हिंदी में उपयोगी जानकारी देती है। हमारा पूरा प्रयास है की आपको उपरोक्त विषयों के बारे में विस्तारपूर्वक सही ज्ञान मिले।

Leave a comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

स्वच्छता पर निबंध | Essay on Cleanliness in Hindi

essay on cleanliness hindi language in hindi

स्वच्छता पर निबंध | Essay on Cleanliness in Hindi!

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है ।यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है । यह सुखी जीवन की आधारशिला है । इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं । स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिलता है ।

साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है । वह अपने घर और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना चाहता है । वह अपने कार्यस्थल पर गंदगी नहीं फैलने देता । सफाई के द्वारा वह साँपों, बिच्छुओं, मक्खियों, मच्छरों तथा अन्य हानिकारक कीड़ों-मकोड़ों को अपने से दूर रखता है । सफाई बरतकर वह अपने चित्त की प्रसन्नता प्राप्त करता है । सफाई उसे रोगों के कीटाणुओं से बचाकर रखती है । इसके माध्यम से वह अपने आस-पड़ोस के पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखता है ।

कुछ लोग अपने स्वभाव के विपरीत सफाई को कम महत्त्व देते हैं । वे गंदे स्थानों में रहते हैं । उनके घर के निकट कूड़ा-कचरा फैला रहता है । घर के निकट की नालियों में गंदा जल तथा अन्य वस्तुएँ सड़ती रहती हैं । निवास-स्थान पर चारों तरफ से बदबू आती है । वहाँ से होकर गुजरना भी दूभर होता है । वहाँ धरती पर ही नरक का दृश्य

ADVERTISEMENTS:

दिखाई देने लगता है । ऐसे स्थानों पर अन्य प्रकार की बुराइयों के भी दर्शन होते हैं । वहाँ के लोग संक्रामक बीमारियों से शीघ्र ग्रसित हो जाते हैं । गंदगी से थल, जल और वायु की शुद्धता पर विपरीत असर पड़ता है ।

स्वच्छता का संबंध खान-पान और वेश- भूषा से भी है । रसोई की वस्तुओं तथा खाने-पीने की वस्तुओं में स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है । बाजार से लाए गए अनाज, फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाना चाहिए । पीने के पानी को साफ बरतन में तथा ढककर रखना चाहिए । कपड़ों की सफाई का भी पूरा महत्त्व है । स्वच्छ कपड़े कीटाणु से रहित होते हैं जबकि गंदे कपड़े बीमारी और दुर्गंध फैलाते हैं ।

लोगों को शरीर की स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए । प्रतिदिन स्नान करना अच्छी आदत है । स्नान करते समय शरीर को रगड़ना चाहिए ताकि रोमकूप खुले रहें । सप्ताह में दो दिन साबुन लगाकर नहाने से शरीर के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं । सप्ताह में एक दिन नाखूनों को काट लेने से इनमें छिपी गंदगी नष्ट हो जाती है । भोजन में सब्जियों और फलों की भरपूर मात्रा लेने से शरीर की भीतरी सफाई हो जाती है । दूसरी तरफ अधिक मैदे वाला बासी और बाजारू आहार लेने से शरीर की शुद्धि में बाधा आती है ।

घर की सफाई में घर के सदस्यों की भूमिका होती है तो बाहर की सफाई में समाज की । बहुत से लोग घर की गंदगी निकाल कर घर के सामने डाल देते हैं । इससे गंदगी पुन: घर में चली जाती है । घर के आस-पास का पर्यावरण दूषित होता है तो घर के लोग भी अछूते नहीं रह पाते । इसलिए समाज के सभी सदस्यों को आस-पड़ोस की सफाई में योगदान देना चाहिए । नदियों, तालाबों, झीलों, झरने के जल में किसी भी प्रकार की गंदगी का बहाव नहीं करना चाहिए । वायु में प्रदूषित तत्वों को मिलाने की प्रक्रिया पर लगाम लगानी चाहिए । अधिक मात्रा में पेड़ लगाकर वायु को शुद्ध रखना चाहिए ।

आत्मिक उन्नति के लिए निवास-स्थान के वातावरण का स्वच्छ होना अत्यावश्यक है । राष्ट्रपिता गाँधी जी स्वच्छता पर बहुत जोर देते थे । परंतु आधुनिक सभ्यता और हानिकारक उद्‌योगों के फैलाव के कारण पूरी दुनिया में प्रदूषण का संकट खड़ा हो गया है । अत: स्वच्छता में बाधक तत्वों को पहचान कर उनके प्रसार पर रोक लगानी चाहिए ।

Related Articles:

  • जल–प्रदूषण पर अनुच्छेद | Paragraph on Water Pollution in Hindi
  • साफ-सुथरी दुनिया की चाह में (निबंध) | Essay on In Search of a Clean World in Hindi
  • Letter to Municipal Officer in Hindi
  • छुट्टी का दिन पर निबंध / Essay on Holiday in Hindi
  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

Essay on cleanliness in hindi स्वच्छता पर निबंध.

Check out Essay on Cleanliness in Hindi or Essay on Sanitation in Hindi. What should we do to make India Clean? Today we are going to write an essay on cleanliness in Hindi and from this essay, you can take useful examples to write an essay on cleanliness in Hindi (Swachata ka Mahatva Essay in Hindi Language) स्वच्छता पर निबंध (Essay on Swachata ka Mahatva in Hindi) in a better way. Essay on Cleanliness in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

Essay on Cleanliness in Hindi

hindiinhindi Essay on Cleanliness in Hindi

Essay on Cleanliness in Hindi 300 Words

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है क्योकि यह एक क्रिया है जिससे हमारा शरीर, दिमाग, कपड़े, घर, आसपास और कार्यक्षेत्र साफ और शुद्ध रहते है। अपने आस-पास स्वच्छता रखना खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वच्छ रखना है, जो हमे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है। हमे हर समय खुद को शुद्ध, स्वच्छ और अच्छे कपडे पहन कर रखने चाहिए क्योकि यह समाज में आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है। साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है। अपनी खुद की स्वच्छता से मनुष्य का स्वास्थ्य ढीक रहता है जिससे उसकी आयु बीमार लोगो के मुकाबले ओर बढ़ती है। इसी लिए हम सब को हमारी धरती के जीवन को संभव बनाने के लिये इसके पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को शुद्ध बनाये रखना चाहिए।

स्वच्छता के कारण ही हम मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक तरह से स्वस्थ रहते है। अपने भी अपने घर में यह देखा होगा कि पूजा करने से पहले माता-पिता स्वच्छता को लेकर बहुत सख्त होते है। माता-पिता स्वच्छता को हमारी आदत बनाना चाहते है किन्तु उनका तरीका गलत है क्योकि वो हमे स्वच्छता के उद्देश्य और फायदे तो बताते ही नहीं। हर अभिवावक को तार्किक रुप से स्वच्छता के फायदे जरूर बताने चाहिए ताकि सब स्वच्छता कि एहमियत को समझ सके। हमे रोज अपने नहाना चाहिए, नाखुनों को काटना चाहिए साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े ही पहनने चाहिए। हमे खाना खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोने चाहिए। हमे बहार के ज्यादा मसालेदार खाने से बचना चाहिए।

हमे स्वस्थ जीवन शैली और जीवन के स्तर को बनाए रखने के लिए अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिए। हम अपने आस-पास के वातावरण को शुद्ध रखकर ही बहुत बीमारियों से बच सकते है। गंदगी से कई तरह के कीटाणु, बैक्टेरिया वाइरस तथा फंगस आदि पैदा होते है, जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते है और बीमार हो जाते है। हमे अपने माता-पिता से सीखना चाहिए कि कैसे हम अपने घर और आस-पास के वातावरण को कैसे ओर शुद्ध बना सकते है।

Other Hindi Essay

Essay on Bal Swachhta Abhiyan in Hindi

Swachh Bharat Abhiyan essay in Hindi

Essay on importance of water in Hindi

Mohalle Ki Safai Ke Liye Patra in Hindi

Thank you for reading. Don’t forget to give us your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

essay on cleanliness hindi language in hindi

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

ख्याल रखे.com

पाठकों के पसंदीदा लेख

  • स्वास्थ्य पर निबंध - Essay On Health In Hindi
  • काम के बोझ से तंग आकर ये बड़ी गलती करते है कुछ लोग
  • दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं शायरी - Diwali Quotes in Hindi
  • स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं शायरी - 15 August Happy Independence Day Wishes In Hindi

स्वच्छता पर कहानी

स्वच्छता एवं साफ सफाई पर निबंध Essay And Speech on Cleanliness In Hindi

स्वच्छता और हमारे जीवन में इसका महत्व पर निबंध.

Cleanliness Essay in Hindi – नमस्कार! इस युग की एक समस्या जो सभी को परेशान कर रही है वह है अपने आसपास के माहौल का अस्वच्छ होना। इसलिए अपनी और अपने घर की साफ सफाई (obscure cleaning) के साथ – साथ हमें अपने आस – पास की साफ सफाई पर भी खास ध्यान देना चाहिए। साफ – सफाई या स्वच्छता हमारी मूलभूत कर्तव्यों में से ही एक है।

लेकिन अफसोसनाक बात ये है कि व्यक्ति यह हार्दिक आकांक्षा तो रखता है कि वह स्वस्थ रहे, उसका शरीर सुन्दर, सुडौल, सक्षम बना रहे। उसको कोई रोग न लगे तथा वह हमेशा सुखमय जीवन व्यतीत करे । लेकिन अकसर यही लोग स्वच्छता को बाध्यकारी कार्य मानकर कभी जानबूझकर कर तो कभी अनजाने में सार्वजनिक, धार्मिक स्थलों व अपने आस – पास के अन्य जगहों पर गंदगी फैलाते हैं । ये लोग अपनी और अपने घर की साफ – सफाई तो करते हैं, लेकिन अपने आस – पास की सफाई करते हुए विरले ही दिखते हैं। इनका यह कृत्य समाज व राष्ट्र की छवि धूमिल करता है ।

ऐसा नहीं कि ये स्वच्छता का महत्व नहीं जानते है बल्कि वास्तविकता तो ये है कि इन्हें लगता हैं कि सार्वजनिक, धार्मिक स्थलों व अन्य जगहों की साफ – सफाई का जिम्मा केवल सरकारी एजेंसियों का है। हममें से ज्यादातर लोग इस बारे में कभी गम्भीरता से नहीं सोचते कि अगर हमारे आस – पास का मोहल्ला स्वच्छ साफ़ नहीं रहेगा, तो घर चाहे हम जितना भी साफ़ रखे, आस – पास की गंदगी हमें बीमार बनाएगी। जब तक हमारे घर और रास्ते गंदे रहेंगे, तब तक हम अपने – आपको सभ्य और सुसंस्कृत नहीं कह सकते। 

देश के भीतर ही कई बड़े शहरों के अंदर कूड़ा कचरे का अंबार लगा हुआ है। इन जगहों पर फैली गंदगी व कूड़ा कचरा सफाई व्यवस्था की सच्चाई बयां करने के लिए काफी है। सड़को से लेकर कई अन्य स्थानों पर जगह – जगह पान की पीक, गंदगी व बदहाली साफ दिखती है, लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि क्या साफ – सफाई कराने के जिम्मेदार अधिकारीयों की लापरवाही से हर तरफ अस्वच्छता है। बिलकुल नहीं। सामाजिक रूप से वही कुशल व्यक्ति होता है जो स्वच्छता को अपना मूल कर्तव्य मानता है । जब तक देश का हर नागरिक इसे अपनी जिम्मेदारी मानकर स्वयं नहीं उठायेंगे, तब तक स्वच्छता के लक्ष्य तक पहुँच पाना नामुमकिन हैं।

आज इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि देश के 60 फीसदी से ज्यादा लोगों के खुले में शौच करने की बुरी आदत के कारण कई जानलेवा बीमारियाँ पनप रही है और देश में बाल कुपोषण की समस्या भयावह बनी हुई है । ऐसे में भारत को स्वच्छ बना पाना, उस समय तक तो संभव ही प्रतीत नहीं होता जब तक कि देश के किसी भी भाग की महिलाएँ एवं लडकिया स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी स्वच्छता सेवाओं से वंचित हैं ।

स्वच्छता न होने के दुष्प्रभाव सभी समुदायों पर पड़ते है जो बीमारियों के प्रकोप एवं ख़राब स्वास्थ्य के रूप में परिलक्षित होते है । वैसे तो देश व समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए अनेक साधन और उपाय है । उनमें से कुछ सरकारी या गैर – सरकारी सस्थाओं द्वारा संचालित हैं तो कुछ का संचालन व्यक्तिगत रूप से निजी स्तर पर हो रहा है । पर हाल ही में जो सत्ता में नई सरकार आई है उसकी मुख्य प्राथमिकता भारत को स्वच्छ करने में है । इसी लिहाज से उसने एक क्रांतिकारी अभियान की शुरुआत की जिसका नाम है “स्वच्छ भारत अभियान ” है ।

Essay on Cleanliness in hindi

“स्वच्छ भारत अभियान ” Clean India Mission in Hindi

स्वच्छता संदेश के प्रति जागरूक करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को सफलतापूर्वक प्रारंभ किए गए स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य लक्ष्य वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत की नीतियों का अनुसरण करते हुए देश को स्वच्छ बनाना था। इस मिशन का लक्ष्य स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ ही 2019 तक लोगों के लिए अस्वस्थकारी प्रथाओं को खत्म करना है । साफ सफाई के महत्व को हर जन तक फैलाना था। 

देश में पहली बार स्वच्छता को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए इस तरह का आक्रमणकारी अभियान चलाया गया । यह अभियान राष्ट्रहित में मील का पत्थर साबित हो सकता है अगर हर भारतीय नागरिक का इसमें मजबूत योगदान हो । इसलिए  यह भारत में सबसे बड़े अभियान के रूप में गिना जाता है ।

दरअसल संख्या की दृष्टि से कम से कम बुनियादी स्वच्छता तक किसी भी प्रकार की पहुँच न रख पाने वालों की सर्वाधिक जनसंख्या भारत में है । इस दृष्टि से स्वच्छता अभियान का व्यापक उद्देश्य बुनियादी स्वच्छता तक पहुँच हर भारतीय का एक छोटा कदम पूरा कर सकता है ।

[

स्वच्छ भारत की संकल्पना न सिर्फ भारत सरकार का एक सार्थक प्रयास है बल्कि सभी भारतियों की यह एक नैतिक जिम्मेदारी है । और इसीलिए इस स्वच्छता अभियान को गांधी जी के जन्म दिन 2 अक्टूबर से जोड़ा गया है क्योंकि गाँधी जी स्वच्छता को देशभक्ति के सामान मानते थे । 

महात्मा गांधी इस बात पर बहुत बल देते थे सफाई का कार्य मनुष्य स्वयं करें क्योंकि जो सफाई नहीं करता वह पाप करता है । गांधी जी ने हमेशा सभी को अपना कार्य करने की शिक्षा दी । दक्षिण अफ्रीका में संघर्ष करते हुए भी लोगों को साफ सफाई जैसी अच्छी आदत को करने की शिक्षा दी ।

साफ सफाई का हमारे स्वास्थ्य से घनिष्ठ नाता होता है तभी तो जब हम गंदगी के संपर्क में आते है तो उसका सीधा कुप्रभाव हमारे स्वास्थ्य (health) पर पड़ता है। अत: अपनी और अपने घर की साफ सफाई  (obscure cleaning) के साथ – साथ हमें अपने आस – पास की साफ सफाई पर भी खास ध्यान देना चाहिए। साफ – सफाई या स्वच्छता हमारी मूलभूत कर्तव्यों में से ही एक है। 

लेकिन ध्यातव्य  है कि साफ  – सफाई की महत्ता केवल सामूहिक जीवन में ही नहीं बल्कि आर्थिक, सामाजिक और नैतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है । समाज के सर्वांगीण हित की दृष्टि से सफाई के बुनियादी तथ्यों तक पहुंचना बेहद जरुरी है पर विडम्बना यह है कि इन बुनियादी तथ्यों तक पहुंचने के लिए  सामायिक जागरूकता, सामान्य नागरिक संचेतना, शिक्षा में स्वच्छता को औचित्य्पूर्ण  सम्मानजनक स्थान आदि कई अनगिनत बातों को महत्व नहीं दिया जाता है । जबकि भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रति वर्ष करोंड़ों रुपये सरकारी तौर पर खर्च होते है फिर भी न जाने कितने ही बच्चों का जीवन कचरा बीनते हुए ही खत्म हो जाता है ।

सच तो यह है कि बढ़ती जनसंख्या के साथ कचरा प्रबंधन भी एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है । इसलिए उपयोग की गई वस्तु का रिसाइकल कर आमजन के लिए रोजगार के नये रास्ते खोले जा सकते है। इसके अलावा कचरे से वर्मी कम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक उर्वरको आदि का निर्माण किया जा सकता है । इससे जहाँ रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, वही सही तरीके से कचरा निष्पादन से लोगों के स्वास्थ्य पर भी उनका बुरा असर नहीं पड़ेगा और हमारे स्वास्थ्य खर्चे में भारी कमी हो सकती है ।

गंदगी समाज और खुद अपने आप दोनों को लिए हानिकारक होती है । घर हो, ऑफिस हो, कोई पालतू जानवर हो या आपका अपना स्कूल, कुआ, तालाब, नदी आदि सहित स्वच्छता एक स्वस्थ आदत है जो स्वच्छ पर्यावरण और स्वस्थ जीवनशैली के लिए हर किसी के पास होनी चाहिए। स्वयं और राष्ट्रहित के लिए स्वच्छता के निम्न उपाय कारगर है –

–> स्वच्छ भारत की नीतियों का अनुसरण करते हुए अपने देश को स्वच्छ रखने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें।

–> गीले एवं सूखे कचड़े हेतु हरे एवं नीले के डस्टबिन का प्रयोग करें।

–> देश भर में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान में बढ़ – चढ़ कर सहयोग प्रदान करें।

–> खुले में शौच न करें , खुले में शौच करना एक दंडनीय अपराध है।

–> प्रतिबंधित पोलिथीन का प्रयोग न करें , यह भी दंडनीय अपराध है।

–> सिर्फ घर पर और खाने के पहले ही हाथ न धोएं।

–> Workplace पर भी हाथ धोने की अच्छी आदत डाले।

–> इसी तरह office में landline phone को कई लोग छूते है इसलिए phone का इस्तेमाल करने के बाद हाथ जरुर धोएं।  

–> ऐसे ही अन्य सामान भी घरों में होते है जैसे टीवी , एयरकंडीशनर , music system और दूसरी electronic device के remote, दरवाजों के handle और light switch, car स्टेयरिंग , बच्चों के खिलौने , घर और computer या laptop की keyboard, kitchen का sink इत्यादि के इस्तेमाल के बाद सफाई जरुरी है।

–> समुचित और नियमित सफाई के लिए यह गौरतलब है कि हर जगह की सफाई के लिए अलग तरह के उपकरणों , कीटनाशकों और खास तरह के तौर तरीकों को अपनाने की जरुरत रहती है।

–> Fridge में महज गैस्केट से ही नहीं बल्कि door handle और shelf से भी गंदगी फैलती है।   इसलिए इसे रोजाना नहीं तो कुछ दिनों पर साफ़ करते रहे।

–> पालतू जानवरों के साथ खेलने के बाद हाथ जरुर धोएं।

–> अपने घर और office की दीवारों और खिड़कियों की भीतरी दीवारों और कोनों की सफाई खास तौर पर करें।   अकसर देखने में आता है कि लोग ऊपरी सफाई करते है पर अंधेरे कोनो पर ध्यान नहीं देते हैं।   यही सबसे ज्यादा बीमारियों के कीटाणु पलते बढ़ते है।   और इनका सफाया करने में किसी तरह की कोताही बरतना बीमारियों को दावत देना ही है।

–> जब बीमार हो तो रुमाल की जगह टिश्यू पेपर  (Tissue paper)  का इस्तेमाल करें।

आखिरकार सबसे बड़ी सम्पत्ति आप की सेहत ही है । कहा भी जाता है कि स्वास्थ्य ही धन है और स्वास्थ्य है तो सबकुछ है । इसलिए इस धन को प्राप्त करने के लिए उपर्युक्त साफ – सफाई को नजरअंदाज मत कीजिए । साफ सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार या प्रशासन की ही नहीं है। इसमें देश के प्रत्येक नागरिक की भूमिका अहम् है। अगर लोग इसके प्रति जागरूक नहीं होंगे तो स्वच्छता अभियान सफल होना संभव नहीं है।

*********************************************************************************************

सम्बंधित लेख (Related Post)

 स्वच्छता और स्वास्थ्य पर निबंध

स्वच्छता अभियान पर कविता, Quotes और नारे

स्वच्छता पर प्रेरक कहानी

निवदेन – Friends अगर आपको ‘  स्वच्छता पर निबंध Essay & Speech on Clean India Mission for cleanliness in Hindi Language  अच्छा लगा हो तो हमारे Facebook Page को जरुर like करे और  इस post को share करे | और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं |

' src=

3 thoughts on “ स्वच्छता एवं साफ सफाई पर निबंध Essay And Speech on Cleanliness In Hindi ”

Nice and amazing post

probably the best one i read after i read 5 articles…a master piece n its truly veryyy helpful to me…..thank u soo very much , keep going …

very nice i like it. Thanks

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

HindiKiDuniyacom

स्वच्छता पर भाषण (Speech on Cleanliness in Hindi)

स्वच्छता

स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और इसे हम बचपन से सीखते आए हैं और उम्र के साथ ये हमारी आदत बन जाती है। हम बचपन से अन्य व्यवहार जैसे बोलना, चलना सीखते हैं ठीक इसी प्रकार हमें सफाई की भी शिक्षा दी जाती है, इसका उदाहरण आप उस छोटे बच्चे से ले सकते हैं, जिसे जब भी शौच जाना हो तो बिस्तर पर करने के बजाए रोने लगता है। हम चाहे जिस उम्र मे हों स्वच्छता सदैव हमारे साथ चलती है। हमें जीवनभर स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।

स्वच्छता पर लम्बे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on Cleanliness in Hindi, Swachhata par bhashan)

स्वच्छता पर भाषण – 1 मिनट का भाषण (swachhata par bhashan).

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप-प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षक गण एवं मेरे प्रिय साथियों। आज मैं आप सबके सामने स्वच्छता पर कुछ शब्द बोलना चाहती हूं और आशा करती हूं कि आप सबको यह अवश्य ज्ञानवर्धक लगेगा।

स्वच्छता हमारे स्वस्थ जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और बिना स्वच्छता के जीवन शायद मुमकिन ही नहीं। क्यों कि गंदगी कीटाणुओं का घर होता है और जो विभिन्न प्रकार कि बिमारियों को जन्म देता है। हम बच्चों को शुरु से कुछ अच्छी आदतें सिखाते हैं और अपने वातावरण को भी साफ रखना सिखाते हैं। हमारे शारीरिक स्वच्छता के साथ-साथ आस पास के जगहों की सफाई भी आवश्यक है।

ठीक इसी प्रकार एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि, हम अपने देश को भी साफ-सुथरा रखें। भारत हमारे घर जैसा है और जैसे हम अपने घर को साफ रखते हैं, वैसे हि हमें अपने देश के बारे में भी सोचना चाहिये। हमारे जीवन में शारीरिक, मानसिक विचारों कि शुद्धी जितनी आवश्यक है उतनी ही आवश्यक है हमारे आस-पास की सफाई। तो एक जिम्मेदार नागरिक बनें और स्वच्छता को अपनाएं।

स्वच्छता अपनाएं और देश को आगे बढ़ाएं।

स्वच्छता पर भाषण – 2 मिनट का भाषण (Swachhata par bhashan)

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप-प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षक गण एवं मेरे प्रिय साथियों आज मैं आप सबके सामने स्वच्छता के संबंध में कुछ शब्द बोलना चाहती हूं और उसके महत्व को अपने शब्दों में समझाना चाहती हूं।

स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है और स्वस्थ शरीर, के लिए स्वस्थ वातावरण का होना बहुत जरुरी होता है। हमारा शरीर तभी स्वस्थ रह सकता है, जब हमारा वातावरण भी स्वछ हो और यह हमारा कर्तव्य है कि हमारा देश सदैव साफ रहे।

स्वच्छता बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह बात सच है कि हर बच्चे को अपने घर में स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है, पर हमें इसका पालन केवल घर तक सीमित नहीं रखना चाहिये। हमें अपने आस-पास के पर्यावरण और देश के हित में भी स्वच्छता का उपयोग करना चाहिये। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वछ भारत अभियान कि शुरुआत की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में स्वच्छता को बढ़ाना और देश में विकास कि गति को आगे बढ़ाना है। देश साफ रहेगा तो बीमारियां कम फैलेंगी और लोग कम बिमार पड़ेंगे। जिससे बीमारियों में देश का कम पैसा खर्च होगा और देश के विकास की गति और बढ़ जाएगी।

हमें बाहरी स्वच्छता के साथ-साथ आंतरिक स्वच्छता की भी आवश्यकता होती है। आंतरिक स्वच्छता का तात्पर्य हमारे आंतरिक विचारों कि शुद्धी से है। हमें अपने विचारों को साफ रखना चाहिये तथा किसी के लिए मन में द्वेश नहीं रखना चाहिये। जब कोई व्यक्ति बाहरी और आंतरिक सब तरीकों से स्वच्छ होगा, तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। क्यों कि हर कोइ एक दूसरे का भला चाहेगा। इस प्रकार हमने स्वच्छता के सार्वभौमिक विकास के बारे में जाना और आशा करती हूं कि आप इसे अपने व्यवहार में जरुर लाएंगे।

स्वच्छता पर भाषण – 5 मिनट का भाषण

महोदय, महोदया और मेरे प्यारे मित्रों को सुप्रभात। मेरा नाम……..है। मैं कक्षा…….में पढ़ता/पढ़ती हूँ। आज मै स्वच्छता पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। मैनें यह विषय विशेषरुप से हमारे दैनिक जीवन में इसके बहुत अधिक महत्व के कारण चुना है। वास्तव में, स्वच्छता का वास्तविक अर्थ घरों, कार्यस्थलों या हमारे चारों के वातवरण से गंदगी, धूल, मलिनता और गंदी, बदबू की पूरी तरह से अनुपस्थिति से है। स्वच्छता बनाये रखने का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य, सुन्दरता, को बनाये रखना आपत्तिजनक गंध को दूर करने के साथ ही गंदगी और मलिनता के प्रसार से बचना है। हम ताजगी और स्वच्छता को प्राप्त करने के लिए अपने दातों, कपड़ों, शरीर, बालों को दैनिक आधार पर साफ करते हैं।

हम विभिन्न वस्तुओं को साफ करने के लिए विभिन्न प्रकार के उत्पादों और पानी का प्रयोग करते हैं। जैसे दांतो कि सफाई के लिए हम दंत-मंजन का प्रयोग करते हैं, पहले के जमाने में लोग नीम के दातून का प्रयोग करते थे। परंतु शहरीकरण के कारण उनकी अनुपलब्धता ने हमे दंत मंजन के उपयोग से वंचित कर दिया है। ठीक इसी प्रकार हम अपने बाल, नाखून, त्वचा सबकी सफाई करते हैं।

क्योंकि हर तरफ कुछ ऐसे कीटाणु होते हैं, जो हमें अपनी आँखों से नहीं दिखते और इन हानिकारक सूक्ष्म जीवाणुओं को (जैसे बैक्ट्रीरिया, वायरस, फफूंद, कवक, शैवाल आदि) को हटाने में काफी सहायक होती है। स्वच्छता हमें स्वस्थ्य रखती है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर रखती है, जो हानिकारक जीवाणुओं से फैलती हैं। रोग के जीवाणु सिद्धांत के अनुसार, स्वच्छता का आशय कीटाणुओं की पूरी तरह अनुपस्थिति से है। गंदगी और बदबू की उपस्थिति से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की शक्ति कम हो सकती है।

सामान्यतः दो तरह की स्वच्छता होती है, पहली शारीरिक स्वच्छता और दूसरी आंतरिक स्वच्छता। शारीरिक स्वच्छता हमें बाहर से साफ रखती है और हमें आत्मविश्वास के साथ सुखद अनुभव कराती है। मगर, आन्तरिक स्वच्छता हमें मानसिक शान्ति प्रदान करती है और चिंताओं से दूर करती है। आंतरिक स्वच्छता से आशय मस्तिष्क में खराब, बुरे और नकारात्मक सोच की अनुपस्थिति से है। हृदय, शरीर और मस्तिष्क को साफ और सब में सैयम बनाए रखना ही पूरी स्वच्छता है। फिर भी हमें अपने चारों ओर को भी साफ रखने की आवश्यकता है ताकि हम साफ और स्वस्थ्य वातावरण में रह सकें। स्वच्छता महामारी वाले रोगों से दूर रखने और हमें सामाजिक हित की भावना प्रदान करेगी।

यह बहुत पुरानी कहावत है कि “स्वच्छता, भक्ति से भी बढ़कर है”। यह जॉन वैस्ले द्वारा बिल्कुल सही कहा गया है। स्वच्छता को, सभी घरों में बचपन से ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि ये छोटे बच्चों के बचपन में अभ्यास से आदत बन जाये और उनके लिए पूरे जीवन लाभकारी रहे। स्वच्छता उस अच्छी आदत की तरह है, जो न केवल एक व्यक्ति को लाभ पहुँचाती है, बल्कि, यह एक परिवार, समाज और देश को भी और इस प्रकार पूरे ग्रह को लाभ पहुँचाती है। इसे किसी भी आयु में विकसित किया जा सकता है हालांकि, बचपन से अभ्यास में रहना सबसे अच्छा है। एक बच्चे के रुप में, मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करता/करती हूँ कि, वो अपने बच्चों में इस आदत का अभ्यास कराये क्योंकि वो आप ही हैं जो इस देश को अच्छा नागरिक दे सकते हैं।

स्वच्छता ही सबसे बड़ी पहचान है।

स्वच्छता पर 10 मिनट का लम्बा भाषण

सभी महानुभावों, प्राचार्य महोदय, अध्यापक, अध्यापिकाएं और मेरे प्रिय साथियों को मेरा नम्र सुप्रभात। इस अवसर पर मैं स्वच्छता के विषय पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। मैं अपनी कक्षा अध्यापिका की बहुत आभारी हूँ, जिन्होंने इस अवसर पर भाषण देने के लिए मुझे चुना। यह बहुत ही गंभीर विषय है और जिसके लिए उच्च स्तर की सामाजिक जागरुकता की आवश्यकता है।

विकसित देशों के लोग (पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका) सफाई कर्मचारियों पर निर्भर नहीं रहते, क्योंकि वो खुद कभी अपनी सड़कों या अपने चारों ओर के वातावरण को गंदा नहीं करते, वे यह दैनिक आधार पर करते हैं। हमें भी अपने देश को स्वच्छ रखने के लिए इसी तरह के कुछ प्रभावशाली कदम उठाने चाहिए। हमें भी किसी सफाई कर्मचारी का इंतजार नहीं करना चाहिए कि वो हमारे आसपास के क्षेत्र और सड़कों को साफ करेगा।

सबसे पहले हमें सार्वजनिक स्थलों को गंदा नहीं करना चाहिए और यदि ये गंदे हो गये हैं तो, हमें इसे साफ करना चाहिए क्योंकि इसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं। इस जिम्मेदारी को सभी भारतीय नागरिकों को समझने की आवश्यकता है। हमें हमारी सोच को बदलने की आवश्यकता है क्योंकि केवल इसी के द्वारा हम भारत को स्वच्छ रख सकते हैं। बहुत से स्वच्छता संसाधन और प्रयास तब तक अधिक प्रभावशाली नहीं होगें जब तक कि हम अपनी सोच नहीं बनाते कि, पूरा देश हमारे घर की तरह है और हमें इसे स्वच्छ रखना है। यह हमारी सम्पत्ति है, न कि दूसरों की। हमें यह समझने की जरुरत है कि, एक देश घर की तरह होता है, जिसमें बहुत से परिवार के लोग संयुक्त परिवार की तरह रहते हैं।

हमें यह मानना चाहिए कि, घर के अंदर की वस्तुएं हमारी अपनी सम्पत्ति हैं, और उन्हें कभी भी गंदा और खराब नहीं करना चाहिए। इसी तरह, हमें यह भी मानने की आवश्यकता है कि, घर के बाहर प्रत्येक वस्तु भी हमारी अपनी सम्पत्ति है, और उसे हमें गंदा नहीं करना चाहिए और उन्हें स्वच्छ रखना चाहिए। हम अपने देश की बिगड़ी हुई स्थिति को सामूहिक स्वामित्व की भावना से बदल सकते हैं। संरचनात्मक परिवर्तनों के स्थान पर, औद्योगिक, कृषि, और अन्य क्षेत्रों से कचरे के लिए प्रभावशाली प्लांटों का निर्माण करके, सरकार द्वारा कानूनों और नियमों को बनाया जाना चाहिए; हमें अपनी खुद की जिम्मेदारी को अपनी सोच का प्रयोग करके अपने प्रयासों के द्वारा मानने की आवश्यकता है। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है; यह प्रत्येक भारतीय नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है।

यह सत्य है कि, हम पूरे देश को एक दिन या साल में साफ नहीं कर सकते, हालांकि, यदि हम भारत में सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने पर रोक लगाने में ही सफल हो जाते हैं, तो यह भी हमारी बड़ी भागीदारी होगी। यह हमारी जिम्मेदारी है, कि हम स्वंय को रोकने के साथ-साथ उन दूसरे लोगों को भी रोकें जो हमारे भारत को गंदा कर रहे हैं। हम सामान्य तौर पर अपने परिवारों में देखते हैं कि, घर का प्रत्येक सदस्य कुछ विशेष जिम्मेदारी (कोई झाड़ू लगाता है, कोई सफाई करता है, कोई सब्जी लाता है, कोई घर के बाहर के कार्य करता है आदि) रखता है, और उसे यह कार्य समय पर किसी भी कीमत पर करने पड़ते है। इसी तरह, यदि सभी भारतीय अपने आस-पास के छोटे स्थानों के लिए अपनी जिम्मेदारियों (स्वच्छता और गंदगी फैलाने से रोकना) को समझते हैं, तो मेरा मानना है कि वो दिन दूर नहीं, जब हम देश में चारों ओर स्वच्छता को देखेंगे।

स्वच्छता अभियान को शुरु करने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा मस्तिष्क भी साफ हो। स्वच्छता स्वस्थ मस्तिष्क, आत्मा और वातावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जैसे हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इसकी देखभाल करते हैं, इसी तरह हमें अपने देश की भी देखभाल करनी चाहिए।

स्वच्छ भारत अभियान (या क्लीन इंडिया मिशन) भारत सरकार द्वारा चलाया जाने वाला स्वच्छता अभियान है जो लगभग भारत के 4,041 शहरों और कस्बों की सड़कों, गलियों और देश की संरचना को बेहतर बनाने के लिए शुरु किया गया है। हमें इस राष्ट्रीय अभियान का आदर करते हुए इसका अनुसरण करना चाहिए और अपने हर संभव सकारात्मक प्रयास के द्वारा इसे सफल करना चाहिए।

संबंधित पोस्ट

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण

बाल दिवस

बाल दिवस पर भाषण

बाल मजदूरी

बाल मजदूरी पर भाषण

खेल

खेल पर भाषण

क्रिसमस

क्रिसमस पर भाषण

बॉस

बॉस के लिए विदाई भाषण

10 lines on Cleanliness in Hindi Language

In this article, we are providing 10 Lines on Cleanliness in Hindi. In these few / some lines on Cleanliness, you will get information about Cleanliness ( Hindi ) for students and kids. हिंदी में स्वच्छता पर 10 लाइनें, Short 10 lines essay on Cleanliness, Safai ke upar 10 lines.

Read Also- Essay on Cleanliness in School in Hindi

essay on cleanliness hindi language in hindi

1. स्वच्छता का अर्थ होता है अपने घरों ओर आस पास साफ-सफाई रखना ।

2. स्वच्छ और सुंदर भारत का सपना महात्मा गांधी जी ने देखा था ।

3. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी जी ने “स्वच्छ भारत अभियान” कि शुरुआत करके महात्मा गांधी जी का स्वच्छ भारत का सपना पूरा किया है ।

4. स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत “महात्मा गांधी जयंती” के दिन 2 अक्टूबर, 2014 को की गई थी ।

5. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा स्वच्छ राज्य छत्तीसगढ़ था ।

6. स्वच्छता एक बहुत अच्छी आदत है, जो हर किसी में होनी चाहिए ।

7. “स्वच्छता ही सेवा” है यह स्लोगन गांधी जी ने स्वच्छता का महत्व समझाते हुए दिया था ‌।

8. पूरे विश्व के अंदर स्वच्छता के मामले पहले स्थान पर आयरलैंड आता है और इस सूची के अंदर भारत 98वे स्थान पे है।

9. भारत को विश्व स्तर पर स्वच्छता के प्रति जागरुक देशों में शामिल किया गया है।

10. स्वच्छता को इसलिए इतना महत्व दिया जाता है क्योंकि स्वच्छता से ही बीमारियों से बचा जा सकता है ।

10 Lines on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi

Swachh Bharat Abhiyan Slogans in Hindi- स्वच्छ भारत अभियान पर नारे

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों lines on Cleanliness in Hindi (article) आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

essay on cleanliness hindi language in hindi

  • BPSC 70th नोटिफिकेशन 2024
  • यूजीसी नेट के फायदे
  • Career Expert Advice
  • Gandhi Jayanti Essay In Hindi 2nd October Nibandh For School Students In 10 Lines 200 Words

Gandhi Jayanti Nibandh: गांधी जयंती पर निबंध हिंदी में, ऐसे लिखा तो 2 अक्टूबर को सब करेंगे तारीफ!

Gandhi jayanti essay in hindi:  गांधी जयंती, 2 अक्टूबर को मनाई जाती है और यह महात्मा गांधी की जयंती है। इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आज हम आपके लिए यहां गांधी जयंती पर 200 शब्दों का निबंध लेकर आए हैं।.

gandhi jayanti essay in hindi 2nd october nibandh for school students in 10 lines 200 words

प्रस्तावना: 2 अक्टूबर-गांधी जी का जन्मदिन

प्रस्तावना: 2 अक्टूबर-गांधी जी का जन्मदिन

दो अक्टूबर को हम सब गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं। यह दिन महात्मा गांधी का जन्मदिन होता है। गांधी जी भारत के बहुत बड़े नेता थे। वो पूरी दुनिया में शांति और अहिंसा के लिए जाने जाते हैं। यह दिन भारत में बड़े सम्मान से मनाया जाता है। गांधी जी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने अंग्रेजों से भारत को आज़ाद कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वो हमेशा सच, अहिंसा और सत्याग्रह पर चलते थे। उनका मानना था कि समाज और राजनीति में बदलाव लाने का यही सबसे अच्छा तरीका है। उनके नेतृत्व और अहिंसा के प्रति समर्पण ने लाखों भारतीयों को आज़ादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

गांधी जी का दांडी मार्च आंदोलन

गांधी जी का दांडी मार्च आंदोलन

1930 का दांडी मार्च, गांधी जी से जुड़ी एक बहुत ही प्रसिद्ध घटना है। इसमें गांधी जी और उनके हजारों समर्थक अरब सागर तक 240 मील से ज़्यादा पैदल चले थे। यह मार्च अंग्रेजों द्वारा नमक पर लगाए गए टैक्स के खिलाफ था। इस शांतिपूर्ण विरोध ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा और गांधी जी के अहिंसक प्रतिरोध के तरीके को सबके सामने लाया।

2 अक्टूबर यानी छुट्टी का दिन नहीं!

2 अक्टूबर यानी छुट्टी का दिन नहीं!

गांधी जयंती सिर्फ़ छुट्टी का दिन नहीं है। यह दिन उनके बारे में सोचने और खुद को समझने का दिन है। इस दिन स्कूलों में बच्चों को उनके जीवन और शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है। लोग प्रार्थना सभाओं में जाते हैं, उनकी मूर्तियों पर फूल चढ़ाते हैं और उनके प्रिय भजन गाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस: पूरी दुनिया पर बापू का प्रभाव

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस: पूरी दुनिया पर बापू का प्रभाव

गांधी जी के सिद्धांतों का महत्व पूरी दुनिया में है, इसलिए 2 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' भी मनाया जाता है। उनसे न सिर्फ़ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लोग प्रेरित हुए, जैसे कि अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग जूनियर और दक्षिण अफ़्रीका के नेल्सन मंडेला।

उपसंहार: गांधी जी के रास्ते पर चलें!

उपसंहार: गांधी जी के रास्ते पर चलें!

अंत में, गांधी जयंती महात्मा गांधी को याद करने और उनके बताए रास्ते पर चलने का दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि अहिंसा, सच्चाई और न्याय से ही एक अच्छी और शांत दुनिया बन सकती है। गांधी जी की सीख आज भी लोगों को शांतिपूर्ण तरीकों से बदलाव लाने की दिशा में प्रेरित करती है।

प्रभाष रावत

रेकमेंडेड खबरें

एक राज्य से दूसरे में नौकरी करना गुनाह! क्यों डोमिसाइल नीति की हो रही चर्चा?

IMAGES

  1. स्वच्छता पर निबंध । Essay on Cleanliness in Hindi । Swachhata par nibandh Hindi mein

    essay on cleanliness hindi language in hindi

  2. स्वच्छता पर निबंध/essay on cleanliness in hindi/paragraph on cleanliness/cleanliness par nibandh

    essay on cleanliness hindi language in hindi

  3. स्वच्छता पर निबंध

    essay on cleanliness hindi language in hindi

  4. स्वच्छता पर निबंध हिंदी में

    essay on cleanliness hindi language in hindi

  5. Essay on Importance/Value of Cleanliness In Hindi

    essay on cleanliness hindi language in hindi

  6. स्वच्छता के महत्व पर निबंध/essay on importance of cleanliness in hindi

    essay on cleanliness hindi language in hindi

VIDEO

  1. Essay on Students Life in Hindi

  2. swachhata par nibandh/essay on cleanliness in Hindi

  3. essay on importance of cleanliness in english/swachhta ka mahato par nibandh/paragraph on importance

  4. Slogan on Cleanliness in Hindi

  5. swachhta paŕ nibandh/essay on cleanliness in Hindi

  6. swacchata par Kavita/poem on cleanliness in Hindi

COMMENTS

  1. स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay in Hindi)

    स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay in Hindi) नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक बड़ा कदम हो सकता है हर भारतीय ...

  2. स्वच्छता पर निबंध 10 लाइन (Essay On Cleanliness in Hindi) 100, 150, 200

    स्वच्छता पर निबंध 10 लाइन (100 - 150 शब्द) (Cleanliness Essay 10 Lines (100 - 150 Words) in Hindi) 1) स्वच्छता एक अच्छी आदत है जिसका अर्थ है धूल, कीटाणु आदि से मुक्त होना।. 2 ...

  3. स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi (1000W)

    स्वच्छता पर 10 लाइन 10 lines on Cleanliness in Hindi. वातावरण स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए साफ-सफाई जरूरी है।. स्वच्छता हमारे जीवन के लिए बहुत ही ...

  4. Essay on Cleanliness : स्वच्छता पर हिन्दी में सबसे अच्छा निबंध

    Mahatma Gandhi essay in Hindi : महात्मा गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी तथा पिता ...

  5. स्वच्छता पर निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi)

    स्वच्छता पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Cleanliness in Hindi 200-300 Words) अगर आपके बच्चे को 200 से 300 शब्दों के बीच प्रदुषण पर अनुच्छेद लिखना है तो उन्हें ...

  6. स्वच्छता पर निबंध: Essay on Cleanliness in Hindi

    Essay on Cleanliness in Hindi (Swachhata Par Nibandh) से सम्बंधित प्रत्येक जानकारी को हमने इस लेख में साझा कर दिया है यदि आपको लेख से जुड़ी अन्य जानकारी कोई प्रश्न पूछना है तो आप इसके ...

  7. स्वच्छता का महत्व पर निबंध, स्वच्छता भक्ति के समान है: Cleanliness is

    स्वच्छता का महत्व पर निबंध, importance of cleanliness essay in hindi (100 शब्द) स्वच्छता, भक्ति के समान है, जिसका अर्थ है स्वच्छता से ईश्वरत्व या अच्छाई का मार्ग प्रशस्त होता है ...

  8. स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi)

    स्वच्छ भारत अभियान पर 500 शब्द का निबंध (500 Words Essay On Swachh Bharat Abhiyan) स्वच्छ भारत अभियान (Swachchh Bharat Abhiyan in Hindi), को Clean India Mission या स्वच्छ भारत मिशन (Swachchh Bharat Mission in Hindi ...

  9. Essay on cleanliness in hindi, article, paragraph: स्वच्छता पर निबंध, लेख

    स्वच्छता पर निबंध, short essay on cleanliness in hindi (100 शब्द) स्वच्छता कोई काम नहीं है जिसे हमें जबरदस्ती करना चाहिए। यह हमारे स्वस्थ जीवन की एक अच्छी आदत और स्वस्थ तरीका है ...

  10. स्वच्छता अभियान पर 300 और 500 शब्दों में निबंध

    दोस्तों, आज के लेख के माध्यम से हम स्वच्छता अभियान पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जो कि प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थी के लिए उपयोगी रहेगा। तो आइए जानते हैं

  11. स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है पर निबंध (Cleanliness is Next to

    Essay on Cleanliness is Next to Godliness in Hindi (500 - 600 शब्द) प्रस्तावना. स्वच्छता के विषय में एक काफी प्रसिद्ध कहावत है कि "स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है"" यह ...

  12. स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay In Hindi Language)

    प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi) 10 Lines On Cleanliness In Hindi Language; 10 Lines On Importance Of Cleanliness In Hindi Language; स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

  13. 10 Lines on Cleanliness in Hindi। स्वच्छता पर 10 लाइन निबंध

    Cleanliness Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। आज आप "स्वच्छता पर 10 लाइन निबंध" या "10 Lines on Cleanliness in Hindi" में पढ़ेंगे।

  14. Essay On Cleanliness In Hindi स्वच्छता पर निबंध

    स्वच्छता का महत्व Importance Of Cleanliness Essay In Hindi -. Swachata Par Nibandh Hindi Mein - सभी धर्मों में स्वच्छता का सन्देश दिया गया है। कहते है कि जहां सफाई होती है, वहां ...

  15. स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

    स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swacch Bharat Abhiyan Essay In Hindi) 10 Lines On Cleanliness In Hindi Language 10 Lines On Importance Of Cleanliness In Hindi Language

  16. स्वच्छता पर निबंध

    स्वच्छता पर निबंध | Essay on Cleanliness in Hindi! स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है ।यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय ...

  17. Essay on Cleanliness in Hindi स्वच्छता पर निबंध

    Today we are going to write an essay on cleanliness in Hindi and from this essay, you can take useful examples to write an essay on cleanliness in Hindi (Swachata ka Mahatva Essay in Hindi Language) स्वच्छता पर निबंध (Essay on Swachata ka Mahatva in Hindi) in a better way. Essay on Cleanliness in Hindi is asked in ...

  18. स्वच्छता और साफ सफाई पर निबंध Essay And Speech on Cleanliness In Hindi

    स्वच्छता और हमारे जीवन में इसका महत्व पर निबंध. Cleanliness Essay in Hindi - नमस्कार! इस युग की एक समस्या जो सभी को परेशान कर रही है वह है अपने आसपास के माहौल का अस्वच्छ ...

  19. स्वच्छता पर भाषण (Speech on Cleanliness in Hindi)

    स्वच्छता पर भाषण (Speech on Cleanliness in Hindi) By अर्चना सिंह / July 26, 2023. स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और इसे हम बचपन से सीखते आए हैं और उम्र के साथ ...

  20. स्वच्छता पर निबंध- Essay on Cleanliness in Hindi

    Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi - स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध. Swachh Bharat Abhiyan Slogans in Hindi- स्वच्छ भारत अभियान पर नारे. ध्यान दें - प्रिय दर्शकों Essay on Cleanliness in Hindi आपको ...

  21. स्वच्छ भारत पर निबंध (Clean India Essay In Hindi Language)

    स्वच्छ भारत पर निबंध (Clean India Mission Essay In Hindi) प्रस्तावना. सामान्य तौर पर देखा जाता है कि अगर हमे खुद का सही तरीके से विकास करना है, तो उसके लिए सफाई को महत्व देना ...

  22. 10 lines on Cleanliness in Hindi Language

    In this article, we are providing 10 Lines on Cleanliness in Hindi. In these few / some lines on Cleanliness, you will get information about Cleanliness ( Hindi ) for students and kids. हिंदी में स्वच्छता पर 10 लाइनें, Short 10 lines essay on Cleanliness, Safai ke upar 10 lines.

  23. स्वछता पर निबंध 20 लाइन

    #essay#swachhtaabhiyan #hindiwriting स्वछता पर निबंध 20 लाइन Essay on cleanliness in Hindi Swachhta par nibandh hindi meस्वछता पर निबंध ...

  24. Gandhi Jayanti Nibandh: गांधी ...

    Gandhi Jayanti Essay In Hindi 2nd October Nibandh For School Students In 10 Lines 200 Words Gandhi Jayanti Nibandh: गांधी जयंती पर निबंध हिंदी में, ऐसे लिखा तो 2 अक्टूबर को सब करेंगे तारीफ!